लेंस ब्यूरो। रायपुर/ बीजापुर
छत्तीसगढ़-तेलंगाना बॉर्डर पर बीजापुर की कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर अब तक का सबसे बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन (Anti Naxal Operation) ‘कगार’ चल रहा है। इस ऑपरेशन के बीच माओवादियों की तरफ से ऑपरेशन कगार को फौरन रोककर शांति वार्ता की अपील की गई है। इस बार माओवादियों की सेंट्रल कमेटी की तरफ से अपील की गई है। 25 अप्रैल को भाकपा (माओवादी) के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय की तरफ से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। यह पत्र ऐसे समय में आया है, जब आज ही छत्तीसगढ़ में सत्तारुढ़ पार्टी के एक विधायक और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने माओवादियों से शांति वार्ता न करने की बात कही।
इस विज्ञप्ति में लिखा है, ‘केंद्र व राज्य सरकारों से हमारी अपील है एक समयसीमा के साथ युद्ध विराम घोषित कर, बिना शर्त वार्ता करें।‘ इस विज्ञप्ति में लिखा है कि सरकार हमारी शांति वार्ता की अपील मान नहीं रही है और बंदूक का समाधान बंदूक से ही किए जाने की बातें कह रहीं हैं। इसी के तहत कर्रेगुट्टा इलाके में एक अभियान चला रखा है, जिसमें हमारे पार्टी के नेतृत्व की भी हत्या करने की कोशिशें कर रहीं हैं।
7 दिनों के भीतर नक्सल संगठन की तरफ से शांति वार्ता के लिए भेजा गया यह दूसरा पत्र है। इससे पहले एक पत्र पार्टी के उत्तर-पश्चिम सब जोनल ब्यूरो की तरफ से आया था। हालांकि दोनों पत्र एक ही दिन जारी किए गए थे। 25 अप्रैल को पार्टी के सब जोनल ब्यूरो के प्रभारी रूपेश की तरफ से एक पत्र आया था। इसमें भी शांति वार्ता के लिए ही आगे आने की अपील की गई थी।
पत्र में संगठन की तरफ से सरकारों से बार-बार शांति वार्ता का प्रस्ताव रखने और शांति वार्ता हेतु अनुकूल वातावरण तैयार करने का जिक्र किया गया है। इस पत्र में माओवादियों की तरफ से स्वीकार किया गया है कि पहाड़ी में हुई मुठभेड़ में तीन कामरेडों की हत्या कर दी गई है। साथ ही इस ऑपरेशन में पार्टी के नेताओं के हत्या करने की कोशिश की बात स्वीकारी है।
शांति वार्ता के लिए तीन पत्र, लेकिन सरकार ने बोकारो में हत्याएं की Anti Naxal Operation
अभय ने पत्र की शुरुआत में ऑपरेशन कगार के नाम से सैकड़ों माओवादियों और निर्दोष आदिवासियों की हत्याएं किए जाने की बात कही है। यह अभी भी जारी है। अभय ने आगे लिखा कि शांति वार्ता को लेकर मैंने केंद्रीय कमेटी की ओर से 28 मार्च को एक बयान जारी किए थे, इसमें मैंने सरकार के शांति वार्ता के लिए तैयार होने की बात कही थी। शांति वार्ता के लिए अब तक हमारी तरफ से तीन पत्र लिखे गए। इसके बाद भी सरकार की तरफ से कोई पहल नहीं की गई। बल्कि हमारे कामरेडों की हत्याएं की गई। अभय ने आगे कहा कि तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से 10 हजार पुलिस, अर्धसैनिक व कमांडो बलों की तैनाती कर एक बड़ा ऑपरेशन चला रही है।