आगरा। आगरा में एयरफोर्स अफसर की पैराशूट में आई टेक्निकल खराबी ने जान ले ली। जानकारी के अनुसार जमीन से सौ मीटर ऊपर ही पैराशूट बंद हो गया, इससे अफसर सीधे जमीन पर गिर गए। घायल हालात में अफसर को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी इलाज के दौरान मौत हो गई। फरवरी 2025 में भी एक अफसर की पैराशूट में आई खराबी के कारण मौत हो गई थी।
पैराशूट की टेक्निकल खराबी ने ले ली जान
जानकारी के मुताबिक शनिवार की सुबह रामकुमार तिवारी आगरा में भारतीय वायुसेना की आकाश गंगा स्काईडाइविंग टीम शनिवार सुबह 9:55 बजे आगरा के आसमान में डेमो ड्रॉप ड्रिल की जा रही थी। इसमें पैराट्रूपर रामकुमार तिवारी जवानों को प्रशिक्षण दे रहे थे। उन्होंने प्लेन से जंप किया और कुछ देर बाद पैराशूट खोला, पहले तो पैराशूट खुल गया लेकिन, जमीन से करीब सौ मीटर ऊपर पैराशूट में कुछ खराबी आई।
सिर और शरीर पर आई गंभीर चोटें
जमीन पर सीधे गिरने से एयरफोर्स अफसर के सिर और शरीर में गंभीर चोटें आईं। उन्हें तत्काल मिलिट्री हॉस्पिटल में ले जाया गया। इलाज के दौरान करीब 11.40 बजे डॉक्टरों ने रामकुमार को मृत घोषित कर दिया।
दो महीने में दो मौतें
इसके पहले भी फरवरी 2025 में भी एक अफसर की मौत हो गई थी। वारंट अफसर मंजूनाथ की पैराशूट में आई खराबी की वजह से जान गई थी।तब भी पैराशूट नहीं खुला था।मंजूनाथ की तरह अब वारंट अफसर राजकुमार तिवारी की भी मौत हुई है।
कौन हैं रामकुमार तिवारी?
उत्तरप्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बेलहा गांव के रहने वाले रामकुमार तिवारी भारतीय वायुसेना में वारंट अफसर थे।पैराट्रूपर रामकुमार तिवारी ने 2002 में एयरफोर्स जॉइन की थी। उन्होंने एयरक्राफ्ट से सैकड़ों छलांग लगाई थी। उन्होंने कुशल प्रशिक्षण प्राप्त कर लिया था। इसी कारण वह पैराट्रूपर जंप इंस्ट्रक्टर बनाए गए थे और जवानों को ट्रेनिंग देते थे। रामकुमार आगरा में अपनी पत्नी, बेटे यश और कुश के साथ रहते थे। भारतीय वायुसेना की आकाश गंगा स्काईडाइविंग की ट्रेनिंग जवानों को देते थे। क्रिकेटर महेंद्र सिंह धोनी को भी उन्होंने स्काईडाइविंग की ट्रेनिंग दी थी।