दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा से पास कर दिया गया है। हालांकि, विपक्षी दल और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड समेत कई मुस्लिम संगठन इस बिल का लगातार विरोध कर रहे हैं। शुक्रवार को देश के कई बड़े शहरों में वक्फ बिल के विरोध में प्रदर्शन हुए हैं। वहीं, अब AIMPLB ने वक्फ संशोधन अधिनियम को लेकर भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से तत्काल मुलाकात का समय मांगा है।
AIMPLB ने जताई बिल पर चिंता
लोकसभा और राज्यसभा में बिल पास होने के बाद अब अंतिम काम राष्ट्रपति के हस्ताक्षर का है, इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने राष्ट्रपति से मिलने के लिए समय मांगा है। AIMPLB के प्रवक्ता डॉ. एस क्यू आर इलियास ने बोर्ड के महासचिव मौलाना फजलुर रहीम मुजद्ददी की ओर से लिखे गए पत्र के विषय को शेयर करते हुए लिखा कि अधिनियम द्वारा पेश किए गए संशोधन में महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं जो वक्फ संस्थान के प्रशासन और स्वायत्तता को प्रभावित करते हैं, जिन्होंने ऐतिहासिक रूप से धार्मिक और धर्मार्थ गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
क्या हैं मुलाकात के मायने ?
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के पत्र में आगे कहा गया है कि राष्ट्रपति से मिलने का हमारा मकसद हाल ही में पारित वक्फ संशोधन विधेयक 2025 और देश भर के मुस्लिम समुदाय के लिए इसके बारे में अपनी गहरी चिंता व्यक्त करना है। बोर्ड ने आगे कहा- “यह अधिनियम पूरी तरह से असंवैधानिक है और देश के मुसलमानों पर हमला है। हमारा मानना है कि अधिनियम के प्रावधानों पर गंभीरता से पुनर्विचार की जरूरत है क्योंकि वे भारत के संविधान के तहत मिले मौलिक अधिकारों के साथ असंगत हैं, विशेष रूप से धार्मिक स्वतंत्रता, समानता और धार्मिक संस्थानों की सुरक्षा के संबंध में।”
समाधान पर चर्चा की मांग
AIMPLB ने राष्ट्रपति मुर्मू से अनुरोध किया है कि वह मामले की गंभीरता को देखते हुए सुविधाजनक समय पर शीघ्र समय दें, ताकि उन्हें चिंताओं से अवगत कराया जा सके और संवैधानिक ढांचे के भीतर संभावित समाधानों पर चर्चा की जा सके।