[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
सरकारी अस्पताल में बची 9 साल की काव्या की जान, खेलते हुए आंख से दिमाग तक पहुंची थी घंटी
‘भूपेश है तो भरोसा है’ फेसबुक पेज से वायरल वीडियो पर FIR, भाजपा ने कहा – छत्तीसगढ़ में दंगा कराने की कोशिश
क्या DG कॉन्फ्रेंस तक मेजबान छत्तीसगढ़ को स्थायी डीजीपी मिल जाएंगे?
पाकिस्तान ने सलमान खान को आतंकवादी घोषित किया
राहुल, प्रियंका, खड़गे, भूपेश, खेड़ा, पटवारी समेत कई दलित नेता कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची में
महाराष्ट्र में सड़क पर उतरे वंचित बहुजन आघाड़ी के कार्यकर्ता, RSS पर बैन लगाने की मांग
लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर AC बस में लगी भयानक आग, 70 यात्री बाल-बाल बचे
कांकेर में 21 माओवादियों ने किया सरेंडर
RTI के 20 साल, पारदर्शिता का हथियार अब हाशिए पर क्यों?
दिल्ली में 15.8 डिग्री पर रिकॉर्ड ठंड, बंगाल की खाड़ी में ‘मोंथा’ तूफान को लेकर अलर्ट जारी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
दुनिया

ट्रंप के टैरिफ तूफान से दुनिया हैरान, अंतरराष्‍ट्रीय व्‍यापार के लिए बताया गलत कदम

पूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
Follow:
Published: April 3, 2025 10:25 AM
Last updated: April 3, 2025 3:29 PM
Share
Trump Tariff
SHARE
The Lens को अपना न्यूज सोर्स बनाएं

द लेंस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ नीति के साथ वैश्विक व्यापार को एक बार फिर संकट के मुहाने पर ला खड़ा किया है। इस नीति के तहत, ट्रंप ने घोषणा की है कि जो देश अमेरिका पर टैरिफ लगाएंगे, उन्हें उसी अनुपात में जवाबी टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। 2 अप्रैल, 2025 को लागू हुई यह नीति न केवल व्यापारिक संतुलन को प्रभावित कर रही है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और अर्थव्यवस्था पर भी गहरे सवाल खड़े कर रही है। भारत, चीन, कनाडा, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के नेताओं और मीडिया ने इस कदम पर तीखी प्रतिक्रियाएं दी हैं।

अंतरराष्ट्रीय नेताओं की प्रतिक्रियाएं

ट्रंप के इस फैसले ने विश्व भर के नेताओं को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। यहाँ कुछ प्रमुख नेताओं के बयान हैं:

भारत – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
पीएम मोदी ने ट्रंप के टैरिफ फैसले पर सीधे तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की, लेकिन हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘भारत और अमेरिका के बीच संबंध मजबूत हैं, और हम हर स्थिति में बातचीत के जरिए समाधान निकालेंगे।’ फिलहाल मोदी सरकार इस मामले में सावधानी बरत रही है, क्योंकि भारत का अमेरिका के साथ 200 अरब डॉलर का व्यापार दांव पर है।

कनाडा – प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो
ट्रूडो ने ट्रंप के फैसले की कड़ी निंदा की और कहा, ‘यह टैरिफ कनाडा पर कब्जे की साजिश है। हम अमेरिकी वस्तुओं पर जवाबी टैरिफ लगाकर इसका जवाब देंगे।’ कनाडा ने पहले ही अमेरिकी आयात पर 25% टैरिफ की घोषणा कर दी है।

चीन – राष्ट्रपति शी जिनपिंग
शी ने इसे ‘अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए गलत कदम’ करार दिया और कहा, ‘चीन विश्व व्यापार संगठन के नियमों का पालन करता है और जवाबी कार्रवाई के लिए तैयार है।’ चीन ने अमेरिकी कृषि उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने की धमकी दी है।

स्वीडन – प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन
क्रिस्टर्सन ने कहा, ‘हम मुक्त व्यापार के पक्षधर हैं। ट्रंप का यह कदम वैश्विक सहयोग को कमजोर करेगा।’ स्वीडन ने यूरोपीय संघ के साथ मिलकर इस मुद्दे पर रणनीति बनाने का संकेत दिया।

वेनेजुएला – राष्ट्रपति निकोलस मादुरो
मादुरो ने इसे “अमेरिकी साम्राज्यवाद का नया हथियार” बताया और कहा, “यह तेल व्यापार को नष्ट करने की साजिश है। हम इसका डटकर मुकाबला करेंगे।”

विदेश मंत्रियों के बयान

भारत – विदेश मंत्री एस. जयशंकर
जयशंकर ने संसद में कहा, “हम अमेरिका के साथ बातचीत कर रहे हैं। भारत का रुख संतुलित है, और हम अपने हितों की रक्षा करेंगे।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत ट्रंप के “टैरिफ किंग” वाले बयान को गंभीरता से ले रहा है, लेकिन अभी कोई कठोर कदम नहीं उठाया जाएगा।

चीन – विदेश मंत्री वांग यी
वांग ने कहा, “ट्रंप की नीति एकतरफा और अनुचित है। हम डब्ल्यूटीओ में इसकी शिकायत करेंगे और जवाबी टैरिफ लागू करेंगे।”

कनाडा – विदेश मंत्री मेलानी जोली
जोली ने कहा, “यह कदम उत्तरी अमेरिकी व्यापार समझौते को कमजोर करता है। हम अपने नागरिकों के हितों के लिए लड़ेंगे।”

जर्मनी – विदेश मंत्री एनालेना बेयरबॉक
बेयरबॉक ने चेतावनी दी, ‘टैरिफ वॉर से कोई नहीं जीतता। यूरोपीय संघ एकजुट होकर इसका जवाब देगा।’

भारतीय मीडिया की प्रतिक्रियाएं

द हिंदू ने लिखा, “ट्रंप का टैरिफ फैसला भारत के लिए दोधारी तलवार है। एक ओर यह निर्यात को प्रभावित कर सकता है, वहीं दूसरी ओर भारत को चीन के विकल्प के रूप में उभरने का मौका दे सकता है।” अखबार ने पीएम मोदी की सधी हुई प्रतिक्रिया की तारीफ की। हितवादा ने इसे “वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा” बताया और चेतावनी दी कि भारत के फार्मा और ऑटो सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ सकता है। अखबार ने सरकार से तत्काल रणनीति बनाने की मांग की। टाइम्स नाउ ने एक डिबेट में कहा, “ट्रंप भारत को टैरिफ किंग कहते हैं, लेकिन क्या भारत जवाबी टैरिफ लगाने की हिम्मत दिखाएगा?” चैनल ने दर्शकों से राय मांगी, जिसमें 60% ने बातचीत को बेहतर रास्ता बताया।

अंतरराष्ट्रीय मीडिया का नजरिया

रॉयटर्स ने लिखा, ‘ट्रंप ने दशकों पुरानी नियम-आधारित व्यापार व्यवस्था को उलट दिया। इससे वैश्विक शेयर बाजारों में गिरावट और तेल की कीमतों में उछाल देखा गया।’ बीबीसी ने कहा, ‘चीन और कनाडा जैसे देशों ने जवाबी टैरिफ की तैयारी शुरू कर दी है, जबकि भारत अभी सतर्क रुख अपनाए हुए है। यह एक लंबी जंग की शुरुआत हो सकती है।’ सीएनएन ने ट्रंप के दावों का फैक्ट-चेक करते हुए कहा, ‘टैरिफ से अमेरिका को फायदा होने का दावा गलत है। यह अमेरिकी उपभोक्ताओं पर ही बोझ डालेगा।’ द गार्जियन ने चेतावनी दी, ‘यह नीति वैश्विक मंदी को न्योता दे सकती है। यूरोप और एशिया को एकजुट होकर इसका जवाब देना होगा।’

ट्रंप की नीति के कई आयाम हैं:

आर्थिक प्रभाव: तेल की कीमतें बढ़कर 73 डॉलर प्रति बैरल (ब्रेंट क्रूड) तक पहुंच गईं। भारत जैसे आयातक देशों के लिए यह महंगाई का सबब बन सकता है।

व्यापारिक असंतुलन: भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष (ट्रेड सरप्लस) खतरे में है। फार्मा, टेक्सटाइल और ऑटो सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं।

कूटनीतिक तनाव: कनाडा और चीन जैसे देशों के साथ अमेरिका के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं, जबकि भारत अभी संतुलन बनाए हुए है। वैश्विक बाजार: शेयर बाजारों में गिरावट और यूरो की अस्थिरता ने निवेशकों में डर पैदा किया है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टैरिफ वॉर लंबा चला, तो सप्लाई चेन पर गहरा असर पड़ेगा। भारत के लिए यह चुनौती के साथ-साथ अवसर भी है क्योंकि वह अमेरिका के लिए चीन का विकल्प बन सकता है।

ट्रंप का टैरिफ तूफान अभी शुरू ही हुआ है। भारत जैसे देशों के सामने सवाल है कि क्या वे जवाबी टैरिफ लगाएंगे या बातचीत के रास्ते पर चलेंगे। वैश्विक नेताओं और मीडिया की नजरें अब इस जंग के अगले मोड़ पर टिकी हैं। क्या यह वॉर अर्थव्यवस्था को तबाह करेगी या नई व्यवस्था को जन्म देगी? इस मुद्दे पर द लेंस की नजर बनी है ।

TAGGED:impact on international tradeinternational mediatrump tarrif
Byपूनम ऋतु सेन
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article वक्‍फ संशोधन बिल लोकसभा में पास, औवेसी ने बिल फाड़कर कहा – इसका मकसद मुसलमानाें काे जलील करना
Next Article ट्रंप टैरिफ वॉर: दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं संकट में, क्या भारत संभाल पाएगा यह झटका?
Lens poster

Popular Posts

एसएससी परीक्षा में गड़बड़ी और बदइंतजामी पर राहुल गांधी आगबबूला

नेशनल ब्यूरो,नई दिल्ली . नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने कर्मचारी चयन आयोग की परीक्षाओं में…

By पूनम ऋतु सेन

2025 Asia Cup: दुबई में आज भिड़ेंगे IND vs PAK

लेंस डेस्‍क। सूर्यकुमार की कप्तानी में भारतीय टीम एशिया कप में पाकिस्तान को चुनौती देने…

By अरुण पांडेय

बीजापुर में महिला नक्सली विस्फोट में घायल, इलाज जारी

BIJAPUR BLAST IN CHHATTISGARH बीजापुर जिले के मद्देड़ थाना क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने…

By पूनम ऋतु सेन

You Might Also Like

India-Russia
दुनिया

धमकियों से उकताए भारत का अमेरिका और यूरोप को करारा जवाब

By आवेश तिवारी
Bangladesh Ex-Election Commission Chief
दुनिया

बांग्लादेश के पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त जूते से पीटे गए, चुनाव में गड़बड़ी के आरोप में गिरफ्तार

By Lens News Network
दुनिया

क्या थी इक्वाडोर के राष्ट्रपति पर जानलेवा हमले की वजह?

By अरुण पांडेय
अर्थदुनिया

ट्रंप ने रद्द किया फॉरेन करप्ट प्रैक्टिसेस एक्ट, पिछले साल ही 26 केस हुए थे दर्ज, अदाणी को नहीं मिलेगा इसका फायदा

By The Lens Desk

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?