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Home » क्या भारतीय यात्री अब रेल की बजाय हवाई सफर को दे रहे हैं प्राथमिकता ?

लेंस रिपोर्ट

क्या भारतीय यात्री अब रेल की बजाय हवाई सफर को दे रहे हैं प्राथमिकता ?

Poonam Ritu Sen
Last updated: April 17, 2025 7:50 pm
Poonam Ritu Sen
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लेंस ब्‍यूरो। भारत का आसमान आजकल गुलजार है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक फरवरी 2025 में 1.40 करोड़ घरेलू यात्रियों ने हवाई सफर किया। यह पिछले साल से 11 फीसदी अधिक है। अब सवाल यह है कि क्या इसके पीछे ट्रेनों का बार-बार रद्द होना है या फिर कीमतों का खेल है, जिसकी वजह यात्री रेल की बजाए हवाई सफर की ओर जा रहे हैं? रिपोर्ट्स के आधार पर चलिए समझतें हैं –

ट्रेन कैंसिलेशन ने बदला रास्ता ?

ट्रेनों के बार-बार की देरी ने रेलवे की साख को चोट पहुंचाई है जिससे यात्री हवाई जहाज़ की ओर मुड़ गए हैं। भारतीय रेलवे के संचालन और अपडेट पर नज़र रखने वाली वेबसाइट trainhelp.in के मार्च 2025 के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च में चेन्नई-गुरुवायुर एक्सप्रेस और मंगलुरु-कन्याकुमारी परशुराम एक्सप्रेस जैसी ट्रेनें रद्द हुईं, जिससे फ्लाइट्स की डिमांड बढ़ी।

भारतीय रेलवे, जो हर दिन 2.3 से 2.5 करोड़ यात्रियों को ढोती है, देश की परिवहन की धड़कन है। मगर ट्रेनों की देरी और कैंसिलेशन थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। दिसंबर 2024 और जनवरी 2025 में उत्तरी भारत में कोहरे ने सैकड़ों ट्रेनों को रोक दिया, जिससे लाखों यात्रियों को दिक्कत का सामना करना पड़ा। दिल्ली से मुंबई ट्रेन में सफर के 15-20 घंटे लगते हैं जबकि फ्लाइट सिर्फ 2-3 घंटे में पहुंचा देती है। ट्रेन रद्द हो जाए तो फ्लाइट ही ऑप्शन बचता है।

कीमतों का खेल- ट्रेन या फ्लाइट ?

इंडिगो जैसी लो-कॉस्ट एयरलाइंस ने हवाई किराया सस्ता कर दिया है तो वहीं ट्रेनों के तत्काल टिकट आसमान छू रहे हैं। दिल्ली-मुंबई फ्लाइट ₹4,000-₹6,000 में मिल जाता है यदि पहले बुक किया जाए तो किराया और कम लगता है। ट्रेनों की बात की जाए तो AC 2-टियर का किराया ₹2,500-₹3,500 है लेकिन तत्काल में यही टिकट ₹5,000-₹7,000 लगता है यानी कभी-कभी फ्लाइट से भी ज़्यादा कीमत ट्रेनों की हो जाती है।

इसके अलावा ट्रेन टिकट की मारामारी ने यात्रियों को हवाई जहाज़ की ओर जाने पर मजबूर किया है। Economic Survey 2024 में ये दावा किया गया है कि सस्ती फ्लाइट्स ट्रेन का विकल्प बन रही हैं। Financial Express 2023 ने भी पुष्टि की है कि AC ट्रेनों की बढ़ती कीमतें हवाई यात्रा की ओर जाने पर मजबूर क्र रही है।

DGCA के अनुसार फरवरी 2025 में 1.40 करोड़ घरेलू हवाई यात्रियों ने सफर किया जो पिछले साल से 11 फीसदी ज्यादा है पर जनवरी में 1.46 करोड़ लोगों ने यात्रा की यानी जनवरी से 4 लाख कम। इसके पीछे मौसम का खेल या नए साल की छुट्टियां भी हो सकतीं हैं । इसका सीधा फायदा इंडिगो को मिला है, डोमेस्टिक फ्लाइट्स में फरवरी में इंडिगो 63.7% मार्केट शेयर के साथ टॉप पर है। इसका एक और पहलू ये है की छोटी दूरी पर रेलवे का राज अभी भी जारी है लेकिन लंबी दूरी पर फ्लाइट्स का दबदबा बनते जा रहा है।

रिपोर्ट्स क्या कहतें हैं ?

2017 में रेल मंत्रालय ने माना था कि धीमी ट्रेनें और कैंसिलेशन हवाई यात्रा को बढ़ावा दे रहे हैं जबकि साल 2025 में जब Year End Review 2024 के डेटा सामने आया तो रेलवे ने कहा कि पुराने सिग्नलिंग सिस्टम और बुनियादी ढांचे का दबाव ट्रेनों के देरी का कारण है। 2025 में 100 अमृत भारत ट्रेनें और 17,500 जनरल कोच बढ़ाने की योजना है, लेकिन अभी भी कैंसिलेशन जारी है।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स ये दावा करतें आयें हैं की 2030 तक हवाई मांग दोगुनी होगी जिसके पीछे रेल की कमज़ोरी एक वजह बनेगी। एक और रिपोर्ट के मुताबिक 2025 में हवाई ट्रैफिक रिकॉर्ड तोड़ेगा और वैश्विक एयरलाइन का राजस्व 1 खरब को पार कर जाएगा । बिज़नेस रिपोर्ट्स देने वाली एक संस्था के रिपोर्ट के आधार पर रेलवे का 2025-26 का राजस्व लक्ष्य ₹3 लाख करोड़ से ज़्यादा का है जिसमें पैसेंजर सेगमेंट से 16 फीसदी वृद्धि (₹92,800 करोड़) की उम्मीद की जा रही है। मगर भीड़ और देरी की वजह से मध्यम वर्ग अब फ्लाइट्स चुन रहा है।

हवाई यात्रा को बढ़ाने में ट्रेनों से आगे कुछ और कारण भी हैं। फ्लाइट्स घंटों बचाती हैं, दिल्ली से बेंगलुरु 36 घंटे की ट्रेन बनाम 3 घंटे की फ्लाइट, नौकरी पेशा वर्ग के लिए राहत भरी है। हालिया ट्रेनों के बढ़ते हादसो के बाद फ्लाइट्स को सुरक्षित माना जा रहा है। इसके अलावा छोटे शहरों तक एयरपोर्ट्स का विस्तार भी इसकी वजह बन रहा है।

2025 में ट्रेन कैंसिलेशन और कीमतों का अंतर हवाई यात्रियों को बढ़ा रहा है, खासकर लंबी दूरी और बड़े शहरों में। रेलवे विद्युतीकरण और नई ट्रेनों की कोशिश कर रही है, लेकिन भीड़, देरी और अविश्वसनीयता से जूझ रही है। DGCA, रेल डेटा और अन्य रिपोर्ट्स इन दावों पर मुहर लगा रहें हैं। सस्ती फ्लाइट्स और समय में बचत मध्यम वर्ग को आसमान की ओर ले जा रही है।

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ByPoonam Ritu Sen
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पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
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