मार्च महीना आज खत्म हो जाएगा और नए टैक्स ईयर की शुरुआत 1 अप्रैल से होने होने जा रही है। इसमें कई बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। इन बदलावों का असर आपकी रसोई में इस्तेमाल होने वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमतों से लेकर आपके बैंक खाते तक पर पड़ने वाला है। वहीं अगर आप SBI समेत अन्य बैंक के क्रेडिट कार्ड यूज करते हैं, तो इससे जुड़े नियमों में भी बदलाव होने वाला है। द लेंस में आज आपको हम बताने जा रहे हैं कि 1 अप्रैल से क्या बड़े बदलाव होने वाले हैं।
LPG की कीमत में होंगे बदलाव ?
हर महीने की पहली तारीख को ऑयल एंड गैस डिस्ट्रिब्यूशन कंपनियां एलपीजी सिलेंडर की कीमतों में संशोधन करती हैं और 1 अप्रैल, 2025 को भी इनमें बदलाव देखने को मिल सकता है। बीते कुछ समय में जहां 19 किलोग्राम वाला LPG सिलेंडर की कीमतों घटती-बढ़ती देखने को मिली हैं, तो वहीं लंबे समय से रसोई गैस सिलेंडर की कीमतें यथावत बनी हुई हैं। ऐसे में नए वित्त वर्ष की शुरुआत के साथ लोगों को 14 किलोग्राम वाले सिलेंडर की कीमतों में राहत भरे बदलाव की उम्मीद है।
इसके साथ ही सीएनजी और पीएनजी की कीमतों के अलावा एयर टर्बाइन फ्यूल यानी ATF के भाव में भी संशोधन किया जाता है और 1 अप्रैल 2025 को इनमें बदलाव देखने को मिल सकता है। सीएनजी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जहां आपके वाहन पर होने वाले खर्च में इजाफा या राहत पहुंचाने वाले होंगे, तो एटीएफ की कीमतों में बढ़ोतरी से हवाई यात्रा महंगी हो सकती है।
दवाओं पर भी पड़ेगा असर
इंफेक्शन, डायबिटीज, हार्ट डिजीज आदि के इलाज के लिए आवश्यक लगभग 400 आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1 अप्रैल से 1.74 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। यह आवश्यक दवाओं की कीमतों में एक नियमित बदलाव है, जो हर साल किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे बाजार के साथ बनी रहें। बता दें कि सभी आवश्यक दवाओं की कीमतें सरकार के नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (एनपीपीए) तय करता है।
क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियम
1 अप्रैल 2025 से क्रेडिट कार्ड के नियमों में भी बदलाव हो रहा है, जो इनपर मिलने वाले रिवॉर्ड से लेकर अन्य सुविधाओं पर असर डालेंगे। एक ओर जहां SBI अपने सिंपली क्लिक क्रेडिट कार्ड पर स्विगी रिवॉर्ड को 5 गुना से घटाकर आधा कर देगा, तो एयर इंडिया सिग्नेचर पॉइंट्स को 30 से घटाकर 10 कर किया जाएगा। इसके अलावा आईडीएफसी बैंक क्लब विस्तारा माइलस्टोन के फायदे बंद करने वाला है।
बैंक अकांउट में होगा ये चेंज
अप्रैल महीने की पहली तारीख से भारतीय स्टेट बैंक और पंजाब नेशनल बैंक समेत अन्य कई बैंक ग्राहकों के सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस से जुड़े नियम संशोधित करने जा रहे हैं। बैंक द्वारा खाताधारक के मिनिमम बैलेंस के लिए सेक्टर वाइज आधार पर नई लिमिट तय होगी और न्यूनतम बैलेंस खाते में न होने की स्थिति में फाइन लगाया जा सकता है।
कार खरीदना भी महंगा
देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी अपनी कारों की कीमतों में बढ़ोतरी करने वाली है। इसके बाद टाटा मोटर्स समेत लगभग सभी ब्रांड्स ने भी घोषणा कर दी है कि वे अपने कमर्शियल और पैसेंजर व्हीकल्स की कीमत बढ़ाने जा रहें हैं। टाटा मोटर्स, जो भारत की सबसे बड़ी कमर्शियल व्हीकल निर्माता कंपनी है, इस प्राइस हाइक से एक बड़े कस्टमर बेस को प्रभावित करेगी। इसके अलावा महिंद्रा, हुंडई जैसे ब्रांड्स की कारें भी कल यानी 1 अप्रैल से महंगी हो जाएंगी।
ये UPI अकाउंट्स होंगे बंद
1 अप्रैल से अगला बदलाव UPI से जुड़ा हुआ है और जिन मोबाइल नंबरों से जुड़े यूपीआई अकाउंट्स लंबे समय से एक्टिव नहीं हैं, बैंक रिकॉर्ड से हटाया जाएगा। अगर आपका फोन नंबर यूपीआई ऐप से जुड़ा है और आपने लंबे समय से इसका इस्तेमाल नहीं किया है तो इसकी सेवाएं बंद की जा सकती हैं।
Tax से जुड़े बदलाव
बजट 2025 में मिडिल क्लास को राहत देते सरकार ने कई बड़े ऐलान किए गए थे, जिसमें टैक्स स्लैब में बदलाव से लेकर टीडीस, टैक्स रिबेट और अन्य चीजें शामिल थीं। वहीं पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की जगह पर नए इनकम टैक्स बिल का प्रस्ताव रखा था। यह सभी बदलाव 1 अप्रैल 2025 से प्रभाव में आने वाले हैं। नए टैक्स स्लैब के तहत सालाना 12 लाख रुपये तक कमाने वाले व्यक्तियों को टैक्स का भुगतान करने से छूट दी जाएगी।
इसके अलावा, वेतनभोगी कर्मचारी 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन के लिए पात्र होंगे। इसका मतलब है कि 12.75 लाख रुपये तक की वेतन आय अब टैक्स से मुक्त हो सकती है। हालांकि, यह छूट केवल उन लोगों पर लागू होती है जो नया टैक्स विकल्प चुनते हैं।
इसके अलावा सोर्स पर टैक्स कटौती सोर्स पर टैक्स कटौती विनियमों को भी अपडेट किया गया है, जिसमें अनावश्यक कटौती को कम करने और टैक्सपेयर्स के लिए कैश फ्लो में सुधार करने के लिए विभिन्न वर्गों में सीमा बढ़ाई गई है। उदाहरण के लिए, वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज आय पर टीडीएस की सीमा दोगुनी करके 1 लाख रुपये कर दी गई है, जिससे बुजुर्गों के लिए वित्तीय सुरक्षा बढ़ गई है।
इसी तरह, किराये की आय पर छूट की सीमा बढ़ाकर 6 लाख रुपये सालाना कर दी गई है, जिससे मकान मालिकों के लिए बोझ कम हो गया है और शहरी क्षेत्रों में किराये के बाजार को बढ़ावा मिल सकता है।