म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स के रूप में महिलाओं की संख्या लगातार बढ़ती जा रही हैं। दिसंबर 2024 तक महिला डिस्ट्रिब्यूटर्स की संख्या बढ़कर 37,376 रजिस्ट्रेंशन के स्तर पर पहुंच गई। क्रिसिल और एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया AMFI द्वारा की गई एक ज्वॉइंट स्टडीज़ के अनुसार यह भारत में कुल रजिस्टर्ड म्यूचुअल फंड डिस्ट्रिब्यूटर्स (एमएफडी) का 21.5% है।
इस स्ट्डी में बताया गया है कि महिलाएं प्रभावी निवेश सलाह और सहायता निवेश व्यवहार को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है, और यह संभावना है कि जानकार और अनुभवी वितरकों के बढ़ते पूल ने महिलाओं के बीच लॉन्ग टर्म निवेश के बढ़ते ट्रेंड में योगदान दिया है।
पिछले पांच वर्षों में महिला निवेशक लॉन्ग टर्म होल्डिंग्स को प्राथमिकता दे रही हैं। पांच साल से अधिक की होल्डिंग पीयरेड वाली महिला निवेशकों का एयूएम मार्च 2019 में कुल महिला निवेशकों के एयूएम का 8.8% से बढ़कर मार्च 2024 में 21.3% हो गया है, जो दर्शाता है कि महिलाएं लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए धैर्यवान और प्रतिबद्ध हो रही हैं। एक साल से कम समय से अस्तित्व में रहे खातों में महिला निवेशकों के एयूएम का हिस्सा मार्च 2019 में 40.5% से घटकर मार्च 2024 में 25.4% हो गया। पुरुषों के लिए यह हिस्सा 42.2% से घटकर 27.0% हो गया।
एएमएफआई और क्रिसिल की स्टडीज़ अनुसार दिसंबर 2024 तक वित्तीय निर्णय लेने में महिला सशक्तिकरण के बढ़ते ट्रेंड को बताते हुए हर चार म्यूचुअल फंड निवेशकों में से एक महिला थी। भारत में महिला निवेशकों द्वारा म्यूचुअल फंड को अपनाने में पिछले पांच वर्षों में तेजी आई है। महिला निवेशकों की प्रबंधन के असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) मार्च 2019 में 4.59 लाख करोड़ रुपये से दोगुनी होकर मार्च 2024 में 11.25 लाख करोड़ रुपये हो गई।
स्टडी में इसका भी जिक्र है कि पिछले पांच वर्षों में विभिन्न व्यक्तिगत निवेशक प्रकारों में औसत निवेशक फोलियो साइज़ ने एक उल्लेखनीय ट्रेंड दिखाया है, जिसमें महिला निवेशकों ने अपने इन्वेस्टमेंट टिकट साइज़ में उल्लेखनीय वृद्धि प्रदर्शित की है।
महिलाओं का औसत फ़ोलियो साइज़ मार्च 2019 में 100 के आधार मूल्य से 23% बढ़कर मार्च 2024 में 123 हो गया। इसके विपरीत पुरुषों का औसत फ़ोलियो साइज़ मार्च 2019 में 100 से मार्च 2024 में 105 तक मामूली 5% बढ़ा।