द लेंस डेस्क। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से देश के विभिन्न हिस्सों में कश्मीरी छात्रों (Kashmiri Students) के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न की घटनाएं सामने आई हैं। जम्मू-कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने आरोप लगाया है कि उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ जैसे राज्यों में कश्मीरी छात्रों को निशाना बनाया जा रहा है।
JKSA के राष्ट्रीय संयोजक नासिर खूहामी ने बताया कि कई विश्वविद्यालयों और हॉस्टलों में कश्मीरी छात्रों को “आतंकवादी” कहकर अपमानित किया गया, उनके साथ मारपीट की गई और उन्हें जबरन आवास खाली करने की धमकियां दी गईं। चंडीगढ़ के डेराबस्सी स्थित यूनिवर्सल ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस में रात के समय हॉस्टल में घुसकर छात्रों पर हमला किया गया, जिसमें कई छात्र घायल हो गए। हिमाचल प्रदेश के अरनी विश्वविद्यालय में हॉस्टल के दरवाजे तोड़कर छात्रों को डराया गया और उन्हें “आतंकवादी” कहकर अपमानित किया गया।
(Kashmiri Students) कट्टरपंथी संगठनों पर आरोप
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हिंदू रक्षा दल और अन्य हिंदुत्व संगठनों ने पहलगाम हमले का हवाला देकर कश्मीरी छात्रों (Kashmiri Students) के खिलाफ नफरत भड़काई। उत्तराखंड में हिंदू रक्षा दल के नेता ललित शर्मा के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने के लिए FIR दर्ज की गई है। JKSA ने इसे कश्मीरी छात्रों (Kashmiri Students) और मुस्लिम समुदाय के खिलाफ “लक्षित नफरत और हिंसा” का अभियान करार दिया। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कहा कि वे उन राज्यों की सरकारों के संपर्क में हैं जहां से हिंसा की खबरें आई हैं। उन्होंने स्थानीय प्रशासन से छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हस्तक्षेप की मांग की। JKSA ने छात्रों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिनमें दिल्ली में जम्मू-कश्मीर सरकार के रेजिडेंट कमीशन के नंबर शामिल हैं।
(Kashmiri Students) छात्रों से शांति की अपील
JKSA ने कश्मीरी छात्रों (Kashmiri Students) से शांत रहने, घरों में रहने और सोशल मीडिया पर उत्तेजक सामग्री से बचने की सलाह दी है। नासिर खूहामी ने स्थानीय प्रशासन की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए कहा, “यह कानून-व्यवस्था का पतन है, जो दक्षिणपंथी तत्वों को बढ़ावा दे रहा है।”