- इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटरने जारी किए थे नोटिस
- पिछले एक वर्ष में सरकार ने 1.1 लाख से अधिक आपत्तिजनक सामग्री हटाने के दिए निर्देश
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रस्तुत दस्तावेजों से पता चला है कि गृह मंत्रालय के तहत संचालित इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर (I4C) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ को भेजे गए कुल नोटिस में से 30 फीसदी केंद्रीय मंत्रियों और सरकारी एजेंसियों से जुड़े मामलों पर केंद्रित थे।
इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, उनके पुत्र जय शाह, गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से संबंधित पोस्ट शामिल थे। पिछले एक वर्ष में सरकार ने 1.1 लाख से अधिक आपत्तिजनक सामग्री हटाने के निर्देश जारी किए, जिनमें डीपफेक, बाल यौन शोषण, वित्तीय धोखाधड़ी और “भ्रामक जानकारी” से जुड़े पोस्ट शामिल थे।
17 दिसंबर 2024 को राज्यसभा में ‘भारत के संविधान के 75 साल की शानदार यात्रा‘ पर 90 मिनट के जवाब में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, “अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर, अंबेडकर कहना फैशन बन गया है। अगर वे इतनी बार भगवान का नाम लेते तो स्वर्ग में जगह पा जाते।”
I4C की नोटिस के हवाले से द प्रिंट में 30 मार्च को प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, 18 दिसंबर 2024 को I4C ने अमित शाह के भाषण से जुड़ी 81 पोस्ट को दो नोटिस में चिह्नित किया था। नोटिस में कहा गया कि ये पोस्ट “गलत” और “संदर्भ से हटकर” हैं।
नोटिस में कहा गया कि वायरल वीडियो में गृह मंत्री के भाषण का एक हिस्सा चुनिंदा तरीके से काटा गया है, जिससे उनके बयानों को गलत तरीके से पेश किया गया। ऐसा दिखाया गया कि उन्होंने बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर का अपमान किया। उनके बयानों के मूल संदर्भ को तोड़-मरोड़कर गलत जानकारी फैलाई गई।
अमित शाह के बेटे जय शाह के मामले में दो पोस्ट को चिह्नित किया गया, जिनमें “जय शाह को अपमानजनक तरीके से दिखाने वाली नकली तस्वीरें थीं, साथ में सनराइजर्स हैदराबाद आईपीएल टीम की मालिक काव्या मारन भी थीं।” दूसरी नोटिस में एक सोशल मीडिया अकाउंट को “जय शाह, आईसीसी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री के बेटे को निशाना बनाकर नकली और एआई–जनरेटेड कंटेंट/बदले हुए मीडिया फैलाने” के लिए चिह्नित किया गया।
I4C नोटिस में कहा गया, “सोशल मीडिया पर ऐसी सामग्री का प्रसार कुछ लोगों द्वारा प्रचार के जरिए प्रमुख पदाधिकारियों और वीआईपी को बदनाम करने की कोशिश लगती है।”
पिछले साल 1 नवंबर को जारी एक नोटिस में कहा गया कि I4C को गृह मंत्री को निशाना बनाने वाली ट्विटर पोस्ट की शिकायत मिली थी, जिसमें दावा कि गया था कि इंटरपोल ने अमित शाह को वांछित सूची में डाला है।
नोटिस में कहा गया, “यह दावा पूरी तरह से आधारहीन और गलत है। इस गलत जानकारी को फैलाने वाले अकाउंट मुख्य रूप से पाकिस्तान से हैं, जो शाह और भारत की प्रतिष्ठा को कम करने की कोशिश कर रहे हैं।”
पिछले साल 23 अक्टूबर को जारी एक और नोटिस में गृह राज्य मंत्री बंदी संजय कुमार के एक संपादित वीडियो का जिक्र था। I4C नोटिस में कहा गया कि वीडियो में अपमानजनक सामग्री जोड़ी गई थी और पोस्ट “श्री कुमार की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने” के लिए बनाई गई थीं।