रायपुर। लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका में एक बार फिर EVM मुद्दा उठाया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अमेरिका में यूनिवर्सिटी में संबोधन देते हुए भारतीय चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग पर समझौता करने का आरोप लगाया है। राहुल ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में मतदान के आंकड़ों में गड़बड़ी का दावा भी किया है। यह पहली बार नहीं है, जब राहुल गांधी ने चुनाव प्रक्रिया को लेकर सवाल खड़े किए हैं। पिछले महीने 10 मार्च को राहुल ने सदन में मतदाता सूची का मुद्दा उठाया था।
हालांकि EVM को लेकर कांग्रेस ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। चुनाव के कुछ दिन बाद तक यह मुद्दा गरम रहता है उसके बाद इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। सुप्रिया श्रीनेत ने EVM के मसले को लेकर कहा कि ‘’लोकतंत्र में हम चुनाव का बहिष्कार क्यों करेंगे। यह मोदी जी का सपना हो सकता है, उनके सपने को हम साकार होने नहीं देंगे।‘’
द लेंस का सवाल- राहुल गांधी ने अमेरिका में एक बार फिर से ईवीएम का मुद्दा उठाया है। कई वैज्ञानिक और बुद्धिजीवी भी ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर चुके हैं। कांग्रेस पार्टी ईवीएम को लेकर कोई ठोस प्रमाण और अध्ययन के साथ जनता के बीच क्यों नहीं जाती। और कांग्रेस पार्टी इस सिस्टम के खिलाफ क्या लड़ाई लड़ रही है?
सुप्रिया श्रीनेत का जवाब- द लेंस के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने इस देश में ही नहीं अमेरिका में भी बोला है। भारतीय लोगों से वह मिल रहे थे। उन्होंने, उनसे महाराष्ट्र के चुनाव के बारे में बात करी। उन्होंने कुछ तथ्य और सबूत प्रस्तुत किए उस पर बीजेपी जवाब दे दे।
उन्होंने कहा कि ‘’महाराष्ट्र के चुनाव में 2019 लोकसभा से 2024 लोकसभा में 32 लाख वोटर बढ़े। लेकिन 2024 जून से नवंबर तक 5 महीने में 40 लाख वोटर बढ़ गए। जो 5 साल में नहीं बढ़े वो 5 महीने में बढ़ गए। महाराष्ट्र में टोटल रजिस्टर वोटर 9 करोड़ 70 लाख थे। महाराष्ट्र की एडल्ट पॉपुलेशन 9 करोड़ 54 लाख है, तो एडल्ट पॉपुलेशन से ज्यादा वोटर थे। महाराष्ट्र में 5:30 बजे वोटिंग परसेंटेज आता है, उसके बाद 65 लाख वोट बढ़ जाते हैं। एक वोट डालने में 3 मिनट का समय लगता है दो-दो तीन-तीन बजे तक लाइन लगी रहनी चाहिए थी। ऐसा तो कहीं नहीं हुआ, तो इतने वोट कैसे बढ़ गए।‘’
सुप्रिया श्रीनेत ने इलेक्शन कमीशन पर आरोप लगाते हुए कहा कि ‘’हमने कहा वीडियो ग्राफी का प्रूफ दे दीजिए। इलेक्शन कमीशन ने नियम ही बदल दिए। तो भाई कुछ बातें हैं जिस पर सवाल हम कर रहे हैं। हम इलेक्शन कमीशन भी गए इलेक्शन कमीशन हमसे मिलने को तैयार नहीं है। इस देश के लोकतंत्र में अगर प्रहार होगा तो नेता प्रतिपक्ष बैठकर मूक दर्शक तो नहीं बना रहेगा। नेता प्रतिपक्ष उस पर बोलेगा उसका फर्ज है बोलना, उसका कर्तव्य बोलना। उन्होंने बोलकर बिल्कुल सही किया मैं बिल्कुल समर्थन करती हूं। हम इलेक्शन कमीशन बार-बार जा रहे हैं इलेक्शन कमीशन को तमाम साक्ष्य और सबूत दिए हैं और अब इलेक्शन में कमीशन के ऊपर है कि वह इसके बारे में क्या करते हैं।
द लेंस का सवाल- क्या कांग्रेस चुनाव बहिष्कार तक जा सकती है?
सुप्रिया श्रीनेत का जवाब– चुनाव के बहिष्कार को लेकर श्रीनेत ने कहा कि ‘’लोकतंत्र में हम चुनाव का बहिष्कार क्यों करेंगे? लोकतंत्र में हमें ऐसे क्रूर आदमी को जो बेरोजगारी से, आर्थिक असमानता से, पिछड़ों से, आदिवासियों के, दलितों के हक को मार कर रौंद कर सत्ता में बैठा हुआ है। हम उसको फ्री पास दे दें इलेक्शन का बॉयकाट करके यह मोदी जी का सपना हो सकता है उनके सपने को हम साकार होने नहीं देंगे।‘’