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छत्तीसगढ़

छत्‍तीसगढ़ में मीसाबंदियों को फिर से मिलेगी सम्‍मान राशि, अब बन गया कानून, विपक्ष का वॉकआउट

दानिश अनवर
दानिश अनवर
Byदानिश अनवर
Journalist
दानिश अनवर, द लेंस में जर्नलिस्‍ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 13 वर्षों का अनुभव है। 2022 से दैनिक भास्‍कर...
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- Journalist
Published: March 21, 2025 8:45 PM
Last updated: March 22, 2025 4:24 PM
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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक 2025 पारित कर दिया गया है। इसके साथ ही एक बार फिर मीसाबंदियों को सम्‍मान राशि मिलेगी। पिछली सरकार के समय जो राशि बंद कर दी गई थी, उस राशि का भी भुगतान सरकार करेगी।

विधानसभा में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विधेयक पेश करने के बाद सत्‍तापक्ष और विपक्ष में बहस शुरू हो गई। कांग्रेस ने इसे विधेयक के तौर पर सदन में रखने पर आपत्ति जताई। विपक्ष ने इस पर बहस न करने की मांग की, जिसे अध्‍यक्ष डॉ. रमन सिंह ने खारिज कर दिया। विधेयक पर चर्चा से विपक्ष ने इंकार किया और विधेयक पर चर्चा से वॉक आउट कर लिया। बिना विपक्ष के विधेयक पर चर्चा शुरू हुई।

विधेयक के जरिए मिसा बंदियों को सम्मान देने के संबंध में प्रावधान को लेकर यह विधेयक पेश किया गया था। देश में आपातकाल लगाने के दौरान निर्मित हुई परिस्थिति में नेताओं की गिरफ्तारी और लोकतंत्र के दमन को लेकर मुख्यमंत्री, विधायक अजय चंद्राकर और अमर अग्रवाल ने अपनी बातें रखीं। मुख्यमंत्री ने इस लोकतंत्र सेनानी सम्मान विधेयक को मध्य प्रदेश में भी पारित होने की जानकारी रखी। अमर अग्रवाल ने चर्चा की शुरुआत करते हुए आपातकाल और उसे निर्मित स्थिति सदन के सामने रखी। उन्‍होंने कहा कि मिसा कानून के नाम पर मेरे बाबू जी को बिना कारण मेरे सामने गिरफ्तार कर ले गए।

इस विधेयक के पारित होने पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा – ‘आज लोकतंत्र के सेनानियों का सम्मान करते हुए एक विधेयक छत्तीसगढ़ विधानसभा में पास किए हैं। इमरजेंसी के दौरान 19-19 महीना जेल में काटने वाला का परिवार बर्बाद हो गया था। जब डॉ. रमन सिंह मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने उनके सम्मान को लेकर कार्यक्रम चालू किया था जिसे पिछली सरकार ने बंद कर दिया था। हम फिर से सरकार में आए हैं। इस कार्यक्रम को फिर से चालू किए हैं। 5 साल की जो राशि उन्‍हें नहीं मिली थी वे भी एक साथ दी जाएगी।  अब इसे एक कानूनी रूप दिया गया है ताकि आगे चलकर उनके सम्मान में किसी तरह की कोई कटौती नहीं हो।‘

विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और पूर्व मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर आपत्ति की है कि राष्ट्रपति के आदेश से लगाए गए आपातकाल के विषय पर चर्चा असंवैधानिक है। चरणदास महंत ने कहा कि मिसा बंदियों को अगर सम्मान राशि देना चाहती है तो दे पर आपातकाल की परिस्थिति पर चर्चा नहीं की जा सकती। चंदन दास महंत ने सत्ता पक्ष कंगना राणावत की इमरजेंसी फिल्म देखने की को सलाह दी।

TAGGED:CG GovtCM Vishnudeo SaiMesabandi
Byदानिश अनवर
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दानिश अनवर, द लेंस में जर्नलिस्‍ट के तौर पर काम कर रहे हैं। उन्हें पत्रकारिता में करीब 13 वर्षों का अनुभव है। 2022 से दैनिक भास्‍कर में इन्‍वेस्टिगेटिव रिपोर्टिंग टीम में सीनियर रिपोर्टर के तौर पर काम किया है। इस दौरान स्‍पेशल इन्‍वेस्टिगेशन खबरें लिखीं। दैनिक भास्‍कर से पहले नवभारत, नईदुनिया, पत्रिका अखबार में 10 साल काम किया। इन सभी अखबारों में दानिश अनवर ने विभिन्न विषयों जैसे- क्राइम, पॉलिटिकल, एजुकेशन, स्‍पोर्ट्स, कल्‍चरल और स्‍पेशल इन्‍वेस्टिगेशन स्‍टोरीज कवर की हैं। दानिश को प्रिंट का अच्‍छा अनुभव है। वह सेंट्रल इंडिया के कई शहरों में काम कर चुके हैं।
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