द लेंस डेस्क। छत्तीसगढ झारखंड के सीमावर्ती जिले में हाथियों की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है, जहां हाथी ने ग्रामीण को कुचलकर मौच के घाट उतार दिया है। ये पूरा मामला बलरामपुर जिले के चाकी गांव का है। ग्रामीण की मौत के बाद लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। ग्रामीणों ने शव को उठाकर ले जाने का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि हाथी ने 4 ग्रामीणों की जान ले ली है। वहीं एक और हाथी ने भी 2 लोगों को मारा है। ऐसे में हाथियों ने 10 दिनों में 6 लोगों की जान ले ली है।
जानकारी के अनुसार ग्रामीण सुबह 8 बजे जंगल के रास्ते से बसकटियापारा की ओर जा रहा था। इसी दौरान रास्ते में उसे जंगली हाथी ने दौड़ाकर सूंड से पकड़ लिया। हाथी ने ग्रामीण को उठाकर दूर फेंक दिया। हाथी के फेंके जाने पर देवनारायण दूर जा गिरा और उसकी मौके पर मौत हो गई। आसपास महुआ बिन रहे ग्रामीण डरकर मौके से भाग निकले और घटना की सूचना ग्रामीणों को दी।
लगातार हो रहीं मौतें
जंगली हाथी के हमले में लगातार मौत से आक्रोशित जिला पंचायत सदस्य और ग्रामीणों ने वनविभाग को शव ले जाने से रोक दिया। इसकी जानकारी मिलने पर SDO फॉरेस्ट अनिल कुमार पैकरा, रेंजर संतोष पांडेय मौके पर पहुंचे, और लोगों को शांत कराया।
2 बच्चों से उठा पिता मां- बाप का साया
हाथी के हमले में मृतक देवनारायण खैरवार की पत्नी की पहले ही मौत हो चुकी है। उसके दो बच्चे हैं, जिसमें लड़की ममता खैरवार पढ़ाई कर रही है और बेटा नाबालिग है। जिला पंचायत सदस्य संतोष यादव ने देवलाल की बेटी को चौकीदार की संविदा नियुक्ति देने की मांग रखी। अधिकारियों ने इसे स्वीकार कर लिया है।
ग्रामीणों ने ये रखी मांग
ग्रामीणों ने हाथी की ट्रैकिंग डिवाइस लगाने और हाथी से बचाव के लिए सोलर फेंसिंग की मांग प्रशासन से की है। SDO ने इसके लिए ग्रामीणों को आश्वासन भी दिया है। इसके बाद लोग शांत हुए और पुलिस ने शव को पंचनामा के बाद पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा।