[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
रमन सिंह की तारीफ कर मोदी छत्तीसगढ़ भाजपा में बेचैनी क्यों बढ़ा गए?
यह देश की आधी आबादी की सबसे पावरफुल जीत है
जिंदाबाद लड़कियों… क्रिकेट विश्व कप जीत कर भारत ने रचा इतिहास
छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के रहवासी अपनी समस्याओं को लेकर अध्यक्ष के बंगले के सामने प्रदर्शन
भारत ने ऑस्ट्रेलिया को तीसरे टी20 में 5 विकेट से मात दी, सीरीज में 1-1 की बराबरी
छत्तीसगढ़ के नए विधानसभा भवन के शिलापट्ट पर नेता प्रतिपक्ष का नाम नहीं, कांग्रेस ने उठाये सवाल
मोदी के कार्यक्रम में क्यों नहीं गए वीरेंद्र पांडे ?
छत्तीसगढ़ में गौ मांस मिलने से हड़कंप, मृत गाय का मांस काटकर बेचने के आरोप में केस दर्ज
अत्यधिक गरीबी खत्म करने वाला देश का पहला राज्य बना केरल, प्लानिंग के तहत मिली सफलता
तूफान मोन्था का असर खत्म,मौसम का मिजाज बदला, अब बढ़ेगी ठंड
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

स्क्रीन पर चलता भारत पाक युद्ध निगल गया जातीय जनगणना से जुड़े सवाल

आवेश तिवारी
आवेश तिवारी
Published: May 2, 2025 4:35 PM
Last updated: May 2, 2025 5:51 PM
Share
Caste Census
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

दिल्ली। शुक्रवार को दोपहर में तीन बजे जब यह रिपोर्ट लिखी जा रही है एबीपी के यूट्यूब चैनल पर कुल 13 वीडियो लाइव स्ट्रीमिंग में थे। जिनमे से केवल एक जातीय जनगणना (Caste Census) पर केन्द्रीय था। इसमें भी दर्शकों की संख्या भी बेहद कम थी। ठीक इसी वक्त आज तक जैसी नामी चैनल पर भी 13 लाइव स्ट्रीम नजर आ रहे थे जिनमे एक भी वीडियो खबर या डिबेट की शक्ल में जातीय जनगणना पर केन्द्रित नहीं था । स्पष्ट है कि देश के बड़े चैनलों ने जातीय जनगणना के सवाल को सिरे से खारिज कर दिया है ।

पहलगाम हादसे के बाद मीडिया के रुख मे ग़जब का बदलाव देखने को मिला है। जातिगत जनगणना के सवाल पर विपक्ष की अब तक घेराबंदी करने वाली मीडिया स्क्रीन पर भारत पाकिस्तान युद्ध का खाका खींच रही है । स्क्रीन पर ही सैनिक लड़ाए जा रहे हैं, टैंक उड़ाए जा रहे हैं, बख्तरबंद गाड़ियों की निरंतर आवाजाही दिखाई जा रही है, और तो और पाकिस्तान के अतिथियों को ऑनलाइन बुलाकर बकायदे उन पर आक्रामक भाषा में हमले किये जा रहे हैं और हिन्दुस्तानी अतिथियों से वाकयुद्ध भी कराया जा रहा है ।

यह तब है जब किसी आमने-सामने के युद्ध की परिस्थितियां फिलहाल कहीं भी नहीं दिख रही हैं । अमेरिका समेत समूचा यूरोप इस मामले के शांतिपूर्ण समाधान की बात कर रहा है। यह उस वक्त हो रहा है जब सरकार द्वारा जातिगत जनगणना के ऐलान से देश की राजनीतिक परिस्थितियां और कोर्नर बिलकुल बदल गए हैं।

चैनलों पर क्या दिख रहा?

अगर पिछले 48 घंटों में विभिन्न चैनलों पर प्रसारित कार्यक्रमों के शीर्षक देखे जाएँ तो यह साफ़ समझ में आता है कि इन चैनलों पर युद्धोन्माद किस कदर हावी है । दुखद यह है कि सरकार समर्थक माने जाने वाले तमाम सवर्ण एंकर जातीय जनगणना को लेकर जब कभी कोई कार्यक्रम प्रस्तुत कर रहे हैं उनके तेवर बदले नजर आ रहे है। जिस दिन जातीय जनगणना की घोषणा हुई उस दिन एबीपी खबर चला रहा था कि भारत के खौफ से रूस की शरण में पहुंचा पाकिस्तान, यही हाल आज तक, रिपब्लिक भारत, जी न्यूज का भी था।

क्या कहते हैं पुण्य प्रसून?

वरिष्ट टीवी पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी इसे धंधे से जुड़ा मसला मानते हैं। वो कहते हैं कि जातिगत जनगणना से जुड़े सवाल इसलिए गायब हैं क्योंकि इसको देखने वाले दर्शक कम हैं, वहीँ युद्ध और उन्माद को देखने वाले दर्शकों की संख्या ज्यादा है। वो कहते हैं कि इसे आप 60 40 के अनुपात में समझिये । मतलब यह कि अगर भारत पाकिस्तान का युद्ध स्क्रीन पर दिखाया जाता है तो चैनलों को कमाई जायदा होगी बनिस्पत अगर जातिगत जनगणना पर बहस कराई जायेगी तो कमाई कम होगी ।

आसान नहीं जातीय जनगणना की रिपोर्टिंग

कुछ ऐसे ही तर्क दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर विनीत कुमार के भी है। विनीत का कहना है कि यह विशुद्ध रूप से टीआरपी का मसला है । वो कहते हैं कि भारत पाकिस्तान का युद्ध वो मसला है जिस पर कोई भी बात कर सकता है लेकिन जातीय जनगणना पर बात करने के लिए विषयज्ञान, रिसर्च और समाजशास्त्रीय शिक्षा जरुरी है । विनीत कहते हैं कि मुझे लगता है चैनलों ने भारत पाकिस्तान का पॅकेज पहले से तैयार करके रखा है वो उसका जब चाहें तब इस्तेमाल कर लेते हैं।

जियो पॉलिटिकल दबाव और युद्ध

वरिष्ठ पत्रकार शीतल पी सिंह कहते हैं “मैं इस वक्त वाशिंगटन डीसी में हूँ। मैंने कुछ राजनयिकों और पत्रकारों से भी मुलाक़ात की है यह बात अच्छी तरह समझ में आ गई कि अमेरिका समेत मोदी जी के तमाम करीब लोग इस समय किसी भी तरह के युद्ध के लिए तैयार नहीं है। इनका दबाव मोदी जी पर है कि वो बातचीत के लिए तैयार हो जाएँ और पाकिस्तान इस घटना की निंदा करते हुए कोई बयान जारी कर दें । मोदी जी इस बात को इनकार करेंगे इसकी संभावना नहीं के बराबर है । जहाँ तक मीडिया का सवाल है मीडिया जातीय जनगणना के सवाल को निगल नहीं पा रही।

मीडिया नहीं तय करता मुद्दे

आउटलुक के अभिषेक श्रीवास्तव इस मुद्दे पर थोडा तल्ख़ होकर कहते हैं “इसमें दो बात ध्यान देने की है टीवी चैनल पिछले 12-14 साल से स्वतंत्र तौर पर नैरेटिव नहीं गढ़ रही। दूसरी बात कि कौन सा मुद्दा रहेगा? कौन सा जाएगा? यह भी मीडिया नहीं तय करता। मार्केट में सत्ता के जरुरत के मुताबिक़ नैरेटिव गढ़ने का दौर चल रहा है। आप याद करिए पहलगाम से पहले वक्फ का मामला चल रहा था।अब जातीय जनगणना आई और फिर कुछ और आ जायेगा मुझे यह कहने में कोई गुरेज नहीं है कि मीडिया सत्ता का काम कर रहा है। दुखद यह है कि जो मीडिया के नैरेटिव के खिलाफ काउंटर नैरेटिव आता है वह भी सत्ता के नैरेटिव को आगे बढाते हैं।“

सरकार और मेन स्‍ट्रीम मीडिया अलग-अलग

वरिष्ठ पत्रकार मुकेश कुमार कहते हैं कि अगर आप मीडिया और सरकार के रिश्ते को समझते हैं तो आप यह जान लेंगे कि आदेश ऊपर से आते हैं, नैरेटिव ऊपर से आते हैं । यहीं मीडिया था जो जातीय जनगणना के सवाल पर गालियां देता था । मुकेश कुमार कहते हैं हम सरकार और मेन स्ट्रीम मीडिया को अलग-अलग मानते हैं लेकिन दोनों एक हैं एक शरीर के दो हिस्से हैं । जो सरकार चाहती है मीडिया वही दिखा रही, मुझे इससे कोई हैरत नहीं होती। मीडिया की नैतिकता के सवाल पर मुकेश कुमार कहते हैं कि मीडिया अब वाचडॉग नहीं रह गया है, अगर मीडिया सच में है तो हम नैतिकता की बात करें ।

TAGGED:BJPjati jangannaPunya Prasoon BajpeyiRahul GandhiTop_News
Previous Article Refugee crisis वाघा बार्डर पर जबरिया लाये गए परिवार साबित करें नागरिकता, जानें सुप्रीम कोर्ट ने और क्‍या कहा
Next Article Lalita Ramdas' letter to Himanshi Narwal पूर्व एडमिरल की पत्‍नी ने हिमांशी से कहा, “परफेक्ट …!”
Lens poster

Popular Posts

Freedom is not absolute

The supreme court’s observation on obscenity and harmful content on ott platforms and social media…

By Editorial Board

बॉम्बे हाईकोर्ट के दखल के बाद किसानों का रेल रोको आंदोलन स्‍थगित

नागपुर। महाराष्ट्र के नागपुर में कर्ज माफी की मांग को लेकर हाईवे पर प्रदर्शन कर…

By अरुण पांडेय

महिला पत्रकारों को गाली बकने वाले अभिजीत अय्यर मित्रा को पांच घंटे में पोस्ट हटाने की चेतावनी

नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्वतंत्र टिप्पणीकार अभिजीत अय्यर मित्रा को सोशल…

By Lens News Network

You Might Also Like

test Cricket
खेल

रोहित शर्मा ने रेड बॉल क्रिकेट को कहा अलविदा, अब केवल वन-डे खेलेंगे

By The Lens Desk
MP Ki Baat
लेंस रिपोर्ट

इति ‘कफ सिरप’ कथा…शुक्ला जी की “क्लीन चिट”…और आरएसएस

By राजेश चतुर्वेदी
West Bengal assembly
अन्‍य राज्‍य

पश्चिम बंगाल विधानसभा में बवाल, बुलाने पड़े मार्शल, बीजेपी विधायक अस्‍पताल में भर्ती

By अरुण पांडेय
chhattisgarh liquor scam
छत्तीसगढ़

बिना सबूत के आरोप लगाती है ईडी, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में भड़के जज

By Lens News Network

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?