पहलगाम आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत और 20 लोगों के घायल होने के बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation sindoor) के जरिए आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की। 6-7 मई 2025 की रात भारतीय सेना और वायुसेना ने पाकिस्तान और PoK में 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया। इस ऑपरेशन ने पाकिस्तान में खलबली मचा दी, कई प्रांतों में इमरजेंसी घोषित हुई और उड़ानें रद्द कर दी गईं। इसके अलावा पिछले दशक में सीमापार आतंकवाद ने 350 से अधिक भारतीय नागरिकों और 600 से अधिक सुरक्षाकर्मियों की जान ली। आइए जानते हैं उन 9 ठिकानों के बारे में जिन्हें भारत ने निशाना बनाया।

1. बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद का गढ़
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में स्थित बहावलपुर जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय है, जहां इसका सरगना मसूद अजहर पनाह लिए हुए है। यह ठिकाना 2001 के भारतीय संसद हमले, 2019 के पुलवामा हमले और हाल के पहलगाम हमले जैसे आतंकी कृत्यों का केंद्र रहा है। बहावलपुर में 18 एकड़ का मरकज सुभान अल्लाह परिसर आतंकी हमलों की योजना, फंडिंग और आतंकियों को ब्रेनवॉश करने का प्रमुख अड्डा था। भारतीय खुफिया एजेंसियों की रिपोर्ट्स के अनुसार, यहीं से आतंकियों को प्रशिक्षित कर भारत में घुसपैठ के लिए भेजा जाता था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय वायुसेना ने मिसाइलों और ड्रोन्स का इस्तेमाल कर इस परिसर को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया, जिससे जैश के नेटवर्क को गहरा झटका लगा। यह ठिकाना पाकिस्तानी सेना के 31वें कोर मुख्यालय के करीब होने के कारण ISI के समर्थन का भी प्रतीक था।

2. मुरिदके: लश्कर-ए-तैयबा का संचालन केंद्र
लाहौर से 30 किमी दूर पंजाब प्रांत में स्थित मुरिदके लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का 200 एकड़ का विशाल मुख्यालय है, जिसे 1988 में हाफिज सईद ने स्थापित किया था। यह ठिकाना 26/11 मुंबई हमलों जैसे खूंखार आतंकी हमलों की साजिश रचने का केंद्र रहा है, जहां अजमल कसाब जैसे आतंकियों को प्रशिक्षित किया गया था। मुरिदके में आतंकियों की भर्ती प्रशिक्षण और भारत-विरोधी प्रचार की गतिविधियां चलती थीं। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना ने राफेल जेट्स और स्कैल्प मिसाइलों का इस्तेमाल कर इस ठिकाने को पूरी तरह नष्ट कर दिया। हमले में लश्कर के दो शीर्ष कमांडर हाफिज अब्दुल मलिक और मुदस्सिर मारे गए। यह कार्रवाई आतंकी नेटवर्क को स्पष्ट संदेश थी कि भारत उनकी हर साजिश का जवाब देगा।

3. सियालकोट: हिजबुल और जैश की जुगलबंदी
पंजाब प्रांत में अंतरराष्ट्रीय सीमा के करीब स्थित सियालकोट हिजबुल मुजाहिदीन और जैश-ए-मोहम्मद के संयुक्त प्रशिक्षण शिविरों का केंद्र था। यह ठिकाना कठुआ, सांबा और जम्मू क्षेत्रों में आतंकियों की घुसपैठ की साजिश रचने के लिए कुख्यात था। सियालकोट की रणनीतिक स्थिति के कारण आतंकी आसानी से भारतीय सीमा में प्रवेश की योजना बनाते थे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने सटीक हवाई हमलों से इन शिविरों को पूरी तरह तबाह कर दिया, जिससे घुसपैठ के प्रमुख रास्ते बंद हो गए। इस कार्रवाई ने आतंकी संगठनों के सहयोग और उनके नेटवर्क को गहरा नुकसान पहुंचाया, जिससे जम्मू क्षेत्र में आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाने में मदद मिली।

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4. सरजाल: जैश का लॉन्चिंग बेस
सांबा और कठुआ के नजदीक पंजाब प्रांत में स्थित सरजाल जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख लॉन्चिंग बेस था। यह ठिकाना आतंकियों को प्रशिक्षण देने और उन्हें भारत में घुसपैठ के लिए तैयार करने का केंद्र था। सरजाल की रणनीतिक स्थिति ने इसे जैश के फील्ड ऑपरेशन्स के लिए महत्वपूर्ण बनाया था, जहां से आतंकी जम्मू क्षेत्र में हमलों की साजिश रचते थे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने सटीक हवाई हमलों से इस ठिकाने को पूरी तरह नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई ने जैश की घुसपैठ की क्षमता को गंभीर रूप से कमजोर किया और आतंकी संगठन के ऑपरेशनल ढांचे को तोड़ दिया।

5. महमूना: हिजबुल का रणनीतिक ठिकाना
पंजाब प्रांत में नागरिक क्षेत्रों के करीब स्थित महमूना में हिजबुल मुजाहिदीन का एक रणनीतिक प्रशिक्षण शिविर था। इसकी लोकेशन ने इसे आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकाना बनाया था, क्योंकि यह सामान्य आबादी के बीच छिपा हुआ था। महमूना से आतंकी घुसपैठ की योजना बनाते थे और जम्मू क्षेत्र में हमलों के लिए तैयार किए जाते थे। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने इस शिविर को सटीक हमलों से पूरी तरह ध्वस्त कर दिया। इस कार्रवाई ने हिजबुल के रणनीतिक नेटवर्क को कमजोर किया और आतंकियों के लिए सुरक्षित ठिकानों को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

6. गुलपुर (PoK): आतंकी लॉजिस्टिक्स हब
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में नियंत्रण रेखा (LoC) के करीब स्थित गुलपुर जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा का साझा ऑपरेटिंग बेस था। यह ठिकाना हथियारों के भंडारण, आतंकी हमलों की योजना और लॉजिस्टिक्स मूवमेंट का केंद्र था। गुलपुर पुंछ और राजौरी क्षेत्रों में होने वाली आतंकी घटनाओं से सीधे जुड़ा था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक के जरिए इस लॉजिस्टिक्स हब को पूरी तरह तबाह कर दिया। इस कार्रवाई ने आतंकी संगठनों की आपूर्ति श्रृंखला को बाधित कर उनके ऑपरेशनल ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचाया।

7. सवाई (PoK): कश्मीर घाटी का गेटवे
PoK में तंगधार सेक्टर के करीब स्थित सवाई घाटी आतंकियों को कश्मीर घाटी में हमलों के लिए तैयार करने का प्रमुख केंद्र थी। यहां आतंकियों को गांदरबल, गुलमर्ग और पहलगाम जैसे पर्यटन स्थलों पर हमले करने का प्रशिक्षण दिया जाता था। हाल के पहलगाम बस हमले की साजिश भी यहीं से रची गई थी। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना ने सटीक मिसाइल हमलों से इस शिविर को पूरी तरह नष्ट कर दिया। इस कार्रवाई ने कश्मीर घाटी में आतंकी गतिविधियों को रोकने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और पर्यटन स्थलों पर हमलों की साजिश को विफल किया।

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8. बिलाल (PoK): घुसपैठ का लॉन्चपैड
PoK में बिलाल गांव में जैश-ए-मोहम्मद का एक स्थायी लॉन्चपैड था, जहां आतंकियों को टेक्निकल और शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता था। प्रशिक्षण के बाद इन्हें भारतीय सीमा में घुसपैठ के लिए भेजा जाता था। यह ठिकाना 2016 की सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भी सक्रिय रहा था, जो जैश की लगातार गतिविधियों का सबूत था। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना ने सटीक हमलों से इस लॉन्चपैड को पूरी तरह तबाह कर दिया। इस कार्रवाई ने जैश की घुसपैठ की क्षमता को गंभीर रूप से कमजोर किया और आतंकी नेटवर्क को बड़ा झटका दिया।

9. कोटली (PoK): लश्कर का सुरक्षित ठिकाना
PoK में नियंत्रण रेखा से 15 किमी दूर स्थित कोटली में लश्कर-ए-तैयबा का एक बड़ा बेस था, जहां लगभग 50 आतंकी जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर हमले की साजिश रच रहे थे। यह ठिकाना राजौरी और पुंछ क्षेत्रों में बड़े आतंकी हमलों की योजना का केंद्र था। भारतीय खुफिया एजेंसियों की जानकारी के आधार पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय वायुसेना ने एयरस्ट्राइक के जरिए इस शिविर को पूरी तरह नष्ट कर दिया। हमले में कई आतंकी मारे गए, जिससे लश्कर की ऑपरेशनल क्षमता को गहरा नुकसान पहुंचा।

Operation sindoor ऑपरेशन सिंदूर भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति का प्रतीक है। इसने जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के नेटवर्क को गहरा झटका दिया है।
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