नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के विकास और लोकतंत्र की ताकत पर जोर देते हुए कहा कि 2014 में जब उनकी सरकार बनी थी, तब देशवासियों का सरकारों पर विश्वास लगभग टूट चुका था। कुछ लोग यह सवाल उठाने लगे थे कि क्या भारत में लोकतंत्र और विकास एक साथ चल सकते हैं। उन्होंने कहा, “आज जब कोई भारत को देखता है, तो कह सकता है – डेमोक्रेसी कैन डिलिवर।”
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पीएम मोदी ने यह बात मंगलवार को एक निजी समाचार चैनल के कार्यक्रम में कही। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) की व्यवस्था लागू की, ताकि दिल्ली से निकला एक रुपया गरीब के पास 100 पैसे के रूप में पहुंचे। मिशन मैन्युफैक्चरिंग का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि इस साल के बजट में घोषित यह मिशन भारत को वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान दे रहा है।
पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल समझौता निलंबित करने को लेकर उन्होंने कहा कि पहले भारत का हक का पानी बाहर चला जाता था, लेकिन अब यह पानी देश के काम आएगा। उनकी सरकार जल संरक्षण और उपयोग पर विशेष ध्यान दे रही है।