बिजनेस डेस्क। देश में कृषि क्षेत्र से लेकर कई अन्य क्षेत्रों तक ड्रोन का इस्तेमाल होने लगा है। सरकार इस दिशा में लगातार प्रयास कर रही है। जिससे ये माना जा रहा है जीएसटी काउंसलिंग की अगली बैठक में बिजनेस में इस्तेमाल होने वाले ड्रोन को लेकर सरकार जीएसटी की एक जैसी दरें लगाने का फैसला लिया जा सकता है। सरल भाषा में कहें तो ड्रोन में कैमरा जुड़ा है तो ऐसे ड्रोन को एचएसएन 8525 के अंतर्गत डिजिटल कैमरा मानकर उस पर 18% की दर से जीएसटी लग रही है। इसके अलावा अगर ड्रोन एचएसएन कोड 8806 के अंतर्गत एयरक्राफ्ट वाले हैं तो उस पर 5% की दर से जीएसटी लगेगी।
राहत दे सकती है सरकार
भारत में ड्रोन इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है, इसको लेकर सरकार बड़ी राहत दे सकती है। अभी ड्रोन के अलग-अलग वर्ग के आधार पर लगने वाले जीएसटी के कारण लोगों में स्पष्टता की कमी है। इसलिए सरकार एक जैसी जीएसटी दर लगाने पर विचार कर सकती है।
सरकार दे रही बढ़ावा
ड्रोन के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए सरकार कई बड़े काम करने जा रही है। कृषि से लेकर कंस्ट्रक्शन लॉजिस्टिक पब्लिक सेफ्टी जैसे क्षेत्रों में भी इनका इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। सरकार ने ग्रीन जोन के भीतर 400 फीट तक की ऊंचाई पर ड्रोन उड़ाने के लिए अनुमति दे रखी है। इससे समझा जा सकता है कि ऐसी जगह पर ड्रोन उड़ने के लिए अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। इसके अलावा नागरिक उद्यान मंत्रालय ने यलो जोन को भी सरल करके राहत दी गई थी।
चलाई जा रही योजना
ड्रोन के इस्तेमाल को आसान बनाने के लिए सरकार ने कई प्रयास भी किए हैं। खेती में ड्रोन का इस्तेमाल बढ़े इसके लिए योजना की शुरुआत सरकार ने की है। ऐसे ही केंद्र सरकार ने नमो ड्रोन दीदी योजना भी चलाई है। इस योजना में स्व सहायता समूह के अंतर्गत महिलाओं को कृषि सेवाओं के लिए ड्रोन उड़ने की ट्रेनिंग दी जाती है। ताकि महिलाएं ड्रोन उड़ा कर आत्मनिर्भर बन सकें। बता दें देश में लगभग 488 ड्रोन कंपनियां काम कर रही है. इन कंपनियों ने लगभग 518 मिलियन डॉलर का निवेश भी प्राप्त किया है। सरकार के द्वारा प्रयास किया जा रहे हैं कि बिजनेस ड्रोन पर सामान जीएसटी लगाकर उद्योग में स्पष्टा प्रदान की जाए और साथ ही टैक्स विवाद को भी कम किया जाए।