लेंस नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनजर बंद कमरे में विचार-विमर्श शुरू कर दिया है। यह बैठक पाकिस्तान के कहने पर बुलाई गई है। इससे कुछ ही घंटे पहले महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने परमाणु हथियार संपन्न दोनों पड़ोसियों के बीच तनाव उच्चतम स्तर पर होने पर चिंता व्यक्त की थी। यह बैठक ऐसे समय में हो रही है, जब सभी राज्यों को केंद्र सरकार ने हवाई हमलों से बचने के लिए मॉक ड्रिल करने को कहा है।

बैठक में पांच वीटो-धारक स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, यूके और अमेरिका के अलावा परिषद में 10 गैर-स्थायी सदस्य अल्जीरिया, डेनमार्क, ग्रीस, गुयाना, पाकिस्तान, पनामा, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन, स्लोवेनिया और सोमालिया के प्रतिनिधि मौजूद हैं। बैठक में भारत नहीं है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के पूर्व स्थायी प्रतिनिधि राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि ऐसी चर्चा से किसी परिणाम की उम्मीद नहीं की जा सकती है।
बंद दरवाजे के पीछे होने वाली यह बैठक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद कक्ष में नहीं हो रही, बल्कि यह बैठक कक्ष के बगल में स्थित परामर्श कक्ष में हो रही। बैठक की अध्यक्षता ग्रीस कर रहा। शांति अभियानों के विभागों में मध्य पूर्व, एशिया और प्रशांत क्षेत्र के लिए सहायक महासचिव ट्यूनीशिया के खालिद मोहम्मद खैरी दो परिषद को जानकारी दे रहे।
संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद बैठक के बाद संवाददाताओं को जानकारी दे सकते हैं। बंद कमरे में विचार-विमर्श से कुछ ही घंटे पहले गुटेरेस ने भारत और पाकिस्तान के बीच ‘तनाव के वर्षों के उच्चतम स्तर’ पर होने पर चिंताव्यक्त की और कहा कि ‘संबंधों को ब्वायलिंग प्वाइंट पर पहुंचते देख मुझे दुख होता है।’
यह भी पढ़ें : हवाई हमलों से कैसे बचें? देश भर में मॉक ड्रिल, 1971 भारत-पाक युद्ध के दौरान भी हुआ था ये सब
गुटेरेस ने कहा कि वह पहलगाम में हुए ‘भयानक आतंकवादी हमले’ के बाद की ‘कठिन भावनाओं’ को समझते हैं और उन्होंने उस हमले की कड़ी निंदा की। पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा, ‘नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है और इसके लिए जिम्मेदार लोगों को विश्वसनीय और वैध तरीकों से न्याय के कटघरे में लाया जाना चाहिए।’
गुटेरेस ने इस बात पर जोर दिया कि यह आवश्यक है, विशेष रूप से इस महत्वपूर्ण समय में कि सैन्य टकराव से बचा जाए, जो आसानी से नियंत्रण से बाहर हो सकता है। उन्होंने दोहराया कि वे शांति की सेवा में दोनों सरकारों को अपना सर्वश्रेष्ठ सहयोग देने की पेशकश करते हैं। ‘संयुक्त राष्ट्र किसी भी पहल का समर्थन करने के लिए तैयार है जो तनाव कम करने, कूटनीति और शांति के लिए नए सिरे से प्रतिबद्धता को बढ़ावा देता है।’