गृृहमंत्री शाह श्रीनगर में देर रात तक ली बैठक, आज कश्मीर बंद, मृतकों में दो स्थानीय भी
लेंस ब्यूरो। श्रीनगर
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम के बैसरन क्षेत्र में मंगलवार को आतंकवादियों के पर्यटकों के एक समूह पर हमले में करीब 28 लोगों की मौत हो गई है। इसमें शैलानियों के साथ कश्मीरी भी शामिल हैं। सरकार की तरफ से मृृतकों की एक लिस्ट जारी की गई है। मृतकों में दो विदेशी नागरिकों के शामिल होेने की आशंका जताई जा रही है। विदेशी नागरिकों के नेपाल और यूएई के हैं। इधर, सऊदी अरब दौरे पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीच में दौरा छोड़कर भारत लौटने का फैसला किया है। वे रात ही जेद्दा से ही वापस लौट आएंगे। इधर, कश्मीर की राजधानी श्रीनगर में गृृहमंत्री अमित शाह मोर्चा संभाले हुए हैं। श्रीनगर के राजभवन में हाईप्रोफाइल बैठक चली।
आईबी चीफ तपन डेका भी उनके साथ हैं। उनके श्रीनगर पहुंचने के बाद राजभवन में हाई लेवल मीटिंग शुरू हो गई है। इस बैठक में शाह के अलावा उप राज्यपाल मनोज सिन्हा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, जम्मू-कश्मीर और केन्द्रीय गृृह मंत्रालय के उच्च अधिकारी शामिल हैं। पुलिस और फोर्स हमला करने वाले आतंकियों की तलाश में जुटी है।

दूसरी तरफ कश्मीर के चैंबर और बार एसोसिएशन ने कश्मीर बंद का ऐलान किया है। पीडीपी चीफ और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी है। साथ ही सभी कश्मीरियों से अपील की है कि वे इस बंंद में साथ आएं। बंद को सभी का समर्थन मिला है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार घायलों में पर्यटक और स्थानीय लोग दोनों शामिल हैं। कुछ घोड़ों को भी गोलियां लगीं, जो पर्यटकों को ले जा रहे थे। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है।
इस हमले के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले पर दुख जताया। रूस के राष्ट्रपति पुतिन, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पहलगाम हमले की निंदा की है।
पुलिस के अनुसार मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई पर्यटक घायल हो गए। एक समाचार एजेंसी को फोन पर एक महिला ने बताया कि मेरे पति के सिर में गोली लगी है, जबकि सात अन्य भी इस हमले में घायल हुए हैं। महिला ने अपनी पहचान नहीं बताई है। लेकिन महिला ने घायलों को अस्पताल पहुंचाने में मदद की गुहार लगाई है।
जानकारी के अनुसार हाल के वर्षों में विशेष रूप से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद घाटी में पर्यटन में वृद्धि हुई और ऐसी घटनाएं कम देखी गई थीं। 2019 के बाद से पर्यटकों को निशाना बनाने वाला यह पहला प्रमुख हमला माना जा रहा है, जो लगभग 6 साल बाद हुआ। इससे पहले 2017 में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकियों ने हमला किया था। धारा 370 बहाल करने के बाद से यह सबसे बड़ा आतंकी हमला माना जा रहा है।
राष्ट्रपति ने द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पोस्ट कर दुख जताया:
पहलगाम में आतंकी हमला: एक्शन में केंद्र सरकार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इस हमले की निंदा की। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा है, “पहलगाम में हुआ आतंकी हमला निंदनीय है। मैं इस कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा करता हूं। मृतकों के परिवारों के प्रति मेरी संवेदनाएं हैं, और मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”
कश्मीर रवाना होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक आपातकालीन बैठक बुलाई, जिसमें गृह मंत्रालय के अधिकारी, खुफिया ब्यूरो (आईबी) और जम्मू-कश्मीर के डीजीपी वर्चुअली शामिल हुए। शाह ने अपने आधिकारिक ट्वीट में कहा,
“जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ आतंकी हमला बेहद दुखद है। मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस जघन्य आतंकी हमले में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा और हम अपराधियों पर कठोरतम कार्रवाई करेंगे।”
उमर अब्दुल्ला ने कहा – हमला ‘घृणित’ और ‘कायरतापूर्ण’
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस हमले को “घृणित” और “कायरतापूर्ण” बताया। उन्होंने तुरंत श्रीनगर लौटने का फैसला किया और घायलों के इलाज की व्यवस्था की निगरानी के लिए अपनी सहकर्मी मंत्री सकीना इटू को अस्पताल भेजा। अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में कहा, “मैं अविश्वसनीय रूप से स्तब्ध हूं। हमारे आगंतुकों पर यह हमला एक घृणित कार्य है। इस हमले के अपराधी जानवर, अमानवीय और घृणा के पात्र हैं। निंदा के लिए कोई भी शब्द पर्याप्त नहीं है। मैं मृतकों के परिवारों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि मृतकों की सटीक संख्या अभी स्पष्ट नहीं है, और स्थिति स्पष्ट होने पर आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा।
हमले में 2-3 आतंकी शामिल
सूत्रों के अनुसार, हमले में 2-3 आतंकी शामिल थे, जो पुलिस या सेना की वर्दी में थे। उन्होंने पर्यटकों के एक समूह पर अंधाधुंध गोलीबारी की। आतंकियों ने 50 राउंड फायर किया। सुरक्षाबलों ने हमलावरों को पकड़ने के लिए बैसरन और आसपास के क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। घटनास्थल पर भारी पुलिस और सेना की तैनाती की गई है। घटना स्थल के आसपास जांच में सुरक्षा एजेंसियों को एक संदिग्ध बाइक बरामद हुई है, जिसकी जांच की जा रही है।
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इंडियन नेवी के अफसर की भी मौत
इस हमले के बाद एनएसए अजीत डोवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर हमले में एक इंडियन नेवी अफसर के मौत होने की सूचना दी। डोवाल ने एक्स पर पोस्ट किया, ‘पहलगाम आतंकी हमले में इंडियन नेवी ने अपने एक यंग ऑफिसर विनय नरवाल को भी खो दिया। लेफ्टिनेंट विनय नरवाल की शादी 6 दिन पहले ही हुई थी और वो पत्नी के साथ कश्मीर घूमने गए थे।’
टीआरएफ ने ली जिम्मेदारी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार इस हमले में TRF (The Resistent Front) आतंकी ग्रुप के हाथ होने की आशंका है। बताया जाता है कि पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली है। इस संगठन का संस्थापक शेख सज्जाद गुल है, जिसे भारत सरकार ने 2022 में आतंकवादी घोषित किया था। उसने दावा किया कि TRF “स्थानीय उत्पीड़न” के खिलाफ लड़ रहा है और पाकिस्तान या हाफिज सईद के प्रभाव से मुक्त है। हालांकि, जांच में खुलासा हुआ है कि TRF के तार लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े हैं, जहां से उसे फंडिंग मिलती है।
2022 के आंकड़ों के अनुसार, जम्मू-कश्मीर में मारे गए 172 आतंकवादियों में से 108 TRF से संबंधित थे। इसके अलावा 100 नए भर्ती आतंकवादियों में से 74 को TRF ने शामिल किया था। 10 अक्टूबर 1974 को श्रीनगर में जन्मे शेख सज्जाद गुल के नेतृत्व में इस संगठन ने कई हमलों को अंजाम दिया है।
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