नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
वक्फ बिल और राज्यपालों द्वारा बिलों को रोकने के मामले में भाजपा नेताओं ने सुप्रीम कोर्ट पर तीखे प्रहार शुरू कर दिए हैं। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के बाद अर्जुन राम मेघवाल और किरण रिजीजू की टिप्पणी चर्चा में थी। अब भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर हमला बोलते हुए कहा है कि भारत में सभी गृहयुद्धों के लिए सीजेआई संजीव खन्ना जिम्मेदार हैं।
निशिकांत दुबे ने सर्वोच्च न्यायालय पर विधायिका द्वारा पारित कानूनों को रद्द करके संसद की विधायी शक्तियों को अपने हाथ में लेने तथा राष्ट्रपति को निर्देश देने का आरोप लगाया है।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर यह आरोप भी लगाया कि वह राष्ट्रपति को महत्वपूर्ण बिलों को लेकर तीन महीने के भीतर निर्णय लेने के लिए कहकर संसद को ‘निर्देशित’ करने का प्रयास कर रहा है।
भाजपा सांसद की यह टिप्पणी केंद्र सरकार द्वारा न्यायालय को दिए गए इस आश्वासन के बाद आई है कि वह वक्फ अधिनियम के कुछ विवादास्पद प्रावधानों को सुनवाई के अगले दिन तक लागू नहीं करेगी, क्योंकि न्यायालय ने उन पर सवाल उठाए हैं।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए गए बयान में निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर देश को कथित ‘अराजकता’ की ओर ले जाने का आरोप लगाया है।
गौरतलब है कि उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी सर्वोच्च न्यायालय द्वारा भारत के राष्ट्रपति को भेजे गए विधेयकों पर निर्णय लेने के लिए समय-सीमा निर्धारित करने के हाल के निर्णय पर तीखी टिप्पणी की थी।
दुबे का हमला तब शुरू हुआ है जब तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता कल्याण बनर्जी द्वारा भाजपा नेता और वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल के इस्तीफे की मांग की गई है।
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दुबे ने एएनआई से कहा, “आप नियुक्ति प्राधिकारी को कैसे निर्देश दे सकते हैं? राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं। संसद इस देश का कानून बनाती है। आप उस संसद को निर्देश देंगे? किस कानून में लिखा है कि राष्ट्रपति को तीन महीने के भीतर फैसला लेना है? इसका मतलब है कि आप इस देश को अराजकता की ओर ले जाना चाहते हैं। जब संसद बैठेगी, तो इस पर विस्तृत चर्चा होगी।
पीटीआई को दिए गए बयान में झारखंड से भाजपा सांसद ने सुप्रीम कोर्ट पर आरोप लगाया कि वह विधायिका द्वारा पारित कानूनों को रद्द करके संसद की विधायी शक्तियों को अपने हाथ में ले रहा है और यहां तक कि राष्ट्रपति को निर्देश भी दे रहा है।
दुबे ने अधिनियम द्वारा “वक्फ द्वारा उपयोग” प्रावधान को कमजोर करने पर अदालत की आलोचनात्मक टिप्पणियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि इसने अयोध्या में राम मंदिर सहित मंदिरों से जुड़े मामलों में दस्तावेजी सबूत मांगे हैं, लेकिन वफ्फ़ के मामले में इसी तरह की आवश्यकता को नजरअंदाज करना चुना है।
छत्तीसगढ़ के भाजपा विधायक ने भी सुप्रीम कोर्ट पर की थी टिप्पणी
भाजपा के मंत्री और सांसदों के अलावा छत्तीसगढ़ के एक भाजपा विधायक ने भी सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी की थी। साजा विधायक ईश्वर साहू के फेसबुक पर सुप्रीम कोर्ट के लिए अनापत्ति शब्दों का इस्तेमाल किया गया था। जब सोशल मीडिया में विवाद बढ़ा तो ईश्वर साहू ने कहा कि उनका फेसबुक अकाउंट हैक हो गया था।