द लेंस डेस्क । सयुंक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले दशक में दुनिया भर में 72,000 हजार से अधिक लोगों की मौतें और लापता होने के मामले दर्ज किए गए हैं। जिनमें से अधिकांश मौतें संकटग्रस्त देशों में हुई हैं। अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) के अनुसार, पिछले साल प्रवासी मृत्यु दर रिकॉर्ड में सबसे अधिक थी, जिसमें कम से कम 8,938 लोगों की प्रवास मार्गों पर मृत्यु हुई।
आईओएम प्रमुख एमी पोप ने एक बयान में कहा, ये संख्या बेहद दुखद हैं कि लोग अपनी जान जोखिम में डालते हैं। ऐसा तब होता है जब असुरक्षा, अवसर की कमी और अन्य दबावों के कारण उनके पास घर पर कोई सुरक्षित विकल्प नहीं होता है। 2014 से वैश्विक स्तर पर दर्ज सभी प्रवासी मौतों और लापता होने के लगभग तीन-चौथाई मामले असुरक्षा, संघर्ष, आपदा और अन्य मानवीय परेशानियों से बचने के लिए लोगों के पलायन के कारण हुए।
आईओएम की लापता प्रवासियों की रिपोर्ट में कहा गया है कि हर चार में से एक इंसान मानवीय परेशानियों से प्रभावित देशों से था, जहां दुनिया भर में प्रवास मार्गों पर हज़ारों अफ़गान, रोहिंग्या और सीरियाई लोगों की मौत दर्ज की गई है।