बेंगलुरु| कन्नड़ सिनेमा की मशहूर अभिनेत्री रान्या राव, जिन्हें ‘मोना’ के नाम से भी जाना जाता है, एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वजह उनका कोई फिल्मी किरदार नहीं, बल्कि दुबई से गोल्ड स्मगलिंग का सनसनीखेज मामला है। डायरेक्टोरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई ) की पूछताछ में रान्या ने कई हैरान करने वाले खुलासे किए हैं। उन्होंने बताया कि कैसे उन्होंने स्मगलिंग का तरीका सीखा और इसे अंजाम दिया।
फोटोग्राफी और बिजनेस के बहाने दुबई के चक्कर
रान्या ने DRI को बताया कि वह फोटोग्राफी और रियल एस्टेट बिजनेस के सिलसिले में अक्सर दुबई जाया करती थीं। सिर्फ दुबई ही नहीं, बल्कि यूरोप, अमेरिका और मिडिल ईस्ट के कई देशों की यात्रा भी उन्होंने की है। पूछताछ में रान्या ने यह भी खुलासा किया कि पिछले कुछ समय से उन्हें विदेशी नंबरों से फोन कॉल्स आ रहे थे।

यूट्यूब से सीखी स्मगलिंग
रान्या ने पुलिस को बताया कि स्मगलिंग का आइडिया और इसे करने का तरीका उन्होंने यूट्यूब से सीखा। उन्होंने DRI को खुलासा किया कि सिक्योरिटी एजेंसियों से बचने और गोल्ड को छिपाने की तरकीबें उन्होंने ऑनलाइन वीडियो देखकर जानीं। रान्या ने कहा, “मैंने यूट्यूब पर सर्च किया कि स्मगलिंग कैसे की जाती है और जांच से कैसे बचा जाए। गोल्ड छिपाने के तरीके भी वहीं से सीखे।”
पहली बार दुबई से लाईं सोना
रान्या ने बताया कि उन्हें एक अनजान शख्स ने फोन पर दुबई एयरपोर्ट के टर्मिनल 3 पर मिलने का निर्देश दिया था। उस शख्स ने कहा कि सोना लेकर बेंगलुरु में डिलीवर करना है। रान्या के मुताबिक, “यह मेरा पहला मौका था जब मैंने दुबई से गोल्ड स्मगलिंग की। इससे पहले मैंने ऐसा कभी नहीं किया था। लेकिन इसके बाद मैं कई बार दुबई गई और वहां से लौटी।”
‘सफेद गाउन वाला शख्स और सोने की छड़ें’
पूछताछ में रान्या ने बताया कि जिस शख्स ने उन्हें फोन किया था, उसका लहजा विदेशी जैसा था। उसने कहा था कि वह एयरपोर्ट पर सफेद गाउन में मिलेगा। रान्या ने कहा, “हम एयरपोर्ट पर मिले। सिक्योरिटी चेक के बाद उसने मुझे सोने की छड़ें दीं और तुरंत वहां से चला गया।” रान्या ने आगे बताया कि सोना दो प्लास्टिक पैकेट में था।

टॉयलेट में छिपाया सोना
रान्या ने स्मगलिंग का तरीका बताते हुए कहा, “मैंने पैकेट को फाड़ा और एयरपोर्ट के टॉयलेट में जाकर सोने को अपने शरीर से चिपका लिया। कुछ सोने की छड़ें मैंने अपनी जींस और जूतों में भी छिपाईं।” इस तरह वह सिक्योरिटी चेक को चकमा देकर बेंगलुरु पहुंचीं।
अभी भी बाकी है जांच
DRI अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। रान्या के बयानों से स्मगलिंग के इस अंतरराष्ट्रीय रैकेट का पर्दाफाश होने की उम्मीद है। हालांकि, रान्या ने उस शख्स का नाम नहीं बताया, जिसने उन्हें सोना सौंपा था। जांच एजेंसी अब उन रहस्यमयी फोन कॉल्स और स्मगलिंग नेटवर्क के पीछे के मास्टरमाइंड को ढूंढने में जुटी है।