नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले का बदला लेना भारतीय सेना ने मंगलवार-बुधवार दरमियानी रात सैन्य कार्रवाई की। इसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (operation sindoor) नाम दिया गया। इसके तहत 9 शहरों में पाकिस्तान और PoK में आतंकी संगठनों के 24 ठिकानों पर मिसाइल से हमले किए। इसलिए इसे मिसाइल स्ट्राइक नाम दिया गया। यह कार्रवाई 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई, जिसमें 26 लोगों की जान गई थी।
भारतीय सेना ने पहलगाम हमले के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठनों जैसे जैश-ए-मोहम्मद (JeM), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकानों को नष्ट करने के लिए यह कार्रवाई शुरू की। इस पूरे ऑपरेशन की डिटेल देने के लिए सेना और विदेश मंत्रालय की तरफ से प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री के साथ सेना की दो महिला अफसर ने ऑपरेशन को ब्रीफ किया। आर्मी से कर्नल सोफिया कुरैशी, एयरफोर्स से विंग कमांडर व्योमिका सिंह भी मौजूद थीं।


प्रेस कॉन्फेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने कहा, पहलगाम में आतंकियों का हमला बर्बर था। पहलगाम में परिवार के सामने हत्या की गई। पाकिस्तान की साजिश के लिखित दस्तावेज। आतंकी हमले में टीआरएफ की भूमिका सामने आई। पाकिस्तान ने दुनिया को गुमराह किया। लश्कर ने पहलगाम में हमला करवाया। पाकिस्तान से आतंकियों के संबंध सामने आए। पहलगाम हमले को लेकर देशभर में आक्रोश। कल रात भारत ने एक्शन लिया। कल रात भारत ने एक्शन लिया। भारत ने जिम्मेदारी के साथ कार्य किया।
आतंक रोकने के लिए अधिकारों का प्रयोग किया। भारत ने हमलों का जवाब दिया। भारत की कार्रवाई आतंकियों के खिलाफ। आज सुबह आतंकी ठिकानों पर निशाना। भारत ने अपने अधिकार का प्रयोग किया। जम्मू कश्मीर की शांति भंग करने के लिए हमला। आतंकियों को पनाह देता है पाक। 22 अप्रैल से अब तक आतंक के खिलाफ पाकिस्तान ने कोई कदम नहीं उठाया।। भारत ने आतंक रोकने के लिए अधिकार का प्रयोग किया। आज सुबह आतंकी ठिकानों पर निशाना।
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कर्नल सोफिया कुरैशी और एयरफोर्स से विंग कमांडर व्योमिका सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर के बारे में बताया, इस आपेरश में यह ध्यान रखा गया कि निर्दोष नागरिकों को नुकसान न पहुंचे। रात 1.05 बजे से 1.30 बजे के बीच ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। लक्ष्यों का चयन विश्वस्त सूचना के आधार पर किया गया। कोटली के अब्बास कैंप में लश्कर के फिदायिन तैयार होते थे। किसी भी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया।
पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में लश्कर-ए-तैयबा के कई आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप अब भी सक्रिय हैं और हालिया आतंकी हमलों की जांच में इनके तार सीधे जुड़ते नजर आ रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों से मिली जानकारी के अनुसार, सवाई नाला मुजफ्फराबाद स्थित एक प्रमुख ट्रेनिंग सेंटर रहा है, जहां सोनमर्ग, गुलमर्ग और पहलगाम में हुए आतंकी हमलों के हमलावरों को प्रशिक्षण दिया गया था।
मुजफ्फराबाद में ही स्थित सैयदना बिलाल कैंप में आतंकियों को हथियार चलाने, विस्फोटकों का उपयोग करने और जंगलों में छिपने-सर्वाइव करने की गहन ट्रेनिंग दी जाती है। इस कैंप की निगरानी लश्कर के वरिष्ठ प्रशिक्षकों द्वारा की जाती है।
कोटली जिले में गुरपुर कैंप भी लश्कर का सक्रिय अड्डा है, जहां वर्ष 2023 में पुंछ में श्रद्धालुओं पर हुए हमले के आरोपियों को प्रशिक्षित किया गया था। यह कैंप अब भी नई भर्तियों को प्रशिक्षण दे रहा है।
भिम्बर जिले का बरनाला कैंप हथियारों की ट्रेनिंग के लिए जाना जाता है, जबकि अब्बास कैंप जो नियंत्रण रेखा (LoC) से महज 13 किलोमीटर दूर स्थित है जो आत्मघाती हमलावरों (फिदायीन) की तैयारी का गढ़ है। यहां से भारत में घुसपैठ की कई कोशिशें पहले भी सामने आ चुकी हैं।
इसके अलावा, सियालकोट के सरजल कैंप और मुरीद के स्थित लश्कर का मरकज लंबे समय से आतंकवाद की फैक्ट्री माने जाते रहे हैं। यही मरकज लश्कर की वैचारिक आधारशिला है, जहां से आतंकी गतिविधियों को वैचारिक समर्थन और संसाधन मिलते हैं।
कौन हैं कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका जिन्होंने दुनिया को दिया हिम्मत और हौसले का संदेश
प्रेस कॉन्फ्रेंस में विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री के साथ मंच पर नजर आईं देश की दो जांबाज अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह। इन दोनों बहादुर अधिकारियों ने दुनिया को न केवल सैन्य शक्ति बल्कि नारी शक्ति का भी प्रतीक बनकर सशक्त संदेश दिया।
दोनों अधिकारी गुजरात से हैं, उम्र 35 वर्ष, एक हिंदू और दूसरी मुस्लिम। लेकिन उनके जज्बे और सेवा-भाव में कोई भेद नहीं। आतंकियों ने हमला धर्म देखकर किया था, जवाब मिला एकता के प्रतीक इन दो बेटियों से।
कर्नल सोफिया और विंग कमांडर व्योमिका न सिर्फ बहादुरी की प्रतीक हैं, बल्कि यह भी साबित करती हैं कि भारत की बेटियां हर मोर्चे पर सक्षम हैं। भारत ने जहां आतंक के खिलाफ कड़ा संदेश दिया, वहीं इन दोनों बेटियों ने यह दिखा दिया कि संकट चाहे कितना भी बड़ा हो, देश की महिलाएं हर चुनौती का डटकर सामना करने के लिए तैयार हैं।
फोर्स 18 का नेतृत्व किया कर्नल सोफिया कुरैशी ने : भारतीय सेना की सिग्नल कोर की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी ने कई अभूतपूर्व उपलब्धियों के साथ सैन्य इतिहास में अपनी जगह बनाई है। 35 साल की उम्र की सोफिया ने कई मुकाम हासिल किए हैं। मार्च 2016 में, तत्कालीन लेफ्टिनेंट कर्नल कुरैशी ने एक बहुराष्ट्रीय सैन्य अभ्यास में सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करने वाली पहली महिला अधिकारी बनकर एक मील का पत्थर हासिल किया। 40 सदस्यीय भारतीय दल के कमांडिंग ऑफिसर के रूप में, कुरैशी ने शांति अभियानों (पीकेओ) में अपनी टीम का नेतृत्व किया। कुरैशी ने 2006 में कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना अभियान में सैन्य पर्यवेक्षक के रूप में काम किया था।
विंग कमांडर व्योमिका सिंह : भारतीय वायुसेना की हेलिकॉप्टर पायलट विंग कमांडर व्योमिका सिंह के पास 2500 से ज्यादा घंटे की उड़ान का अनुभव है। उन्होंने जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर के पहाड़ी इलाकों में कई चुनौतीपूर्ण मिशन सफलतापूर्वक पूरे किए हैं। 2020 में अरुणाचल प्रदेश में आए प्राकृतिक संकट के दौरान उन्होंने राहत अभियान की कमान संभाली थी और 2021 में ऑल-वुमन माउंटेन एक्सपीडिशन के तहत 21,650 फीट ऊंचे माउंट मणिरंग पर तिरंगा फहराया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में व्योमिका ने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर रात 1:05 से 1:30 बजे के बीच अंजाम दिया गया, जिसमें दुश्मन के 9 लॉन्चपैड्स और ट्रेनिंग कैंप्स को ध्वस्त किया गया। उन्होंने यह भी साझा किया कि बचपन से ही उन्हें पायलट बनने का सपना था और उनका नाम ‘व्योमिका’—जिसका अर्थ है ‘आकाश की स्वामिनी’ उन्हें हमेशा प्रेरित करता रहा।
आर्मी, एयरफोर्स और नेवी का संयुक्त ऑपरेशन
अब तक इस कार्रवाई में 80-90 आतंकवादी मारे गए और 60 से अधिक घायल हुए। जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा का मुरीदके प्रशिक्षण शिविर पूरी तरह नष्ट हो गए। इसके अलावा, आतंकी सरगना हाफिज सईद से जुड़ा एक प्रशिक्षण शिविर भी तबाह किया गया।
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इन हमलों को “युद्ध की कार्रवाई” करार देते हुए जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। पाकिस्तानी सेना ने दावा किया कि पांच भारतीय वायुसेना के विमान मार गिराए गए लेकिन भारत ने इस दावे को खारिज किया। पाकिस्तान ने यह भी कहा कि छह स्थान निशाना बनाए गए जिनमें दो मस्जिदें शामिल थीं और आठ नागरिक मारे गए। भारतीय सेना ने स्पष्ट किया कि केवल आतंकी ठिकाने निशाना बनाए गए न कि नागरिक या सैन्य सुविधाएं।

इस एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान सामने आया “भारत हमले रोक दे तो हम एक्शन नहीं लेंगे” , भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया ट्विटर पोस्ट के माध्यम से दी है,उन्होंने कहा कि ‘आतंकवाद को लेकर पूरी दुनिया को जीरो टॉलरेंस की नीति दिखानी चाहिए।’
