लेंस ब्यूरो। बीजापुर
छत्तीसगढ़-तेलंगाना-महाराष्ट्र की सीमा पर नक्सलियों के सेफ जोन सुरक्षाबलों का अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन जारी है। करीब 3 हजार जवानों ने कर्रेगट्टा की पहाड़ियों में कई बड़े नक्सल लीडर और उनकी बटालियन को घेर लिया है। यहां करीब 300 से ज्यादा नक्सलियों के होने की सूचना है। दोनों ओर से रुक-रूककर फायरिंग भी हो रही है। दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में करीब 3 से 5 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है। तेलंगाना, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ इन तीनों राज्यों के हजारों की संख्या में जवान ऑपरेशन पर हैं।
इस ऑपरेशन में वायुसेना के MI-17 हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे जवानों तक हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। इस ऑपरेशन में डीआरजी बस्तर फाइटर, कोबरा, सीआरपीएफ और एसटीएफ के जवान शामिल है। ये जवान धीरे –धीरे नक्सलियों की ओर बढ़ रहें। हाड़ियों की कुछ श्रृंखला ऐसी है जो 40 से 50 मीटर खड़ी है। नक्सलियों के पास भारी मात्रा में असलहा-बारूद है और यहां छिपने के लिए नक्सलियों ने दर्जनों बंकर बनाकर रखे हैं।
नक्सल अभियान को लेकर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि बीजापुर में नक्सली मुठभेड़ चल रहा है। 15 महीने से बस्तर में हमारी फोर्स नक्सलियों से लड़ रहे हैं। फोर्स और नक्सली आमने सामने हैं। तेलंगाना और छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर बड़ा ऑपरेशन चल रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की दी गई डेडलाइन 31 मार्च 2026 के लक्ष्य को साधने के लिए यह बड़ा ऑपरेशन है। इसी के तहत अब फोर्स को फ्री हैंड दे दिया गया है। छत्तीसगढ़, तेलंगाना और महाराष्ट्र में फोर्स एक्शन मोड पर है। अगर इस ऑपरेशन में जवानों को सफलतो मिलती है। तो इससे नक्सलियों को भारी नुकसान होगा।
21 अप्रैल को गृहमंत्री अमित शाह से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के साथ पूरी सरकार की नक्सलवाद को लेकर बैठक हुई थी। बैठक में हाल के महीनों में राज्य में चलाए गए ऑपरेशनों में कई नक्सली मारे गए या गिरफ्तार हुए या आत्मसमर्पण को लेकर चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री के दिल्ली से लौटने के बाद से ही इस ऑपरेशन को अंजाम दिया गया।
दिल्ली में शाह के साथ बैठक से पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने जगदलपुर में एक बैठक की थी, जिसमें बस्तर के विकास के लिए एक योजना तैयार की गई। इस बैठक को बेहद अहम माना गया था।
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पुलिस के टॉप ऑफिशियल्स के मुताबिक सोमवार को माओवादियों के सबसे मजबूत सैन्य संगठन बटालियन नंबर एक के सीनियर कैडरों और माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति की मौजूदगी के बारे में सूचना मिली थी।
इस इलाके में नक्सलियों की बटालियन नंबर 1, 2, समेत अन्य कंपनियां सक्रिय हैं। टॉप लीडर हिड़मा, देवा, विकास समेत आंध्र-तेलंगाना-महाराष्ट्र के सेंट्रल कमेटी, दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी, डिविजनल कमेटी मेंबर, एरिया कमेटी मेंबर, संगठन सचिव जैसे बड़े कैडर के नक्सली भी यहां मौजूद हैं। इसी आधार पर अभियान शुरू किया गया है।
यह अभियान एक सप्ताह तक चलने की संभावना है। घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह इलाका माओवादियों की बटालियन नंबर एक का बेस एरिया बताया जाता है। नक्सलियों ने पूरी पहाड़ी में प्रेशर आईईडी लगा रखा है। प्रेशर आईईडी को डीमाइन करके फोर्स आगे बढ़ रही है।
नक्सलियों की हर हलचल पर ड्रोन के जरिए नजर रखी जा रही है। तेलंगाना के सीमावर्ती थानों को लांच पैड बनाया गया है। गुरुवार की सुबह-सुबह दो से तीन चौपर एक साथ आसमान में नजर आए हैं। अगले कुछ घंटों आपरेशन तेज होने की संभावना है।
इस पूरे ऑपरेशन के हर मूवमेंट को गुप्त रखा जा रहा है। गृहमंत्री विजय शर्मा, एडीजी विवेकानंद सिन्हा, सीआरपीएफ आईजी राकेश अग्रवाल और बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ऑपरेेशन की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।
जानकारी के अनुसार नक्सलियों के पास पर्याप्त राशन पानी नहीं है। तीनों राज्यों की फोर्स ने चारों तरफ से पहाड़ को घेर रखा है। अगर वे नीचे आए या फिर किसी भी राज्य की तरफ मूवमेंट हुई तो उनका एनकाउंटर होना तय है।
कुछ दिन पहले तेलंगाना कैडर के नक्सली शांता ने एक प्रेस रिलीज जारी किया था। इसमें लिखा था कि कर्रेगट्टा की पहाड़ी पर नक्सलियों ने सैकड़ों बम बिछा रखे हैं। पहाड़ी के चारों तरफ बारूद है। इसलिए किसी भी ग्रामीण को इस इलाके में न आने की हिदायत दी थी। वहीं नक्सलियों को कहीं न कहीं इस बात की भनक पहले ही लग गई थी कि फोर्स यहां बड़ा ऑपरेशन लॉन्च करने वाली है। इसलिए नक्सलियों ने भी पहले से ही तैयारी कर रखी है। और IED प्लांट कर ग्रामीणों को सचेत करना उनकी प्लानिंग का एक हिस्सा है।