गुजरात में अखिल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का आखिरी अधिवेशन साल 1961 में भावनगर में हुआ था। अब करीब 64 साल बाद कांग्रेस अहमदाबाद में 86वां अधिवेशन उस वक्त कर रही है, जब गुजरात बीजेपी का मजबूत गढ़ है और राज्य में 2027 में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
अधिवेशन के पहले दिन 8 मार्च को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर तीखा हमला बोलकर देशव्यापी संदेश देने की कोशिश की है। वहीं राहुल गांधी ने कांग्रेस को जातियों में उलझे रहने का खामियाजा भुगतने पर बात रखी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस कार्य समिति की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि हम दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण में उलझे रहे और ओबीसी हमारा साथ छोड़ गया। उन्होंने कहा कि हम मुस्लिमों की बात करते हैं, इसलिए हमें मुस्लिम परस्त कहा जाता है। हमें ऐसी बातों से डरना नहीं है, बल्कि लगातार मुद्दे उठाते रहना है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया कि पिछले कई सालों से कई राष्ट्रीय नायकों को लेकर एक सोचा-समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है। आज सांप्रदायिक विभाजन के ज़रिये देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है और सामंती एकाधिकार संसाधनों पर कब्ज़ा करते हुए शासन को नियंत्रित करने की राह पर हैं।
‘न्यायपथ’ की थीम पर अधिवेशन
अधिवेशन की थीम ‘न्यायपथ: संकल्प, समर्पण और संघर्ष’ रखी गई है। पार्टी नेताओं ने मीडिया को बताया कि यह अधिवेशन गुजरात में संगठन को मजबूत करने और 2027 के विधानसभा चुनावों की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस वर्ष महात्मा गांधी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने के 100 साल और सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती है। चूंकि दोनों महान नेता गुजरात से थे, इसीलिए कांग्रेस ने अधिवेशन के लिए गुजरात को चुना है।