द लेंस की इस खबर का संज्ञान लिया जाना चाहिए जिसके मुताबिक छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार के खिलाफ राजधानी रायपुर में हुए कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन में झुलसाती गर्मी में छोटे-छोटे बच्चों तक को लाया गया था। ऐसा ही कुछ नजारा भारत आए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे डी वेंस के राजस्थान प्रवास के दौरान दिखा, जहां भीषण गर्मी में उनके स्वागत में स्कूली बच्चे नजर आए। इस समय देश के अनेक हिस्से में पारा 44 डिग्री सेल्सियस को पार कर चुका है, ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन बच्चों को कैसी तकलीफों से गुजरना पड़ा होगा। चाहे राजनीतिक प्रदर्शन हो या फिर विशिष्ठ अतिथियों के स्वागत की बात हो, बच्चों की ऐसी नुमाइश नई नहीं है। ऐसा तब है, जब प्रदर्शनों में बच्चों को ले जाए जाने को लेकर अदालतें कई बार सख्ती दिखा चुकी हैं। फरवरी, 2020 की सर्दियों में सीएए के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में हो रहे प्रदर्शन के दौरान एक चार माह की बच्ची की मौत के बाद सुप्रीम कोर्ट ने खुद से संज्ञान लेकर प्रदर्शनों में बच्चों को शामिल किए जाने को लेकर कड़ा एतराज किया था। महीने भर पहले छत्तीसगढ़ के धमतरी में मजदूर को पौष्टिक भोजन देने से संबंधित एक सरकारी कार्यक्रम में भीषण गर्मी में मुख्यअतिथि शायद किसी मंत्री के इंतजार में माताओं के साथ छोटे बच्चों को कई घंटे तक परेशान होना पड़ा था। बात सिर्फ सरकारी तंत्र या राजनीतिक दलों की नहीं है, बच्चों के प्रति ऐसी अमानवीयता की कोई जगह नहीं होनी चाहिए।