नेशनल ब्यूरो। नई दिल्ली
5 अप्रैल को बने वक्फ संशोधन कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में दो दिनों तक सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से कपिल सिब्बल ने पक्ष रखा। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सरकार की तरफ से कानून के समर्थन में पैरवी की। दोनों पक्षों को दो दिनों तक सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की पीठ ने इस कानून के कुछ प्रावधानों पर स्टे लगाने के संकेत दिए थे। इस संकेत के बाद एसजी तुषार मेहता ने कुछ दस्तावेज पेश करने के लिए 7 दिन का समय मांगा। तब तक के लिए एसजी ने कोर्ट को आश्वासन दिया कि वक्फ बोर्ड और वक्फ काउंसिल में किसी तररह की नई नियुक्ति नहीं होगी। इसके अलावा मौजूदा वक्फ की संपत्तियों पर भी कोई कार्रवाई नहीं होगी। बहस में याचिकाकर्ताओं की तरफ से वक्फ करने की प्रक्रिया, वक्फ बाई यूजर्स और बोर्ड मेंबर्स में गैर मुस्लिम सदस्यों को लेकर बहस हुई। अगली सुनवाई 5 मई को होगी।


