[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
कफ सीरप तस्करी के आरोपी बाहर, अमिताभ ठाकुर सलाखों में
ऑपरेशन सिंदूर के दाग भूल भारत ने की चीनियों की आवाजाही आसान
AIIMS रायपुर को सिंगापुर में मिला ‘सर्वश्रेष्ठ पोस्टर अवॉर्ड’
डीएसपी पर शादी का झांसा देकर ठगी का आरोप लगाने वाले कारोबारी के खिलाफ जारी हुआ गिरफ्तारी वारंट
11,718 करोड़ की लागत से होगी डिजिटल जनगणना, 1 मार्च 2027 को आधी रात से होगी शुरुआत
तेलंगाना पंचायत चुनाव: कांग्रेस समर्थित उम्‍मीदवारों की भारी जीत, जानें BRS और BJP का क्‍या है हाल?
MNREGA हुई अब ‘पूज्य बापू ग्रामीण रोजगार योजना’, जानिए कैबिनेट ने किए और क्‍या बदलाव ?
उत्तर भारत में ठंड का कहर, बर्फबारी और शीतलहर जारी, दिल्ली में ठंड और प्रदूषण की दोहरी मार
इंडिगो क्राइसिस के बाद DGCA ने लिया एक्शन, अपने ही चार इंस्पेक्टर्स को किया बर्खास्त,जानिये क्या थी वजह
ट्रैवल कारोबारी ने इंडिगो की मनमानी की धज्जियां उधेड़ी
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
दुनिया

अंतरिक्ष में सुनीता विलियम्स ने नए मेहमानों को लगाया गले, धरती पर वापसी जल्‍द

The Lens Desk
The Lens Desk
Published: March 16, 2025 2:30 PM
Last updated: April 16, 2025 7:55 PM
Share
SHARE

द लेंस इंटरनेशनल डेस्‍क। इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में करीब नौ महीने से फंसे अंतरिक्ष यात्रियों को धरती पर वापस लाने की कोशिश सफलता की ओर बढ़ती दिखाई दे रही है। सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की वापसी के लिए नासा की क्रू-10 टीम का यान रविवार को आईएसएस से कनेक्‍ट हो गया है। धरती से गए नए मेहमानों को देखकर अंतरिक्ष यात्रियों की खुशी का ठिकाना न रहा। गले लगाकर सबने एक दूसरे का अभिवादन किया।

इस टीम में नासा के अंतरिक्ष यात्री एनी मैकक्लेन और निकोल एयर्स, जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के ताकुया ओनिशी और रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कॉस्मोस के किरिल पेस्कोव शामिल हैं। यह टीम सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर की जगह लेगी।

इस बीच, स्पेसएक्स के संस्थापक एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “स्पेसएक्स ड्रैगन कुछ ही दिनों में अंतरिक्ष यात्रियों को वापस ले आएगा।”

गौरतलब है कि सुनीता विलियम्स और बैरी विल्मोर पिछले करीब नौ महीनों से आईएसएस में फंसे हुए हैं। उन्होंने 5 जून 2024 को स्टारलाइनर अंतरिक्षयान के जरिए इस परीक्षण मिशन पर उड़ान भरी थी। योजना के मुताबिक, उन्हें आठ दिनों में लौट आना था, लेकिन तकनीकी खामियों के कारण यह संभव नहीं हो सका। आईएसएस के करीब पहुंचते ही स्टारलाइनर अंतरिक्षयान में कई समस्याएं सामने आईं। इसके पांच थ्रस्टर्स काम करना बंद कर चुके थे, जो यान की दिशा तय करने में मदद करते हैं। साथ ही, यान में हीलियम की कमी हो गई, जिससे इसे जलने वाले ईंधन पर निर्भर रहना पड़ा और मिशन में देरी होती गई।

ऐस्ट्रोनॉट और कॉस्मोनॉट: क्या अंतर है दोनों में?

ऐस्ट्रोनॉट और कॉस्मोनॉट मूल रूप से एक ही कार्य करते हैं, दोनों ही अंतरिक्ष यात्री हैं। लेकिन,  उनके पदनाम इस बात पर निर्भर करते हैं कि उन्हें कौन सी एजेंसी ने प्रशिक्षित किया है।

ऐस्ट्रोनॉट होते हैं जिन्हें अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी (नासा NASA), यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) या जापानी एयरोस्पेस एजेंसी (JAXA) द्वारा प्रशिक्षण मिला होता है।

वहीं, कॉस्मोनॉट्स वे होते हैं जिन्हें रूसी अंतरिक्ष एजेंसी विशेष रूप से अंतरिक्ष अभियानों के लिए प्रशिक्षित करती है। इसके अलावा, ताइकोनॉट्स शब्द का उपयोग चीनी अंतरिक्ष यात्रियों के लिए किया जाता है।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, अमेरिका और रूस (तत्कालीन सोवियत संघ) के बीच शीत युद्ध छिड़ गया। यह संघर्ष मुख्य रूप से तकनीकी और सैन्य श्रेष्ठता की होड़ थी, जिसमें अंतरिक्ष अन्वेषण भी एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन गया।

1957 में रूस ने इतिहास रचते हुए स्पुतनिक-1 नामक पहला मानव रहित उपग्रह अंतरिक्ष में भेजा। इसके बाद, स्पुतनिक-2 के माध्यम से उन्होंने एक कुत्ते को अंतरिक्ष में भेजा। अप्रैल 1961 में यूरी गगारिन अंतरिक्ष में जाने वाले पहले व्यक्ति बने।

रूसी सफलता के जवाब में, अमेरिका ने 1958 में नासा की स्थापना की और अंतरिक्ष अनुसंधान में तेजी लाई। दोनों देशों ने अपने अंतरिक्ष खोजकर्ताओं के लिए अलग-अलग नाम निर्धारित किए—अमेरिका ने “Astronaut” और सोवियत संघ ने “Cosmonaut” शब्द को अपनाया।

TAGGED:Big_NewsISSNASAsunita williams
Previous Article Holi is for joy of all
Next Article रुकने वाली नहीं है ये तेजी! सोना 90,650 पर, चांदी लाख के पार
Lens poster

Popular Posts

दीघा से मैदान में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन दिव्या गौतम, जानिए उनके बारे में

पटना। महागठबंधन ने  पटना की दीघा सीट से दिव्या गौतम को अपना प्रत्याशी घोषित किया…

By Lens News

मैक्सिको की फातिमा बोश बनीं मिस यूनिवर्स 2025, पढ़ें किस जवाब से जीतीं फायनल राऊंड

Miss Universe 2025 का भव्य फिनाले पूरा हो चुका है और इस बार विश्व सुंदरी…

By पूनम ऋतु सेन

24 घंटों में कोरोना से पांच मौत, चार हजार एक्टिव केस

नई दिल्‍ली। भारत में कोविड-19 के मामलों में हर दिन उछाल देखा गया है। सक्रिय…

By Lens News Network

You Might Also Like

Germany
दुनिया

जर्मनी में मुख्य विपक्षी दल मुस्लिमों के खिलाफ नफरत फैलाने के आरोप में चरमपंथी घोषित

By The Lens Desk
दुनिया

चिड़ियाघरों और जंगल सफारी की स्थापना पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई अस्थाई रोक, केन्द्र और राज्यों को लेनी होगी कोर्ट से अनुमति

By The Lens Desk
WHO
दुनिया

क्या दुनिया की सेहत संकट में है ? WHO की फंडिंग में कमी साजिश या राजनीति ?

By पूनम ऋतु सेन
स्क्रीन

मनोरंजन का सिंकदर बना डिजिटल प्लेटफॉर्म, टीवी की कमाई घटी, सिनेमाघरों पर संकट  

By अरुण पांडेय

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?