[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
आज सरदार पटेल की 150वीं जयंती, पीएम मोदी का गुजरात के केवडिया से एकता का संदेश
कारोबारी की कार से 2 लाख रुपए निकालने वाला क्राइम ब्रांच का आरक्षक बर्खास्त
जानिए कौन हैं देश नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत
ट्रंप और जिनपिंग की मुलाकात में पक्‍की हो गई डील !
बॉम्बे हाईकोर्ट के दखल के बाद किसानों का रेल रोको आंदोलन स्‍थगित
एनकाउंटर में मारा गया 17 बच्‍चों का किडनैपर, घटना अंजाम देने के पीछे थी ये वजह- देखिए वीडियो
‘आमार सोनार बांग्ला’ गीत पर सियासी बवाल: एक्‍शन में असम के सीएम, BJP बोली ‘ग्रेटर बांग्लादेश’ बनाना चाहती है कांग्रेस
मोदी के नाम का इस्तेमाल करने वाले थिंक टैंक ‘सेंटर फॉर नरेंद्र मोदी स्टडीज’ पर CBI ने की FIR
राहुल के नाचने वाले बयान पर बीजेपी ने चुनाव आयोग से की शिकायत
बिहार में खूनी खेल, मोकामा में RJD नेता की हत्‍या, JDU प्रत्‍याशी अनंत सिंह के समर्थकों पर आरोप
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
सरोकार

जाति जनगणना के लिए कैसे तैयार हो गई सरकार

Editorial Board
Editorial Board
Published: April 30, 2025 7:43 PM
Last updated: May 17, 2025 10:51 AM
Share
jati janganna
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं
उर्मिलेश

केंद्र सरकार ने देश की अगली जनगणना में जातिवार गिनती कराने का फैसला करके पूरे देश को चौंका दिया। पहलगाम के आतंकी हमले से पैदा हुई तनावपूर्ण परिस्थति में यह बिल्कुल विस्मयकारी फैसला है। पिछले कुछ दिनों से टीवी चैनल और सत्ता-पक्ष के समर्थकों का एक बड़ा हिस्सा युद्धोन्माद का माहौल बनाने में लगा था। इस बीच, केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में जातिवार जनगणना कराने का फैसला जितना दिलचस्प है, उतना ही रहस्यमय! लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं कि केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया यह बड़ा राजनीतिक-प्रशासनिक फैसला है। इसे ऐतिहासिक फैसला कहने में मुझे कोई संकोच नहीं है।2021 में भारतीय जनगणना होनी थी, पर वह कोविड-19 के कारण नहीं कराई गई। उस समय भी विपक्ष का एक हिस्सा जातिवार जनगणना की आवाज उठा रहा था। सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और उसका वास्तविक संचालक समझा जाने वाला राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ तब इस मांग के विरोध में थे। लंबे समय तक जनगणना का फैसला टलता गया। कोविड का दौर खत्म हो गया। सरकार के सारे काम होते रहे पर 2021 की जनगणना लगातार स्थगित होती रही। आजादी के बाद जनगणना में ऐसा विलम्ब कभी नहीं हुआ।

इस बीच, मुख्य विपक्षी पार्टी-कांग्रेस ने भी सपा, बसपा, राजद, द्रमुक, अन्नाद्रमुक और और भाकपा(माले) की तरह जातिवार जनगणना का समर्थन कर दिया। कुछ समय बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे अपने राजनीतिक अभियान का बड़ा मुद्दा बना दिया। अनेक कांग्रेसियों को राहुल गांधी का यह विचार पसंद नहीं, आया पर अंतत: कांग्रेस को आधिकारिक तौर पर इसे अपना पार्टी एजेंडा बनाने पर सहमत होना पडा। कांग्रेस और खासतौर पर राहुल गांधी ने इस मुद्दे को उठाकर भाजपा और मोदी सरकार की भारी फजीहत की। ‘पिछड़े प्रधानमंत्री’ के भाजपाई जुमले को एक तरह से ध्वस्त कर दिया। देखते ही देखते इस मुद्दे पर राहुल गांधी विपक्ष के किसी भी दल या नेता से आगे हो गए। पिछडे वर्ग के कई प्रमुख नेताओं और सबाल्टर्न समूहों से भी ज्यादा शिद्दत के साथ उन्होंने जातिवार जनगणना का मुद्दा उठाना शुरू किया। कांग्रेस के संपूर्ण इतिहास में ऐसी पुरजोर मांग उठाने वाले वह पहले नेता बन गए।

सिर्फ मंडल आयोग ही नहीं, देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जमाने के काका कालेलकर आयोग ने भी जातिवार जनगणना कराने की जरूरत पर जोर दिया था। पर कांग्रेस या भाजपा की अगुवाई वाली किसी सरकार ने जातिवार जनगणना कराना उचित नहीं समझा। हाल तक मोदी सरकार का भी यही रुख था। न तो आरएसएस चाहता था और न ही भाजपा। पर 30 अप्रैल, 2025 को मोदी सरकार ने जातिवार जनगणना कराने का फैसला लेकर सबको चकित कर दिया। वह भी यह फैसला ऐसे दौर में लिया गया, जब भाजपा समर्थकों के बडे हिस्से और टीवीपूरम् में युद्धोन्माद छाया हुआ था।

यह बात सही है कि हाल के दो-तीन वर्षों में देश की राजनीति और हमारे समाज में जातिवार जनगणना के पक्ष में व्यापक सहमति उभरी थी। हालांकि भाजपा और सरकार ने इस मांग को लगातार खारिज किया था। संसद में सरकार ने यहां तक कहा कि जातिवार जनगणना कराने से समाज में जातिवाद फैलेगा। बंगाल की सत्ताधारी पार्टी-टीएमसी भी इसके पक्ष में नहीं थी।

लेकिन कुछ महीने पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) ने पहली बार ‘अगर-मगर’ के साथ जातिवार जनगणना कराने पर अपनी सहमति का संकेत दिया था। साफ लगा था कि समाज में बढते दबाव के चलते संघ के नेतृत्व ने उक्त बयान दिया। संघ के बयान में स्पष्टता कम थी, असमंजस ज्यादा था। दिलचस्प है कि अभी हाल ही में संघ प्रमुख मोहन भागवत दिल्ली में थे और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से उनकी चर्चा भी हुई थी। माना जा रहा था कि संघ प्रमुख ने भाजपा नेतृत्व से भारत-पाकिस्तान टकराव के संदर्भ में कुछ चर्चा की होगी।

पर अब तो यह लग रहा है कि भारत-पाक टकराव के उत्तेजक माहौल को कुछ शिथिल और हल्का करने की रणनीति पर संघ सर संचालक ने भाजपा नेतृत्व से चर्चा की होगी। ऐसे दौर में जब पहलगाम आतंकी हमले से उत्पन्न परिस्थितियों में देश का राजनीतिक परिदृश्य बिल्कुल बदला हुआ सा था और समाज व सियासत में युद्धोन्माद को बढावा दिया जा रहा था; अचानक सरकार की तरफ ऐसे फैसले का ऐलान हुआ है।

यह फैसला जितना चौंकाने वाला है, राजनीतिक रूप से उतना ही दिलचस्प है! निश्चय ही देश के राजनीतिक परिदृश्य पर इसका प्रभाव दिखेगा! सबसे पहले तो बिहार विधान सभा के चुनावी परिदृश्य में इसके असर को भांपा जायेगा, जहां लंबे समय से जातिवार जनगणना की मांग उठती रही है।

निश्चय ही, मौजूदा सरकार द्वारा लिया गया यह एक महत्वपूर्ण फैसला है; बशर्ते इसे स्पष्टता और ईमानदारी के साथ अंजाम तक पहुंचाया जाय! 1931 के बाद देश में पहली बार राष्ट्रीय जनगणना के साथ लोगों की जातिवार गिनती होगी! इसमें बिहार के जातिवार सर्वेक्षण की तरह देश की सभी जातियों(Castes) की गिनती को अनिवार्य किया जाना चाहिए. कैबिनेट के फैसले के बाद अब भारत के महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के कार्यालय से जातिवार जनगणना के फार्मेट और अन्य जरूरी तथ्यों को सामने लाना होगा। उन तथ्यों के सार्वजनिक किये जाने के बाद ही जातिवार जनगणना के प्रारूप की पूरी तस्वीर सामने आ सकेगी।

इस लेख में व्यक्त विचार लेखक के अपने हैं और जरूरी नहीं कि वे Thelens.in के संपादकीय नजरिए से मेल खाते हों।

( उर्मिलेश जाने माने पत्रकार-लेखक और राज्यसभा टीवी के पूर्व संपादक हैं)

TAGGED:jati jangannaTop_NewsUrmilesh
Previous Article Caste Census जातिगत जनगणना : लोहिया और कांशीराम के नारों ने बदली सियासत
Next Article complaint against Rahul Gandhi राहुल ने कहा – महिला बिल जैसा ना हो जातिगत जनगणना का हाल
Lens poster

Popular Posts

Abrupt end of an inglorious chapter

The resignation of the vice president Mr Jagdeep Dhankhar, is nothing less than a political…

By Editorial Board

वोट अधिकार यात्रा के दौरान राजनांदगांव में पायलट की हुंकार, कहा – भाजपा से मिला हुआ है चुनाव आयोग

राजनांदगांव। कांग्रेस के छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिन पायलट ने आज राजनांदगांव में कहा कि चुनाव आयोग…

By दानिश अनवर

तो क्‍या इजराइली सेना के साथ खड़ी है माइक्रोसॉफ्ट, कर्मचारियों ने लगाया आरोप, जानिए पूरा मामला

द लेंस डेस्‍क। अमेरिकी टेक्नोलॉजी दिग्गज माइक्रोसॉफ्ट पर गंभीर आरोप लगे हैं कि उसने अपने…

By Lens News Network

You Might Also Like

Iran and Israel
दुनिया

चौथे दिन भी ईरान और इजरायल में लड़ाई जारी, ईरान के विदेश मंत्रालय को बनाया निशाना, इजरायल पर अब तक का सबसे बड़ा हमला

By The Lens Desk
पथर्रा की दादियां... एक गांव, एक फैक्‍ट्री और संघर्ष की कहानियां
लेंस रिपोर्ट

पथर्रा की दादियां… एक गांव, एक फैक्‍ट्री और संघर्ष की कहानियां

By दानिश अनवर
Major plane accidents
देश

भारत : बड़े विमान हादसों पर एक नजर

By The Lens Desk
छत्तीसगढ़

सरगुजा में मासूमों के पोस्टमार्टम की कीमत 10 हजार

By Lens News

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?