नई दिल्ली । प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की कार्रवाई में आरोपियों को सजा मिलने की दर सिर्फ एक फीसदी से कुछ अधिक है। इसकी गवाही खुद केंद्र सरकार के आंकड़े दे रहे हैं। बीते दस सालों में मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान नेताओं, पूर्व और वर्तमान सांसदों और विधायकों के खिलाफ 193 मामले दर्ज किए हैं, इनमें से सिर्फ दो मामलों में ही दोषियों को सजा मिली है।
वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी ने 19 मार्च को राज्यसभा में जानकारी दी कि ईडी ने अप्रैल 2015 से फरवरी 2025 के बीच विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े कुल 193 मामले दर्ज किए हैं। माकपा सांसद एए रहीम ने केंद्र सरकार से जानकारी मांगी थी कि पिछले दस वर्षों में ईडी ने कितने नेताओं के खिलाफ मामले दर्ज किए हैं। उन्होंने इन मामलों का राज्यवार और पार्टीवार ब्योरा भी मांगा था, लेकिन मंत्री पंकज चौधरी ने बताया कि ऐसा कोई राज्यवार आंकड़ा नहीं रखा जाता। आपको बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय के अधीन काम करता है।
कौन हैं सजा पाने वाले नेता
ईडी की कार्रवाई में सजा पाने वाले दोनों नेता झारखंड के पूर्व मंत्री हैं, हरि नारायण राय और एनोस एक्का। राय को मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में सात साल की सजा और पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया, जबकि एक्का को सात साल कैद के साथ दो करोड़ रुपये का जुर्माना भरना पड़ा। दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान किसी भी आरोपी को बरी नहीं किया गया।
10 सालों में कार्रवाई के आंकड़े
- 2015-16 में 10 नेताओं पर मामले दर्ज हुए।
- 2016-17 में यह संख्या बढ़कर 14 हो गई।
- 2017-18 में 7 मामले सामने आए।
- 2018-19 में 11 और 2019-20 में 26 मामले दर्ज हुए।
- 2020-21 में 27, 2021-22 में 26 और 2022-23 में 32 मामलों की रिपोर्ट आई।
इन बड़े नेताओं पर हाल ही हुई कार्रवाई
- अरविंद केजरीवाल : दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल को कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी ने मार्च 2024 में गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद वे कुछ समय तक हिरासत में रहे।
- हेमंत सोरेन : झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने जनवरी 2024 में जमीन घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। गिरफ्तारी से पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
- कवासी लखमा: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को ईडी ने जनवरी 2025 में 2000 करोड़ रुपये के कथित शराब घोटाले के मामले में लंबी पूछताछ के बाद उनके बेटे के साथ गिरफ्तार किया। यह कार्रवाई छत्तीसगढ़ में हाल की बड़ी घटनाओं में से एक थी।
- आलोक मेहता : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) नेता आलोक मेहता के ठिकानों पर जनवरी 2025 में ईडी ने छापेमारी की। यह कार्रवाई बैंक लोन से जुड़े एक मामले में हुई, जिसमें कई अहम सबूत मिलने की बात सामने आई।
- भूपेश बघेल : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस महासचिव भूपेश बघेल के आवास पर मार्च 2025 में ईडी ने 11 घंटे तक छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में हुई।