[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में तेज आवाज साउंड बॉक्स पर कार्रवाई, झांकी से पहले डीजे संचालकों को अल्टीमेटम
टाटा की गाड़ियों के दाम में 65 हजार से 1.55 लाख तक की भारी कटौती का फैसला
राजभवन में शिक्षकों का ये कैसा सम्मान?
रायपुर: गणपति की AI छवि वाली मूर्ति को लेकर बवाल, पंडाल पर पर्दा, दर्शन बंद
संघ के वरिष्ठ प्रचारक शांताराम सर्राफ का निधन
श्रीनगर: भीड़ ने तोड़ा अशोक स्तंभ, हजरतबल दरगाह में बवाल
डोनाल्ड ट्रंप बोले – हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया
‘…मैं डिप्टी सीएम बोल रहा हूं, कार्रवाई रोको’, अजित पवार की IPS अंजना को चेतावनी, देखिए वीडियो
नेपाल में फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स समेत दर्जन भर सोशल मीडिया प्लेटफार्म बैन
फार्मा सेक्टर टैरिफ मुक्त होने के बावजूद अमेरिका के बाहर बाजार तलाश रहा भारत
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
धर्म

कट्टरता ने सभ्यताओं का विनाश किया

The Lens Desk
Last updated: April 20, 2025 7:39 pm
The Lens Desk
Share
SHARE

आज कहीं अधिक मौजूं है स्वामी विवेकानंद का

शिकागो धर्म संसद में दिया गया भाषण

आज दुनिया जिस तरह की धर्मांधता, कट्टरता और हठधर्मिता से घिर गई है, उससे निकलने और इस धरती को पूरी तरह मानवता के हित से जोड़ने की एक राह आज से करीब 132 साल पहले, 11 सितंबर, 1893 को अमेरिका के शिकागो में हुई विश्व धर्म महासभा में दिए गए स्वामी विवेकानंद के स्वागत भाषण से निकलती है। स्वामी विवेकानंद का यह भाषण आज कहीं अधिक मौजूं है, जिन्होंने खुद को प्राचीन संत परंपरा के देश का बताया था और यह भी कहा था कि वह उस धरती से आए हैं, जिसने सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी है। यह उन लोगों के लिए आंखें खोलने वाला है, जो भारत को कट्टरता और धर्मांधता के रास्ते पर ले जा रहे हैं। यहां पढ़िए उनका पूरा भाषणः

अमेरिका के बहनो और भाइयों,

आपके इस जोरदार और स्नेहपूर्ण स्वागत से मेरा हृदय अपार हर्ष से भर गया है। मैं आपको संसार की सबसे प्राचीन संत परंपरा की तरफ से धन्यवाद देता हूं। मैं आपको सभी धर्मों की जननी की तरफ से धन्यवाद देता हूं और सभी जाति, संप्रदाय के लाखों, करोड़ों हिंदुओं की तरफ से आपका आभार व्यक्त करता हूं।

मैं उन वक्ताओं को भी धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने इस मंच से यह कहा कि दुनिया में सहनशीलता का विचार सुदूर पूरब के देशों से फैला है। मुझे गर्व है कि मेरा ताल्लुक ऐसे धर्म से है, जिसने दुनिया को सहनशीलता और सार्वभौमिक स्वीकृति का पाठ पढ़ाया है। हम सिर्फ सार्वभौमिक सहनशीलता में ही विश्वास नहीं रखते, बल्कि हम विश्व के सभी धर्मों को सत्य के रूप में स्वीकार करते हैं।

मुझे गर्व है कि मैं एक ऐसे देश से हूं, जिसने इस धरती के सभी देशों और धर्मों के परेशान और सताए गए लोगों को शरण दी है। मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि हमने अपने हृदय में उन इस्राइलियों (यहूदियों) की पवित्र स्मृतियां संजोकर रखी हैं, जिनके धर्म स्थलों को रोमन हमलावरों ने तोड़-तोड़कर खंडहर बना दिया था और तब उन्होंने दक्षिण भारत में शरण ली थी। मुझे इस बात का गर्व है कि मैं एक ऐसे धर्म से हूं, जिसने महान पारसी (जरथुस्त्र) धर्म के लोगों को शरण दी और अब भी उन्हें पाल-पोस रहा है।

भाइयो, मैं आपको एक श्लोक की कुछ पंक्तियां सुनाना चाहूंगा, जिसे मैंने बचपन से स्मरण किया और दोहराया है और जो रोज करोड़ों लोगों द्वारा हर दिन दोहराया जाता है:

रुचिनां वैचित्र्यादृजुकुटिलनानापथजुषाम्। नृणामेको गम्यस्त्वमसि पयसामर्णव इव।शिवमहिम्नस्तोत्रम्।।

  • अर्थात, जिस तरह अलग-अलग स्त्रोतों से निकली विभिन्न नदियां अंत में समुद में जाकर मिलती हैं, उसी तरह मनुष्य अपनी इच्छा के अनुरूप अलग-अलग मार्ग चुनता है। वे देखने में भले ही सीधे या टेढ़े-मेढ़े लगें, पर सभी भगवान तक ही जाते हैं।

यह महासभा जो आज तक आयोजित सबसे पवित्र सभाओं में से एक है, गीता में बताए गए इस अद्भुत उपदेश और जगत् के प्रति उसकी घोषणा का समर्थन करती है:

ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्यहम् । मम वर्त्मानुवर्तन्ते मनुष्याः पार्थ सर्वशः।।

  • जो भी मुझ तक आता है, चाहे वह कैसा भी हो, मैं उस तक पहुंचता हूं। लोग चाहे कोई भी रास्ता चुनें, आखिर में मुझ तक ही पहुंचते हैं।

सांप्रदायिकताएं, धर्मांधता और इससे उपजी भीषण कट्टरता लंबे समय से धरती पर राज कर चुकी है। इन्होंने पृथ्वी को हिंसा से भर दिया है। कितनी बार ही यह धरती खून से लाल हुई है। कितनी ही सभ्यताओं का विनाश हुआ है और न जाने कितने देश नष्ट हुए हैं।

अगर ये भयानक राक्षस नहीं होते, तो आज मानव समाज कहीं ज्यादा उन्नत होता, लेकिन अब उनका समय पूरा हो चुका है। मुझे पूरी उम्मीद है कि आज इस सम्मेलन का शंखनाद सभी हठधर्मिताओं, हर तरह के क्लेश, चाहे वे तलवार से हों या कलम से और सभी मनुष्यों के बीच की दुर्भावनाओं का विनाश करेगा।

(स्वामी विवेकानंद, 11 सितंबर, 1893, विश्व धर्म महासभा, शिकागो)

TAGGED:Chicago Dharm SansadFanaticismHinduSwami VivekanandTop_News
Previous Article why petrol and diesel is expensive ? कच्चा तेल सस्ता है, तो महंगा क्यों है पेट्रोल और डीजल ?
Next Article The Lens हमारा विश्वास सच और संवाद

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

कांग्रेस ने उछाला मंत्री केदार की पत्नी की परीक्षा का मामला, 10 साल बाद भी पता नहीं चला कि ‘वो’ कौन थी?

रायपुर। कांग्रेस ने मंगलवार को प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप पर सीधा हमला बोला…

By दानिश अनवर

पाकिस्तानी सैन्य जनरल असीम मुनीर की राष्ट्रपति ट्रंप से मुलाकात को लेकर बवाल क्यों मचा है?

नई दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप जी-7 समिट छोड़कर समय से पहले निकल गए हैं।…

By आवेश तिवारी

बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई कल, ADR ने उठाए सवाल

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट 28 जुलाई को बिहार में वोटर लिस्ट के लिए चल रही…

By पूनम ऋतु सेन

You Might Also Like

Nankiram Kanwar viral picture
छत्तीसगढ़

इस तस्वीर पर छत्तीसगढ़ में बवाल क्यों ?

By दानिश अनवर
Kerala BJP
अन्‍य राज्‍य

जम्मू-कश्मीर से मतदाता लाकर केरल की लिस्‍ट में जोड़ेंगे: भाजपा उपाध्यक्ष

By आवेश तिवारी
bihar katha
लेंस रिपोर्ट

बिहार चुनावी रंग: मंत्रियों को जनता ने दौड़ाया वहीं सत्ताधारी पार्टी के नजदीकी दबंग नेता हो रहे अदालत से बरी

By राहुल कुमार गौरव
jk court
अन्‍य राज्‍य

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मृत शिक्षक को पाकिस्तान आतंकी बताने पर जी न्यूज और न्यूज 18 के खिलाफ एफआईआर

By Lens News Network
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?