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दुनिया

अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स ने नए मेहमानों को लगाया गले, धरती पर वापसी जल्‍द

The Lens Desk
The Lens Desk
Published: March 16, 2025 2:30 PM
Last updated: April 16, 2025 7:55 PM
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द लेंस इंटरनेशनल डेस्‍क। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में करीब नौ महीने से फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने की कोशिश सफलता की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की वापसी के लिए नासा की क्रू-10 टीम का यान रविवार को आईएसएस से कनेक्‍ट हो गया है। धरती से गए नए मेहमानों को देखकर अंतरिक्ष यात्रियों की खुशी का ठिकाना न रहा। गले लगाकर सबने एक दूसरे का अभिवादन किया।

इस टीम में नासा के अंतरिक्ष यात्री एनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के ताकुया ओनिशी और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉस्मोस के किरिल पेस्कोव शामिल हैं। यह टीम सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की जगह लेगी।

इस बीच, स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “स्पेसएक्स ड्रैगन कुछ ही दिनों में अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ले आएगा।”

गौरतलब है कि सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर पिछले करीब नौ महीनों से आईएसएस में फंसे हुए हैं। उन्होंने 5 जून 2024 को स्टारलाइनर अंतरिक्षयान के जरिए इस परीक्षण मिशन पर उड़ान भरी थी। योजना के मुताबिक, उन्हें आठ दिनों में लौट आना था, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण यह संभव नहीं हो सका। आईएसएस के करीब पहुंचते ही स्टारलाइनर अंतरिक्षयान में कई समस्याएं सामने आईं। इसके पांच थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे, जो यान की दिशा तय करने में मदद करते हैं। साथ ही, यान में हीलियम की कमी हो गई, जिससे इसे जलने वाले ईंधन पर निर्भर रहना पड़ा और मिशन में देरी होती गई।

ऐस्ट्रोनॉट और कॉस्मोनॉट: क्या अंतर है दोनों में?

ऐस्ट्रोनॉट और कॉस्मोनॉट मूल रूप से एक ही कार्य करते हैं, दोनों ही अंतरिक्ष यात्री हैं। लेकिन,  उनके पदनाम इस बात पर निर्भर करते हैं कि उन्हें कौन सी एजेंसी ने प्रशिक्षित किया है।

ऐस्ट्रोनॉट होते हैं जिन्हें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा NASA), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) या जापानी एयरोस्पेस एजेंसी (JAXA) द्वारा प्रशिक्षण मिला होता है।

वहीं, कॉस्मोनॉट्स वे होते हैं जिन्हें रूसी अंतरिक्ष एजेंसी विशेष रूप से अंतरिक्ष अभियानों के लिए प्रशिक्षित करती है। इसके अलावा, ताइकोनॉट्स शब्द का उपयोग चीनी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए किया जाता है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, अमेरिका और रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) के बीच शीत युद्ध छिड़ गया। यह संघर्ष मुख्य रूप से तकनीकी और सैन्य श्रेष्ठता की होड़ थी, जिसमें अंतरिक्ष अन्वेषण भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया।

1957 में रूस ने इतिहास रचते हुए स्पुतनिक-1 नामक पहला मानव रहित उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा। इसके बाद, स्पुतनिक-2 के माध्यम से उन्होंने एक कुत्ते को अंतरिक्ष में भेजा। अप्रैल 1961 में यूरी गगारिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति बने।

रूसी सफलता के जवाब में, अमेरिका ने 1958 में नासा की स्थापना की और अंतरिक्ष अनुसंधान में तेजी लाई। दोनों देशों ने अपने अंतरिक्ष खोजकर्ताओं के लिए अलग-अलग नाम निर्धारित किए—अमेरिका ने “Astronaut” और सोवियत संघ ने “Cosmonaut” शब्द को अपनाया।

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