रायपुर। रायपुर और भिलाई में तड़के सीबीआई की टीम ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विनोद वर्मा, आईपीएस अधिकारी आरिफ शेख, अभिषेक पल्लव, आनंद छाबड़ा, एएसपी संजय ध्रुव और अभिषेक माहेश्वरी के ठिकानों पर छापा मारा है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के भिलाई और रायपुर स्थित निवास पर सीबीआई की टीम ने दबिश दी है। वहीं भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव के घर भी सीबीआई की टीम के पहुंचने की खबर सामने आ रही है। प्रदेश की लगभग 14 जगहों पर सीसीबीआई का छापा पड़ने की खबर है।
महादेव सट्टा एप मामले में सीबीआई का छापा
महादेव सट्टा एप घोटाला मामले में सीबीआई ने छापेमार कार्रवाई की है। ईओअडल्यू ने महादेव सट्टा एप मामला सीबीआई को सौंप दिया है। इसके बाद सीबीआई की टीम ने केंद्रीय जेल पहुंचकर सट्टा एप मामले में गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ भी की थी। सट्टा एप मामले में ईओअडल्यू ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ– अधिकारियों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की थी। चूंकि मामला सीबीआई को सौंप दिया गया है इसलिए अब सीबीआई सट्टा एप मामले में कार्रवाई कर रही है।
पूर्व सीएम ने ट्वीट कर दी जानकारी
भूपेश बघेल ने सीबीआई के छापे पर पर प्रतिक्रिया देते हुए ट्विटर पर पोस्ट किया है। उन्होंने लिखा कि अब CBI आई है। उन्होंने बताया कि आगामी 8 और 9 अप्रैल को अहमदाबाद (गुजरात) में होने वाली AICC की बैठक के लिए गठित “ड्राफ़्टिंग कमेटी” की मीटिंग के लिए आज पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का दिल्ली जाने का कार्यक्रम है। उससे पूर्व ही CBI रायपुर और भिलाई निवास पहुंच चुकी है।

पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने छापे को बताया लोकतंत्र के हनन
पूर्व डिप्टी सीएम टीएस सिंहदेव ने छापे को लेकर ट्वीट कर लिखा कि बार-बार छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को एजेंसियों द्वारा परेशान करना बेहद निंदनीय है। ये केवल भूपेश जी छवि को खराब करने की भाजपा की नाकाम कोशिश है। प्रदेश की भाजपा सरकार छत्तीसगढ़ राज्य को चलाने में असमर्थ साबित हो रही है, इसीलिए जनता से जुड़े मुद्दों से का ध्यान भटकाने के लिए ऐसे प्रयास कर रही है।पहले ED फिर CBI – जांच एजेंसियों को भाजपा की B team बन कर काम करने से फुर्सत ही नहीं है। अभी हाल में ED द्वारा विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई को रिपोर्ट खुद सरकार को जब दिखानी पड़ी तो निश्चित हो गया कि यह केवल धमकाने और परेशान करने का हथियार बना हुआ है।भाजपा द्वारा राजनीतिक द्वेष की भावना से की जा रही यह कार्रवाई लोकतंत्र का हनन है।
