इंटरनेशनल डेस्क
यह एक रोचक, लेकिन चौंका देने वाली कहानी है जर्मनी (Germany) की। घरेलू खुफिया एजेंसी ने शुक्रवार को दक्षिणपंथी अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (AFD) नामक राजनीतिक पार्टी को एक चरमपंथी इकाई घोषित कर दिया। इसके साथ ही पार्टी को लोकतंत्र विरोधी करार दिया गया है। महत्वपूर्ण है कि फरवरी के दूसरे सप्ताह में हुए चुनाव में एएफडी दूसरे स्थान पर आई थी। बड़ी संख्या में इसके सांसद चुनाव जीते हैं।
1,100 पृष्ठों की विशेषज्ञ रिपोर्ट के आधार पर जर्मनी जासूसी एजेंसी बीएफवी का निष्कर्ष है कि एएफडी नस्लवादी और मुस्लिम विरोधी है, इनके कामों में गोपनीय मुखबिरों की भर्ती और संचार में अवरोध डालना भी शामिल है। एजेंसी के आरोपों से पार्टी का सदस्यता अभियान भी प्रभावित हो सकता है, साथ ही सार्वजनिक वित्तपोषण भी खतरे में पड़ सकता है।
जनमत सर्वेक्षणों में टॉप पर थी पार्टी
AFD वर्तमान में कई जनमत सर्वेक्षणों में शीर्ष पर हैंं। एएफडी ने इस निर्णय की निंदा की है, जबकि राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इससे पार्टी के प्रति समर्थन और बढ़ने का खतरा है। घरेलू खुफिया एजेंसी ने एक बयान में कहा, AFD ने व्यक्तियों और समूहों को “बदनाम और बदनाम” किया है, तथा उनके प्रति “अतार्किक भय और शत्रुता” को बढ़ावा दिया है।
एएफडी ने लगाया सरकार पर एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप
रिपोर्ट पर पार्टी के क्षेत्रीय संसदीय समूह के नेता एंटोन बैरन ने कहा, “हमारे देश में लोकतंत्र की स्थिति को देखकर दुख होता है, जब सत्ताधारी दल सबसे मजबूत विपक्षी पार्टी के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकारी एजेंसियों का सहारा लेती हैं।”
नए चांसलर के शपथ लेने के बाद शुरू हुई कार्रवाई
खुफिया विभाग का यह निर्णय रूढ़िवादी नेता फ्रेडरिक मर्ज के जर्मनी के नए चांसलर के रूप में शपथ लेने से कुछ दिन पहले आया है। यह निर्णय उनकी पार्टी के भीतर इस बात पर गरमागरम बहस के बीच आया है कि नई संसद में AFD से कैसे निपटा जाए। एएफडी ने रिकॉर्ड संख्या में सीटें जीतीं, जिससे सैद्धांतिक रूप से उसे कई प्रमुख संसदीय समितियों की अध्यक्षता का अधिकार मिल गया। गौरतलब है कि जर्मनी में किसी भी पार्टी को जो किसी समुदाय के प्रति नफरत की विचारधारा का समर्थन करती है, प्रतिबंधित करने का प्रावधान है।