रायपुर। छत्तीसगढ में नक्सलियों के द्वारा जारी किए गए शांतिवार्ता के प्रस्ताव (Ajay on Naxals Letter) को लेकर पूर्व मंत्री और बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने दो टूक अंदाज में जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि भारत के नागरिक हैं सब सरेंडर करना हैं करें, वार्ता का कोई चांस नहीं है।
दरअसल पिछले कुछ दिनों से छत्तीसगढ़- तेलंगाना बॉर्डर पर जवानों ने नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाया है। इसे माओवादियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन माना जा रहा है। खबरों की माने तो सुरक्षा बलों ने यहां बड़े मोओवादी लीडरों को घेर लिया है।
बीजापुर जिले में चल रहे ऑपरेशन को लेकर बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि आपको मालूम है, क्या चल रहा है? क्या है? यह संवेदनशील विषय है, अभी एक एडवाइजरी जारी की गई है। सेना के ऑपरेशन को या कोई सुरक्षा ऑपरेशन को लाइव न दिखाया जाए। उस पर ज्यादा बताया पूछा ना जाए। इन सब बातों से सामने वाले तक सूचना पहुंचती है। वह इस पर मानसिकता और रणनीति बनाते हैं। क्या चल रहा है क्या नहीं चल रहा है यह कुछ दिनों में हमारे सामने आ जाएगा इसलिए धैर्य पूर्वक इंतजार करें।
नकस्ल समस्या और केसीआऱ के नकस्लियों को लेकर दिए गए बयान पर विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि नक्सल समस्या भारत की आंतरिक समस्या है। पाकिस्तान को इसमें बोलने का अधिकार नहीं है। केसीआर तेलंगाना में उसके समय में अलग पृथक तेलंगाना आंदोलन में नक्सलियों की क्या भूमिका थी कितनी घटनाएं होती थी उसको पूरा देश जानता है। इसलिए जब सत्ता से हट गए हैं तो उनको 10 बातें याद आ रही हैं 10 साल तक और 10 साल के पहले जिन बिंदुओं में जिस तरह के विषयों पर वह आंदोलन में थे सक्रिय थे उसको पूरा देश जानता है।
नक्सलियों के द्वारा भेजे गए शांतिवार्ता के प्रस्ताव पर अजय चंद्राकर ने कहा कि ‘’मेरा यह व्यक्तिगत मत है की इसका एक ही उपाय है कि वह भी भारत के नागरिक हैं सरेंडर करें देश की मुख्य धारा में वार्ता का कोई चांस नहीं है सरेंडर करें वो’’
नक्सल ऑपरेशन को लेकर पूर्व पीसीसी चीफ धनेंन्द्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन हो रहे हैं। नक्सल ऑपरेशन का अच्छा परिणाम आ रहा है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री को इसमें बोलने का कोई अधिकार नहीं है। वो अपने देश की बात करें। केसीआर को भी अपने प्रदेश को देखना चाहिए। वहाँ भी नक्सल समस्याएं है। छत्तीसगढ़ में केंद्र सरकार की मदद से नक्सल उन्मूलन कार्य हो रहे है। कांग्रेस पार्टी का इसमें पूरा समर्थन है। अगर आदिवासियों को नक्सली के नाम पर मारा जाएगा तो कांग्रेस पार्टी सवाल भी उठाएगी।