रायपुर। सीबीआई ने महादेव सट्टा एप मामले में देश भर में 60 ठिकानों पर छापा मारा था। सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर भी दबिश दी थी। छापे के बाद भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार और सीबीआई पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पूर्व सीएम ने यह भी कहा कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने वानुआतु देश की नागरिकता ले ली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के संरक्षण में महादेव सट्टा एप अभी भी संचालित हो रहा है। हमने मामला उजागर किया और अब हमें ही निशाने पर लिया गया है।
दुबई में मजे कर रहे मुख्य आरोपी– भूपेश
महादेव सट्टा एप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल अभी भी जांच एजेंसियों की पकड़ से दूर हैं। भिलाई से शुरू हुए इस सट्टा एप ने अपने जद में राजनेताओं, आईएएस और आईपीएस अफसरों को भी ले लिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गुरुवार को प्रेसवार्ता कर कहा कि कल महादेव ऐप के मामले में सीबीआई ने देश भर में छापे मारे हैं। इसमें मेरे घर पर और मुझसे जुड़े लोगों के घर पर भी छापे पड़े। हमारे शासनकाल में महत्वपूर्ण पद संभाल रहे आईपीएस अधिकारियों के घर पर भी छापे डाले गए हैं। लेकिन बार बार सूचना और सबूत मिलते हैं कि महादेव ऐप के संचालक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई में मज़े से रह रहे हैं। ईडी ने छत्तीसगढ़ के अख़बारों में झूठी ख़बर छपवाई कि सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को गिरफ़्तार कर लिया गया है। सच यह है कि कुछ ही दिनों बाद ये दोनों दुबई में पंडित प्रदीप मिश्रा के जजमान बने प्रवचन सुनते पाए गए।
वानुआतु देश के नागरिक सौरभ और रवि
पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने महादेव सट्टा एप के मुख्य सरगना सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल को वानुआतु देश का नागरिक बताया है। उन्होंने कहा कि दुबई में रह रहे सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल ने टैक्स हैवन कहे जाने वाले देश वानुआतु की नागरिकता ले ली है। कांग्रेस के आरटीआई विभाग के अध्यक्ष नितिन सिन्हा ने आरटीआई के ज़रिए जो कागज़ात निकाले हैं उससे पता चला कि वानुआतु के साथ भारत की प्रत्यार्पण संधि नहीं है।प्रत्यार्पण संधि न होने से वहां के नागरिकों को भारत नहीं लाया जा सकता। इसी लिए दुबई में महादेव ऐप के दोनों संचालक मज़े से घूम रहे हैं और वहां व्यावसाय चलाने के अलावा नया कारोबार करने में लगे हैं। ललित मोदी ने वानुआतु की नागरिकता लेने की कोशिश की तो भारत सरकार ने फ़ौरन हस्तक्षेप करके उसे रुकवा दिया। तो सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के मामले में भारत सरकार ने ऐसा हस्तक्षेप नहीं किया।
मानवाधिकार का उल्लंघन जाएंगे कोर्ट
भूपेश बघेल के रायपुर स्थित सरकारी निवास पर भी सीबीआई की टीम ने घंटों तक जांच की। जिस वक्त जांच चल रही थी उस वक्त घर में भूपेश बघेल नहीं थे। उनकी गैर मौजूदगी में पड़े छापे को लेकर उन्होंने कहा कि कल मेरी अनुपस्थिति में मेरे रायपुर स्थित शासकीय निवास में आई और कार्रवाई की। ना इसकी सूचना मुझे दी गई ना ही मुझसे सहमति ली गई। यदि मैं वहां नहीं था तो घर को सील किया जा सकता था। छत पर मेटल डिटेक्टर लेकर मीडिया के सामने नाटकीय प्रदर्शन किया गया। कार्रवाई के दौरान कोई महिला अधिकारी मौजूद नहीं थी, यह मानवाधिकार का हनन और सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हनन है।