नई दिल्ली। (Operation Sindoor) भारतीय सेना ने एक बार फिर अपने अद्वितीय शौर्य और रणनीतिक कौशल का परिचय देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को महज 25 मिनट में अंजाम देकर पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (पीओके) में मौजूद आतंक के अड्डों को नेस्तनाबूद कर दिया। मंगलवार आधी रात के बाद शुरू हुए इस अभियान में वायुसेना और थलसेना की संयुक्त कार्रवाई से कुल नौ आतंकी शिविरों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया।
इस अभियान की कमान लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी और वायुसेना की विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने संभाली। ले. कर्नल सोफिया ने बताया कि ऑपरेशन का पहला लक्ष्य सवाई नाला कैंप, मुजफ्फराबाद था, जो नियंत्रण रेखा से 30 किलोमीटर भीतर स्थित था और लश्कर-ए-तैयबा का प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र था। यहीं से सोनमर्ग, गुलमर्ग और हाल ही में पहलगाम में हमला करने वाले आतंकियों को प्रशिक्षण दिया गया था।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह के अनुसार, “रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच अभियान को अंजाम दिया गया। सभी टारगेट्स को बेहद सटीकता से निशाना बनाया गया ताकि नागरिक संरचनाओं या आम लोगों को कोई नुकसान न हो।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 के पहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए चलाया गया था।
इस साहसिक कार्रवाई से पहले सेना ने सोशल मीडिया पर लिखा, “हमले को तैयार, जीतने को बेकरार”, जिसने पूरे देश को जोश और गर्व से भर दिया। स्ट्राइक के बाद कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (CCS) की आपात बैठक भी हुई, जिसमें हालात की समीक्षा की गई।
ऑपरेशन सिन्दूर’ क्या है संदेश ? | पूर्व विंग कमांडर अरुणेंद्र नाथ वर्मा से द लेंस की खास बातचीत
सटीक प्रहार : मिट्टी में मिल गए ये आतंकी अड्डे
- मरकज सुब्हान अल्लाह, बहावलपुर – जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय।
- सरजल कैंप, सियालकोट – 2025 में कश्मीर में जवानों की हत्या में संलिप्त आतंकियों का प्रशिक्षण केंद्र।
- महमूना जोया कैंप, सियालकोट – पठानकोट हमले से जुड़ा हिजबुल कैंप।
- मरकज तैयबा, कोटली – मुंबई हमलों के आतंकी यहीं से प्रशिक्षित हुए थे।
- सवाई नाला, मुजफ्फराबाद – हालिया पहलगाम, सोनमर्ग, गुलमर्ग हमलों का गढ़।
- मरकज अहले हदीस, बरनाला
- मरकज अब्बास, कोटली
- मस्कर राहिल शाहिद, कोटली
- सैयद बिलाल कैंप, मुजफ्फराबाद
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