Protest by Karni Sena in Agra : आगरा। सपा सांसद रामजीलाल सुमन द्वारा राणा सांगा को दिए गए बयान से खार खाई करणी सेना ने आज 12 मार्च को नंगे हथियारों, लाठियों के साथ आगरा में उग्र प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारियों ने रास्ते में कई बैरिकेटिंग तोड़ डाली, वहीं पुलिसकर्मियों को घेर लिया स्थिति बिगड़ते देख पुलिसकर्मियों को मौके से जाना पड़ा। उधर अखिलेश यादव ने करणी सेना को भाजपाइयों का जमावड़ा बताते हुए उनकी तुलना हिटलर की सेना से कर डाली है।

अखिलेश यादव ने हिटलर की सेना से तुलना की
अखिलेश यादव ने इटावा में कहा है कि अगर कोई हमारे रामजीलाल सुमन या हमारे कार्यकर्ता का अपमान करेगा तो हम समाजवादी लोग भी उनके साथ खड़े दिखाई देंगे। उनके सम्मान की लड़ाई लड़ने का काम करेंगे। करणी सेना को लेकर अखिलेश यादव ने आगे कहा कि यह सेना–वेना सब नकली है, यह सब बीजेपी वाले हैं। उन्होंने कहा, हिटलर ने भी एक सेना बनाई थी टूपर्स। हिटलर अपने समय पर एक फौज रखता था। अपने कार्यकर्ताओं को पुलिस और फौज की वर्दी पहना देता था। फिर अपने विरोधी लोगों को पिटवाता था। उस सेना का नाम था स्ट्रॉम टूपर्स। ये भाजपा वालों की दूपर्स है।
Protest by Karni Sena in Agra : 500 जगहों पर बैरिकेटिंग
महत्वपूर्ण है कि करणी सेना ने रामजीलाल सुमन के घर पर धावा बोलने का ऐलान किया है। करणी सेना के प्रदर्शन के मद्देनजर आगरा शहर में 500 जगहों पर बैरिकेडिंग की गई है। 10 हजार PAC और पुलिस के जवान तैनात हैं। अलग–अलग जगहों पर पुलिस और करणी सेना के बीच झड़प की खबर है।
निजी सुरक्षा एजेंसी की सेवा ले रहे सांसद सुमन
दूसरी तरफ अपने घर पर मौजूद रामजी सुमन की सुरक्षा में 1000 पुलिस जवान तैनात किए गए हैं। उनकी हजार तक पहुंचने वाला पूरा रास्ता सील है। सपा सांसद ने भी निजी सुरक्षा एजेंसी की सेवाएं ली हैं।
क्या कहा था रामजीलाल सुमन ने
Protest by Karni Sena in Agra : रामजीलाल सुमन ने 21 मार्च को राज्यसभा में कहा था, ‘भाजपा वालों का तकिया कलाम हो गया कि मुसलमानों में बाबर का डीएनए है। फिर हिंदुओं में किसका डीएनए है? बाबर को कौन लाया? बाबर को भारत में इब्राहीम लोदी को हराने के लिए राणा सांगा लाया था। मुसलमान बाबर की औलाद हैं तो तुम (हिंदू) गद्दार राणा सांगा की औलाद हो। यह हिंदुस्तान में तय हो जाना चाहिए। बाबर की आलोचना करते हैं, राणा सांगा की नहीं। देश की आजादी की लड़ाई में इन्होंने अंग्रेजों की गुलामी की थी।” गौरतलब है कि रामजीलाल सुमन के इस दावे को लेकर इतिहासकारों में मतभेद है।