रायपुर। छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार ने निगम मंडलों की नियुक्ति कर दी है। पहले चरण में 36 निगम मंडल के अध्यक्ष-उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। इन नियुक्तियों के बाद सियासी गलियारे में अलग-अलग तरह की चर्चाएं हैं। भाजपा केंद्रीय संगठन के करीबी नेताओं को पद मिला है, जबकि प्रदेश की राजनीति में सकरी रहे कई चेहरों को पहली सूची में मौका नहीं मिला है। इससे नाराजगी भी खुलकर सामने आ रही है।
इसी तरह की एक नाराजगी को नए अंदाज में भाजपा प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने सोशल मीडिया में बयां किया। गौरीशंकर छत्तीसगढ़ राज्य केश शिल्पी कल्याण बोर्ड को उपाध्यक्ष बनाए जाने से नाराज दिखे।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के करीबी माने जाने वाले इस नेता ने नियुक्ति के बाद फेसबुक पर लिखा – ‘पार्टी ने इतनी बड़ी निगम मंडल की जिम्मेदारी दी है कि जिसे उठाने में मेरे कंधे असमर्थ हैं। इसलिए पद स्वीकार नहीं। संगठन के कार्यकर्ता के रूप में मैं ठीक हूं। धन्यवाद’
सोशल मीडिया में गौरी शंकर श्रीवास के इस पोस्ट को लोग उनकी नाराजगी समझ रहे हैं। रमन सिंह के गुट के होने की वजह से उन्हें कोई बड़ा पोर्ट फोलियो देने की बजाए केश शिल्पी कल्याण बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाया गया है।
भाजपा की राजनीति को करीब से देखने वाले लोगों का मानना है कि पिछले 25 साल में भाजपा पूरी तरह बदल गई है। अब जो नई भाजपा है, वह केंद्रीय संगठन के इशारे पर काम करने वाली है। इसकी वजह से प्रदेश नेतृत्व काफी कमजोर हो चुका है। इसका असर यह रहा कि स्थानीय क्षेत्र में अच्छा काम करने वाले पूर्व मंत्री और नेता अपने लोगों को निगम मंडल की सूची में शामिल करवाने में पूरी तरह फेल रहे हैं।
कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यहां संगठन की चली है और संघ के करीबी लोगों को मौका दिया गया है। इस सूची में प्रदेश प्रभारी नितिन नबीन, अजय जमवाल और संगठन मंत्री पवन साय की चली है। उनके करीबी नेताओं को मौका मिला है। हालांकि, कुछ नेताओं को ऐसे पद दे दिया गया है जो संवैधानिक रूप से गलत है और उसका कांग्रेस भी विरोध कर रही है।