नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस की राज्यसभा सांसद और पूर्व पत्रकार सागरिका घोष ने 25 मार्च को संसद में सार्वजनिक प्रसारणकर्ता दूरदर्शन और टीवी एंकर सुधीर चौधरी के बीच कथित अनुबंध को लेकर गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आज टीवी समाचार उद्योग पूरी तरह से बर्बाद हो चुका है, जिसके कारण न्यूज चैनल चरित्र हनन और नफरत फैलाने में लगे हुए हैं।
सोशल मीडिया पर भी उठाया मुद्दा
हालांकि घोष ने अपने भाषण में सुधीर चौधरी का नाम नहीं लिया, लेकिन उन्होंने एक वीडियो क्लिप अपने सोशल मीडिया अकाउंट (X) पर पोस्ट की और लिखा, “आज संसद में मैंने @sudhirchaudhary और नफरत और झूठ की टीवी न्यूज फैक्ट्री को आड़े हाथों लिया।”
दूरदर्शन को विश्वस्तरीय बनाने की मांग
संसद में घोष ने दूरदर्शन की रीति नीति पर जोर देते हुए कहा कि, “नई मीडिया तकनीकें दुनिया को छोटा बना रही हैं। भारत जैसे लोकतंत्र के लिए यह जरूरी है कि हम दूरदर्शन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मजबूत ब्रांड बनाएं। रूस टुडे (RT) और अल-जजीरा जैसे नेटवर्क अपने देशों की आवाज को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। हमें भी दूरदर्शन को विश्वस्तरीय बनाने की जरूरत है।”
15 करोड़ रुपये के अनुबंध पर सवाल
बिना नाम लिए उन्होंने दूरदर्शन के अनुबंध पर चिंता जताई और कहा कि एक ऐसा व्यक्ति जो विभाजनकारी भाषा और घृणा फैलाने के लिए कुख्यात है। जिसे जबरन वसूली के आरोप में दो बार जेल हो चुकी है, उसे कैसे दूरदर्शन जैसे राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता से जोड़ा जा सकता है?
इंडियन एक्सप्रेस सहित कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूरदर्शन ने 15 करोड़ रुपये का अनुबंध मेसर्स ईएसपीआरआईटी प्रोडक्शंस प्राइवेट लिमिटेड के साथ किया है। इस अनुबंध के तहत सुधीर चौधरी दूरदर्शन पर एक दैनिक शो करेंगे।
सुशांत सिंह राजपूत मामले में मीडिया ट्रायल पर भी उठाए सवाल
सागरिका घोष ने आज की टीवी पत्रकारिता की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “सर, मैं 35 साल से पत्रकार हूं और आज टेलीविजन समाचारों में जिस तरह से तुच्छीकरण, चरित्र हनन और सनसनीखेज बातें की जाती हैं, उन्हें देखना दुखद है।
उन्होंने सुशांत सिंह राजपूत मामले का जिक्र करते हुए कहा, “न्यूज़ चैनलों ने फिल्म अभिनेत्री रिया चक्रवर्ती के खिलाफ सुनियोजित अभियान चलाया। आज वह निर्दोष साबित हुई हैं। क्या रिया चक्रवर्ती को मीडिया ट्रायल से हुए अपमान की भरपाई कोई कर सकता है?”
सागरिका घोष ने कहा, “सवाल यह उठता है कि न्यूज़ मीडिया चैनलों को और अधिक जिम्मेदार और जवाबदेह कैसे बनाया जा सकता है? दुष्ट एंकर पत्रकारिता के लिए कलंक हैं। हम जानते हैं कि टीवी न्यूज का बिजनेस मॉडल टूट चुका है। तो क्या यह मुनाफा कमाने, झूठ और झूठ फैलाने और फर्जीवाड़े का नया तरीका है?