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छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम ने कहा- जब बस्‍तर के आदिवासी मारे जा रहे थे, तब कहां थे शांति वार्ता वाले?

Lens News
Last updated: April 30, 2025 8:24 pm
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Vijay Sharma On Telangana
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रायपुर। तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर के ऑपरेशन कगार को बंद कर शांतिवार्ता करने वाले बयान पर छत्तीसगढ़ सहमत नहीं है। एक दिन पहले पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि बिना हिंसा का रास्‍ता छोड़े नक्‍सलियों से शांति वार्ता संभव नहीं है। अब इसी मसले में डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने बड़ा बयान दे दिया है। तेलंगाना (Vijay Sharma On Telangana) से उठ रही शांतिवार्ता की आवाज को लेकर विजय शर्मा ने तेलंगाना के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि हमनें एक साल में 400 नक्सलियों को मारा है, इसमें 10 तेलंगाना के रहे होंगे। लेकिन, अब जब तेलंगाना के नक्सली मर रहें हैं तो इनको पीड़ा हो रही है। जब बस्तर का आदिवासी मर रहा थी, तब ये लोग कहां थे?

दरअसल, इन दिनों तेलंगाना में नक्सलियों के साथ शांतिवार्ता को लेकर चर्चा तेज है। मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने केसीआर, पूर्व मंत्री जना रेड्डी और नेताओं के साथ शांतिवार्ता के प्रस्ताव पर चर्चा की है। केसीआर ने नक्‍सलियों के साथ शांतिवार्ता का समर्थन किया है और ऑपरेशन कगार को रोकने की मांग की है। इसके आलावा शांति समिति ने भी शांतिवार्ता का समर्थन किया है।

ये कौन लोग हैं एक प्रश्न हैं?

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने तेलंगाना में शांतिवार्ता को लेकर चल रही हलचल पर वहां के नेताओं और शांति समिति के लोगों पर सवाल खडें किए हैं। उन्होंने कहा कि ‘’यह लोग कौन हैं, एक प्रश्न है, और यह लोग तब कहां थे जब झीरम घाटी की घटना हुई, तब उन्होंने क्यों नहीं कहा नक्सलियों से की यह सब बंद करो। जब एर्राबोर की घटना हुई थी, जब 8 महीने के बच्चे को जिंदा जला दिया गया था, तब उन्होंने क्यों नहीं कहा? पूरे बस्ती को जिंदा जला दिया गया था। जब पुलिस के मुखबिर हो कहकर मनीकोंटा की घटना को नक्‍सलियों को अंजाम दिया, दर्जनों ग्रामीणों की हत्या की गई, तब उन्होंने क्यों नहीं कहा था? जब झीरम की घटना हुई थी, जिसमें छत्तीसगढ़ की इतनी बड़ी हानि हुई और छत्तीसगढ़ का एक बड़ा नेतृत्व वहां समाप्त हुआ था, तब ये लोग कहां थे और अब यह लोग क्यों बोल रहे हैं?

कहीं दाल में कुछ काला है

विजय शर्मा ने आगे कहा कि यह हैं कौन बोलने वाले? जिनको बात करना है, चर्चा करना है, वह करेंगे। यह क्यों बात करेंगे और उनसे क्यों बात की जाए, यह कौन होते हैं बोलने वाले? मसला यह है कि कहीं दाल में कुछ काला है। जिनको कहना है वह चिट्ठी छोड़कर घर बैठे हैं। आप चर्चा डिक्लेअर करो, आपकी ओर से कौन चर्चा करेगा और नहीं तो यह सब बातें बिल्कुल गलत है। कोई दबाव नहीं होगा।

IED ब्लास्ट से जिनकी जान गई उसकी जिम्मेदारी किसकी

उन्होंने कहा कि मैं यह बात आपसे कह रहा हूं कि IED ब्लास्ट से जिनके पैर उखड़ गए उनका क्या हुआ? तब इन लोगों ने क्यों कुछ नहीं कहा? आज भी IED ब्लास्ट से जानवर मारे जा रहे हैं, नागरिक मारे जा रहे हैं, जवान मारे जा रहे हैं। तब यह कुछ क्यों नहीं कह रहे हैं? आज 300 की संख्या में समुदाय और समितियां यह सब कर रहीं हैं। एकदम गलत प्रोपेगेंडा है। ये लोग पूरे देश को गुमराह करने का है।

तेलंगाना के नक्सली घिरे तो शांतिवार्ता की बात

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने आगे कहा कि ‘’एक साल मे अब तक हमने 400 वर्दीधारी शस्त्रधारी नक्सली को मारा हैं। इसमें जब तक बस्तर के आदिवासी थे तब तक पीड़ा नहीं हुई। आज जब तेलंगाना वाले फंस रहे तो पीड़ा हो रही है। मसला इसमें भी है जब तक यहां के लोग बहुतायत में हैं। जो 400 मरे हैं उसमें 10 तेलंगाना के रहे होंगे बाकी तो यहां के हैं। आज इनको पीड़ा हो रही है ऐसा नहीं होता है।’’

बंदूक की नली से सरकार बनाने वाले संविधान की बात ना करें

उन्होंने कहा कि मानवाधिकार का तो नाम नहीं लेना चाहिए। भारत के संविधान का नाम इनको नहीं लेना चाहिए। जो भारत के संविधान को ना मानकर बंदूक की नली से सरकार बनना चाहते हैं। उनके साथ यह किस तरीके से बात कर सकते हैं। उनके साथ यह कैसे भारतीय संविधान का उल्लेख कर सकते हैं। यह कैसे कह सकते हैं कि भारत की सरकार को हमारे संविधान है कि देश की रक्षा होनी चाहिए। मैं स्पष्ट कह रहा हूं कि बस्तर के लोग शांत नहीं होंगे। जो बस्तर की जनता है, जो बस्तर के नक्सल पीड़ित लोग हैं, जरूर इस पर बोलेंगे मुझे पूरा विश्वास है।

देश के खुफिया चीफ छत्‍तीसगढ़ में क्‍यों?

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