[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में तेज आवाज साउंड बॉक्स पर कार्रवाई, झांकी से पहले डीजे संचालकों को अल्टीमेटम
टाटा की गाड़ियों के दाम में 65 हजार से 1.55 लाख तक की भारी कटौती का फैसला
राजभवन में शिक्षकों का ये कैसा सम्मान?
रायपुर: गणपति की AI छवि वाली मूर्ति को लेकर बवाल, पंडाल पर पर्दा, दर्शन बंद
संघ के वरिष्ठ प्रचारक शांताराम सर्राफ का निधन
श्रीनगर: भीड़ ने तोड़ा अशोक स्तंभ, हजरतबल दरगाह में बवाल
डोनाल्ड ट्रंप बोले – हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया
‘…मैं डिप्टी सीएम बोल रहा हूं, कार्रवाई रोको’, अजित पवार की IPS अंजना को चेतावनी, देखिए वीडियो
नेपाल में फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स समेत दर्जन भर सोशल मीडिया प्लेटफार्म बैन
फार्मा सेक्टर टैरिफ मुक्त होने के बावजूद अमेरिका के बाहर बाजार तलाश रहा भारत
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

बदहाल बिहार

The Lens Desk
Last updated: March 17, 2025 6:10 pm
The Lens Desk
Share
SHARE

कभी कथित तौर पर “जंगलराज” से नवाजे जा चुके बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था की स्थिति ने सचमुच चिंता में डाल दिया है, जहां हाल ही में दो एएसआई की हत्या कर दी गई। इनमें से एक घटना मुंगेर की है, जहां दो गुटों का झगड़ा निपटाने गए एक एएसआई पर भीड़ ने जानलेवा हमला कर दिया। दूसरी घटना अररिया की है, जहां एक अपराधी को पकड़ने गए एक एएसआई की ग्रामीणों ने हत्या कर दी। यही नहीं, दरभंगा, मधुबनी और नवादा में भी पुलिस दलों पर हमले की खबरें हैं, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि वहां अपराधियों के हौसले कितने बुलंद है। लगभग दो दशक से बिहार की कमान नीतीश कुमार के हाथों में है, लेकिन पिछले कुछ हफ्तों की ये घटनाएं बता रही हैं कि “सुशासन बाबू” की पकड़ कितनी ढीली पड़ चुकी है। हालत यह हो गई है कि राज्य की कानून व्यवस्था को लेकर राजद की ओर से जब विधानसभा में प्रभावी कार्रवाई को लेकर बयान दिया गया तो सत्तारूढ़ एनडीए के कई सदस्यों ने उसका समर्थन किया। मुश्किल यह है कि बड़े अपराधियों से निपटने के लिए मुठभेड़ को कारगर तरीका मान लिया गया है, जैसा कि एक सत्तारूढ़ विधायक ने विधानसभा में गोली का जवाब गोली से देने की वकालत की! बिहार के मौजूदा हालात संस्थागत पतन को दिखा रहे हैं, लेकिन किसी भी लोकतंत्र में ऐसी चुनौतियों का जवाब “पुलिस स्टेट” बनकर नहीं दिया जा सकता।

TAGGED:Arariabihar policeEditorialLaw & OrderMungerNitish Kumar
Previous Article कल्पना चावला की जयंती पर खास  : पहला मिशन, पृथ्वी के 252 चक्कर और 1.67 करोड़ किमी की दूरी
Next Article क्‍या है ट्रंप की मंशा : अमेरिका में जगहों, स्‍मारकों के नाम क्‍यों बदले जा रहे हैं

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

सीएम सलाहकार की नफरत की पोस्ट पहुंची थाने

रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मीडिया सलाहकार पंकज झा पर NSUI ने सोशल…

By Lens News

पब्लिक पावर सेक्टर को बचाने देशभर के इंजीनियरों ने उठाई आवाज, केन्द्र और राज्य सरकारों को दी चेतावनी

लखनऊ। ऑल इण्डिया पॉवर इंजीनियर्स फेडरेशन (ALL INDIA POWER ENGINEERS FEDERATION) की फेडरल काउंसिल की…

By आवेश तिवारी

नीतीश ने दोगुने से भी ज्‍यादा बढ़ाई पेंशन, तेजस्वी ने कहा-हम देंगे 1500, पीके बोले-कर देंगे दो हजार  

पटना। विधानसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बड़ा दांव चल दिया…

By Lens News Network

You Might Also Like

English

Fiscal federalism should not be ignored

By Editorial Board
Sonia Gandhi
लेंस संपादकीय

सोनिया की सलाह

By Editorial Board
Israel Gaza Escalation
लेंस संपादकीय

गजा की पुकार

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

महागठबंधन की जमीन

By Editorial Board
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?