रायपुर। रायपुर के सिविल कोर्ट में बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ रजिस्टर केस में कोर्ट ने अभिनेता को नोटिस नहीं भेजा है। शनिवार को मामले की सुनवाई होनी थी, कोर्ट ने अपनी ऑर्डरशीट में तर्क सुनने के बाद नोटिस भेजने की बात कही थी।
मामले की सुनवाई के दौरान वादी पक्ष ने अपना तर्क कोर्ट के सामने रखा इसके बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। इस मामले में अगली सुनवाई 8 मार्च को होगी। वादी पक्ष ने कहा कि मेरे करियर में ऐसा पहली बार हुआ है कि केस रजिस्टर होने के बाद तर्क मांगा गया है।
शाहरुख को नहीं गया कोई नोटिस
रायपुर के सिविल कोर्ट में अभिनेता शाहरुख खान के खिलाफ भ्रामक विज्ञापनों का प्रचार प्रसार करने के खिलाफ याचिका दायर हुई है। 21 मार्च को कोर्ट ने मामला रजिस्टर कर लिया था। इस मामले में सिविल जज कृति कुजूर की कोर्ट ने 29 मार्च को सुनवाई का समय दिया था।
शनिवार को वादी पक्ष कोर्ट में पेश हुआ, यहां कोर्ट ने नोटिस भेजने से पहले वादी पक्ष से तर्क मांगा। तर्क देने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 8 मार्च को होनी है।
मेरे करियर में ऐसा पहली बार हुआ : वादी पक्ष
मामले में वादी पक्ष के वकील विराट वर्मा ने कहा कि मेरे करियर में ऐसा पहली बार हुआ है कि केस रजिस्टर होने के बाद तर्क मांगा गया है। मेरी कई सीनियर वकीलों से बातचीत हुई उन्होंने भी कहा कि पहले ऐसा कभी नहीं हुआ है। हमेशा केस रजिस्टर होने के पहले तर्क को सुना जाता है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ है। माननीय न्यायालय ने हमसे तर्क मांगा था। हमने तर्क कोर्ट के सामने रखा है। 8 मार्च को इस मामले में अगली सुनवाई होगी। यदि यहां से केस खारिज होता है तो हम ऊंची अदालत जाएंगे।
क्या न्यायालय बदल सकता है फैसला?
द लेंस ने कोर्ट के इस मामले को लेकर बार काउंसिल के अध्यक्ष हितेंद्र तिवारी, सीनियर एडवोकेट फैजल रिजवी और एडवोकेट फिजी ग्वालरे से बातचीत की। उनका कहना है कि कोर्ट अपने आदेश में बदलाव कर सकता है। इस मामले में कोर्ट को यदि नोटिस भेजने उचित नहीं लगा होगा, इसलिए कोर्ट ने वादी पक्ष से तर्क मांगा है। अक्सर होता यही आया है कि कोर्ट में केस रजिस्टर होने के बाद सिविल कोर्ट संबंधित लोगों को नोटिस जारी करता है, लेकिन कोर्ट के पास पॉवर है इसमें वो बदलाव कर सकता है। समन जारी करना नहीं करना कोर्ट पर निर्भर करता है।
क्या है पूरा मामला?
दरअसल, अधिवक्ता फैजान खान ने रायपुर सिविल कोर्ट में अभिनेता शाहरुख खान समेत कई ओटीटी प्लेटफॉर्म पर भ्रामक विज्ञापन के प्रचार प्रसार का केस दर्ज कराया है। इनमें पान मसाला, सट्टा और फेयर एंड हैंडसम क्रीम के प्रचार के जरिए लोगों को भ्रमित करने का आरोप लगाया गया है। मामले में एमेजॉन, नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, आईटीसी, हेड डिजिटल वर्क प्राइवेट लिमिटेड और एक्टर शाहरुख खान को प्रतिवादी बनाया है।