लेंस ब्यूरो। बीजापुर/रायपुर।
रायपुर में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सोमवार को नक्सल उन्मूलन अभियान (Naxal Meeting Chhattisgarh) की समीक्षा बैठक ली। यह बैठक इसलिए भी खास है क्योंकि इस वक्त छत्तीसगढ़- तेलंगाना बॉर्डर पर नक्सलियों के खिलाफ सबसे बड़ा ऑपरेशन चल रहा है। इस बैठक में कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में चल रहे अभियान पर फोकस किया गया है। बैठक में 7 दिनों से चल रहे ऑपरेशन का मुख्यमंत्री ने अपडेट लिया। ये बैठक इसलिए भी अहम है क्योंकि तेलंगाना में इस ऑपरेशन को लेकर राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री केसीआर ने मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी से मिलकर ऑपरेशन रोककर शांति वार्ता की बात कही है। उन्होंने कहा है कि इस ऑपरेशन में नक्सलियों की जगह निर्दोष आदिवासियों को फोर्स निशाना बना रही है। तेलंगाना में राजनीति शुरू होने के बाद इस ऑपरेशन पर अंतिम फैसला केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह लेंगे।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस दौरान अधिकारियों से प्रदेश को नक्सल मुक्त बनाने को लेकर दिशा- निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से यह निर्देश दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों में आपसी समन्वय और सूचना संकलन तंत्र को मजबूत कर ऑपरेशन लॉन्च करें। उन्होंने कहा कि नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन है, जिसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता स्वीकार्य नहीं है। बैठक में गृह मंत्री विजय शर्मा, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पुलिस महानिदेशक अरुणदेव गौतम, सीआरपीएफ सहित अन्य सुरक्षा बलों के अधिकारी मौजूद रहे।
साय ने कहा – जल्द नक्सल मुक्त होगा बस्तर (Naxal Meeting Chhattisgarh)
मुख्यमंत्री की अगुवाई में हुई इस बैठक में नक्सल उन्मूलन अभियान में कर्रेगुट्टा की पहाड़ियों में जारी ऑपरेशन में आगे की योजना पर चर्चा की है। बैठक में इस ऑपरेशन को और भी तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। ये ऑपरेशन 3 दिन और चलने की संभावना है।
इस दौरान मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सल उन्मूलन केवल एक अभियान नहीं, बल्कि बस्तर और छत्तीसगढ़ के भविष्य को सुरक्षित करने का मिशन है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में प्रदेश को नक्सलमुक्त बनाने के संकल्प के साथ राज्य सरकार दृढ़ता से कार्य कर रही है। नक्सल विरोधी अभियानों में आपसी समन्वय और सूचना संकलन तंत्र को और अधिक मजबूत करने की आवश्यकता है। आने वाले समय में छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त और विकासोन्मुख प्रदेश के रूप में पूरे देश में एक नई पहचान मिलेगी।
5 नक्सली ढेर, बड़े लीडर्स की तलाश जारी (Naxal Meeting Chhattisgarh)
कर्रेगुट्टा पहाड़ियों में चल रहे इस अभियान में सुरक्षा बलों ने अब तक 5 नक्सलियों को ढेर किया है। इनमें से 3 के शव और हथियार बरामद किए गए हैं। ऑपरेशन में हेलीकॉप्टर और ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। अनुमान है कि इस क्षेत्र में बड़े नक्सली लीडर्स हैं, जिनमें हिडमा,देवा और दामोदर शामिल हैं। सुरक्षा बलों ने पूरे क्षेत्र को घेर लिया है और नक्सलियों के भागने के सभी रास्ते बंद कर दिए हैं।
हालांकि अब तक दोनों राज्यों की फोर्स को 6 दिनों में उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिल पाई है। इस इलाके को नक्सलियों के कोर जोन के रूप में देखा ,यहां मिली गुफा में भी नक्सलियों के होने के सबूत जरूर मिले हैं लेकिन किसी भी बडे माओवादी लीडर का पता नहीं चला है। फोर्स ने बड़ी संख्या मे माओवादियों और बड़े नक्सल लीडर्स की मौजूदगी की सूचना के बाद ये ऑपरेशन लांच किया था।
गरुड़ कमांडो की तैनाती पर चर्चा
यह ऑपरेशन हाल के वर्षों में सबसे बड़े अभियानों में से एक है। इस मिशन में आर्मी के गरुड़ कमांडो की तैनाती ने ऑपरेशन को और मजबूती दी है। इसमें गरुड़ कमांडो के अलावा केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), कोबरा (COBRA), जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस की संयुक्त टीम शामिल हैं।शुक्रवार-शनिवार बीती रात भारी फायरिंग और बम धमाकों की आवाजें गूंजीं। सुबह से वायु सेना के हेलीकॉप्टर लगातार देखे जा रहे हैं। सुरक्षा बलों की तरफ से इलाके में हाई अलर्ट जारी किया गया है। ग्रामीणों को गांव के बाहर और जंगलों मे जाने की शक्त मनाही है। ऑपरेशन संवेदनशील मोड़ पर है और बड़ी कार्रवाई की संभावना है। जानकारी मिली है कि माओवादियों के टॉप कमांडर को फोर्स ने घेर कर रखा हुआ है।
उधर, तेलंगाना में शांतिवार्ता के प्रस्ताव पर चर्चा तेज
नक्सलियों के खिलाफ बीजापुर-तेलंगाना सीमा पर नक्सल ऑपरेशन चलाये जा रहे हैं। देश के सबसे बड़े अभियान के बीच तेलंगाना के पूर्व सीएम KCR के केंद्र सरकार से शांति वार्ता की वकालत की है। अब सीएम रेवंत रेड्डी ने भी शांति वार्ता की अपील को लेकर अपने वरिष्ठ सहयोगियों से मुलाक़ात की है। वहीं KCR की बेटी के. कविता ने भी शांति वार्ता पर विचार करने की बात कही है। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद एक विचारधारा है। इसे केवल चर्चा से खत्म किया जा सकता है। आतंक को बल द्वारा खत्म करने का प्रयास किया जाएगा तो बढ़ता ही जाएगा। केसीआर का आह्वान है कि ऑपरेशन कगार को तुरंत रोका जाए। केंद्र-राज्य सरकारें शांति चर्चा के लिए नक्सलियों को बुलाएं। इससे देश की उन्नति होगी।
बीजापुर की पहाड़ी में माओवादियों के बिछाए आईईडी बमों को फोर्स ने किया डिफ्यूज