नई दिल्ली। राहुल गांधी द्वारा अमेरिका में महाराष्ट्र चुनाव को लेकर दिए गए बयान के बाद चुनाव आयोग का पक्ष मीडिया में आया है। चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारिक सूत्रों के हवाले से मीडिया में कहा गया है कि किसी भी व्यक्ति द्वारा फैलाई जा रही कोई भी गलत सूचना न केवल कानून के प्रति अनादर का संकेत है, बल्कि अपने ही राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त हजारों प्रतिनिधियों की भी बदनामी करती है और लाखों चुनाव कर्मचारियों का मनोबल गिराती है, जो चुनावों के दौरान अथक और पारदर्शी तरीके से काम करते हैं। दरअसल चुनाव आयोग अपने इस बयान में प्रतिनिधियों के तौर पर उन पोलिंग एजेंट्स का जिक्र कर रहा है जो पोलिंग बूथ पर तैनात किए जाते हैं। नहीं भुला जाना चाहिए कि राहुल गांधी ने उन मतों का जिक्र किया है जो पोलिंग अवधि समाप्त होने के बाद पड़े।
कांग्रेस आयोग के आरोपों पर खामोश
चुनाव आयोग का यह भी कहना था कि मतदाताओं द्वारा किसी भी प्रतिकूल फैसले के बाद, यह कहकर चुनाव आयोग को बदनाम करने की कोशिश करना पूरी तरह से बेतुका है। आयोग के इस बयान पर अब तक कांग्रेस की कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।
राहुल ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने बोस्टन में महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों का हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि चुनाव आयोग ‘समझौता कर चुका है’ और ‘सिस्टम में कुछ गड़बड़ है।’ राहुल गांधी का कहना था कि सरल शब्दों में कहें तो महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में राज्य में वयस्कों की संख्या से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है।