[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में तेज आवाज साउंड बॉक्स पर कार्रवाई, झांकी से पहले डीजे संचालकों को अल्टीमेटम
टाटा की गाड़ियों के दाम में 65 हजार से 1.55 लाख तक की भारी कटौती का फैसला
राजभवन में शिक्षकों का ये कैसा सम्मान?
रायपुर: गणपति की AI छवि वाली मूर्ति को लेकर बवाल, पंडाल पर पर्दा, दर्शन बंद
संघ के वरिष्ठ प्रचारक शांताराम सर्राफ का निधन
श्रीनगर: भीड़ ने तोड़ा अशोक स्तंभ, हजरतबल दरगाह में बवाल
डोनाल्ड ट्रंप बोले – हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया
‘…मैं डिप्टी सीएम बोल रहा हूं, कार्रवाई रोको’, अजित पवार की IPS अंजना को चेतावनी, देखिए वीडियो
नेपाल में फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स समेत दर्जन भर सोशल मीडिया प्लेटफार्म बैन
फार्मा सेक्टर टैरिफ मुक्त होने के बावजूद अमेरिका के बाहर बाजार तलाश रहा भारत
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

डिलीवरी बॉय से ड्राइवर तक, अब हर गिग वर्कर को हेल्थ कवर

पूनम ऋतु सेन
Last updated: March 28, 2025 11:27 am
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
Follow:
Share
SHARE

द लेंस डेस्क। केंद्र सरकार ने गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब इन वर्कर्स और उनके परिवारों को आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य कवरेज मिलेगा। श्रम और रोजगार मंत्रालय की सचिव सुमिता डावरा ने बताया कि इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है। भारत में तेजी से बढ़ती गिग अर्थव्यवस्था को देखते हुए यह घोषणा लाखों वर्कर्स के लिए वरदान साबित हो सकती है।

केंद्रीय बजट 2025-26 में घोषित इस योजना के तहत उबर, ओला, स्विगी, जोमैटो जैसे प्लेटफॉर्म्स से जुड़े एक करोड़ गिग वर्कर्स को स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण के बाद उन्हें एक पहचान पत्र दिया जाएगा, जिसके जरिए वे मुफ्त इलाज का लाभ उठा सकेंगे। नीति आयोग के अनुमान के मुताबिक, वित्त वर्ष 2024-25 में गिग वर्कर्स की संख्या एक करोड़ से ज्यादा होगी, जो 2029-30 तक 2.35 करोड़ तक पहुँच सकती है। राइडशेयरिंग, डिलीवरी और लॉजिस्टिक्स जैसे क्षेत्रों में काम करने वाले ये वर्कर्स अब तक सामाजिक सुरक्षा से वंचित थे।

5 लाख रुपये का कवरेज गिग वर्कर्स को चिकित्सा आपात स्थिति में वित्तीय संकट से बचाएगा। इससे उनकी आय का इस्तेमाल इलाज के बजाय परिवार और आजीविका के लिए हो सकेगा। स्वास्थ्य खर्चों से राहत मिलने से इन वर्कर्स की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, जो अक्सर अनिश्चित आय पर निर्भर रहते हैं। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण गिग वर्कर्स को औपचारिक अर्थव्यवस्था का हिस्सा बनाएगा, जिससे भविष्य में अन्य योजनाओं का लाभ मिलने का रास्ता खुलेगा।

हालांकि यह योजना आशाजनक है, लेकिन इसके सामने कई चुनौतियाँ भी हैं, कई गिग वर्कर्स तकनीकी रूप से कम जागरूक या अशिक्षित हैं। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण और योजना को समझना उनके लिए मुश्किल हो सकता है। प्लेटफॉर्म कंपनियों को अपने वर्कर्स का डेटा सरकार के साथ साझा करना होगा। गोपनीयता और व्यावसायिक हितों के कारण वे इसमें हिचकिचाहट दिखा सकती हैं। सामाजिक सुरक्षा संहिता 2020 के नियम अभी तक पूरी तरह लागू नहीं हुए। इस योजना में भी प्रशासनिक देरी हो सकती है। ग्रामीण क्षेत्रों में आयुष्मान से जुड़े अस्पतालों की कमी या खराब गुणवत्ता लाभ को प्रभावित कर सकती है।

अभी तक उबर, ओला, स्विगी, जोमैटो जैसी कंपनियाँ गिग वर्कर्स को “स्वतंत्र ठेकेदार” मानती हैं और उन्हें स्वास्थ्य बीमा जैसे लाभ नहीं देतीं। हालांकि, कुछ सीमित कदम उठाए गए हैं, जैसे
स्विगी: कोविड-19 के दौरान डिलीवरी पार्टनर्स के लिए अस्थायी स्वास्थ्य बीमा शुरू किया था।
जोमैटो: दुर्घटना बीमा की सुविधा देता है, लेकिन यह व्यापक स्वास्थ्य कवरेज नहीं है।
उबर: भारत में अभी तक कोई बड़ा स्वास्थ्य लाभ शुरू नहीं किया।

विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार को कंपनियों पर दबाव डालना चाहिए कि वे सामाजिक सुरक्षा फंड में योगदान दें। अगर ऐसा हुआ, तो कंपनियों की लागत बढ़ सकती है, जिसका असर ग्राहकों पर कीमतों के रूप में पड़ सकता है। दूसरी ओर, कुछ कंपनियाँ इसे अपनी कॉर्पोरेट जिम्मेदारी के तहत प्रचारित कर सकती हैं।

वैसे तो यह योजना गिग वर्कर्स के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, लेकिन इसकी सफलता सरकार और कंपनियों के सहयोग पर निर्भर करेगी। अगर पंजीकरण आसान बनाया जाए, जागरूकता बढ़ाई जाए और स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर किया जाए, तो यह गिग अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ लाखों परिवारों की जिंदगी बदल सकती है।

TAGGED:aayushman bhaaratcentral governmentdelievery boygig workershealth coverola uber swiggy
Byपूनम ऋतु सेन
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article गुजरात में 25 छात्रों ने 10 रूपये के ‘डेयर गेम’ के लिए खुद को ब्लेड से पहुंचाई चोट
Next Article थाईलैंड-म्यांमार में 7.7 तीव्रता का शक्तिशाली भूकंप, पुल- इमारतें गिरीं, अब तक 107 की मौत

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

मस्क ने 100 अरब डॉलर में चैट जीबीटी खरीदने का दिया ऑफर, तो सैम ऑल्टमैन ने X खरीदने की कह डाली बात

टेक डेस्‍क। दुनिया के सबसे अमीर उद्योगपतियों में शुमार एलन मस्क के उनके ही सोशल…

By The Lens Desk

केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों की MSP बढ़ाई, धान में 69रूपये की बढ़ोतरी, रेल और हाईवे परियोजनाओं को भी मंजूरी

द लेंस डेस्क। केंद्र सरकार ने किसानों को राहत देने और बुनियादी ढांचे को मजबूत…

By Lens News

ईरानी मिसाइलों से अडानी का हाइफा पोर्ट तबाह

नई दिल्ली। ईरानी बैलिस्टिक मिसाइलों ने शनिवार देर रात इजरायल के हाइफा बंदरगाह और पास…

By Lens News Network

You Might Also Like

देश

शशि थरूर होने का मतलब  

By The Lens Desk
India Pakistan News
देश

सेना ने कहा- भारत के सामने असहाय साबित हुए तुर्किए के ड्रोन

By Lens News Network
Rajya Sabha Nomination
देश

डॉ. मीनाक्षी जैन, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन, सदानंदन मास्टर और उज्ज्वल निकम राज्यसभा के लिए मनोनीत

By दानिश अनवर
Cabinet meeting decision
देश

पीएम धन-धान्य कृषि योजना पर 24 हजार करोड़ और रेन्वेबल एनर्जी पर खर्च होंगे 27 हजार करोड़ रुपये

By अरुण पांडेय
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?