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Home » सुप्रीम कोर्ट की इलाहाबाद हाईकोर्ट के रेप वाले फैसले पर रोक, कहा-असंवेदनशील, अमानवीय

देश

सुप्रीम कोर्ट की इलाहाबाद हाईकोर्ट के रेप वाले फैसले पर रोक, कहा-असंवेदनशील, अमानवीय

Arun Pandey
Last updated: April 18, 2025 9:22 am
Arun Pandey
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  • पीड़िता के स्तन को छूना और पायजामे की डोरी तोड़ने को बलात्कार की कोशिश मामने से कर दिया था इनकार

नई दिल्‍ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक विवादित फैसले पर रोक लगाते हुए उसे असंवेदनशील और अमानवीय करार दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि ‘पीड़िता के स्तन को छूना और पायजामे की डोरी तोड़ना बलात्कार या बलात्कार की कोशिश के तहत नहीं आता।‘

इस पर सुप्रीमकोर्ट की बेंच ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि यह फैसला न्यायपालिका की संवेदनशीलता पर सवाल उठाता है। जस्टिस बी.आर. गवई और जस्टिस ए.जी. मसीह की बेंच ने इस फैसले का स्वतः संज्ञान लिया और हाईकोर्ट की टिप्पणियों को ‘हैरान करने वाला’ बताया।

बेंच ने विशेष रूप से फैसले के पैरा 21, 24 और 26 का जिक्र करते हुए कहा कि इसमें संवेदनशीलता की कमी साफ झलकती है।

क्‍या है मामला

यह घटना उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले की है, जहां 2021 में एक नाबालिग लड़की के साथ यौन उत्पीड़न हुआ था। पीड़िता की मां ने पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कराया था।

हालांकि, आरोपी पक्ष ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की, जिसके बाद हाईकोर्ट ने इसे ‘गंभीर यौन हमला’ तो माना, लेकिन बलात्कार की श्रेणी में रखने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस दृष्टिकोण पर कड़ा एतराज जताया और स्पष्ट किया कि ऐसे मामलों में संवेदनशीलता और सख्ती जरूरी है।

TAGGED:Allahabad High courtBig_Newscomment on the rape casesupreme court
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