रायपुर। आपने एक कहावत सुनी होगी “पैरों के नीचे से जमीन खिसकना”। आपको कैसा लगेगा कि कुछ दिनों पहले आपकी सरकारी नौकरी लगी है और उस नौकरी से आपको बिना किसी गलती निकाल दिया जाए। कुछ ऐसा ही छत्तीसगढ़ के सहायक शिक्षकों के साथ हुआ है। प्रदेश के 2897 सहायक शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया है। अब ये शिक्षक समायोजन के लिए सरकार से गुहार लगा रहे हैं। कई शिक्षक अपने पूरे परिवार के साथ तूता धरनास्थल में प्रदर्शन कर रहें हैं।
प्रदर्शन के जरिए ध्यानाकर्षण
नगरीय निकाय चुनाव के चलते प्रदेश भर में आदर्श आचार संहिता प्रभावशील थी। अब आचार संहिता समाप्त होने के बाद बीएड सहायक शिक्षकों ने फिर से अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है। विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है, इस दौरान बीएड सहायक शिक्षकों ने जनप्रतिनिधियों के गुजरने वाले रास्ते में खड़े होकर ध्यानाकर्षण किया। इसी तरह जल सत्याग्रह, मुंडन, इच्छा मृत्यु की मांग, घुटने के बल खड़े होकर भी अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की कोशिश की। लेकिन, जनप्रतिनिधियों ने सहायक शिक्षकों की समस्या से किनारा कर लिया है।
परिवार की समस्याएं और प्रदर्शन
करीब 2897 की संख्या में बीएड सहायक शिक्षकों ने अंबिकापुर से रायपुर तक पदयात्रा निकाली थी। इसके बाद से तूता धरना स्थल में प्रदर्शन जारी है। यहां कई सहायक शिक्षक अपनी पत्नी और बच्चे समेत धरना दे रहें हैं। इतना ही नहीं शिक्षकों के माता और पिता भी अपने बच्चों को न्याय दिलाने बिना किसी सुविधा के प्रदर्शन कर रहें हैं। इनमें से कई शिक्षकों ने दूसरी सरकारी नौकरी छोड़कर सहायक शिक्षकों पद पर ज्वाइनिंग की थी।
अधर में लटका जीवन– सहायक शिक्षक
धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे सहायक शिक्षकों में गुस्सा उबल रहा है। सहायक शिक्षकों का कहना है कि जब सरकार ने हमारी भर्ती की थी, हमारी नौकरी छीननी ही थी तो नौकरी क्यों दी? समिति गठित कर दी गई है उसकी समय सीमा भी गठित होनी चाहिए जिससे हमारा जीवन अधर में ना लटका रह जाए। कुछ सहायक शिक्षकों का यह भी कहना है कि सरकार के इस निर्णय के कारण समाज में बीएड प्रशिक्षित सहायक शिक्षकों की प्रतिष्ठा को ठेस पहुँची है।
कई सहायक शिक्षकों की टूटी शादी
सहायक शिक्षकों का कहना है कि हमें योग्यता और मेरिट के बावजूद नौकरी से निकाले जाने के कारण समाज में उन्हें संदेह की नजर से देखा जा रहा है।कई शिक्षकों की शादी और सगाई टूट गई, जिससे व्यक्तिगत जीवन प्रभावित हुआ है। जिनका विवाह हो चुका है, वे अपने जीवनसाथी के सामने खुद को असहाय महसूस कर रहे हैं।
क्यों किया गया है सहायक शिक्षकों को बर्खास्त?
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने 10 दिसंबर 2024 को एक बड़ा फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया कि सहायक शिक्षक के पद के लिए केवल डीएड डिग्रीधारी पात्र होंगे। इस फैसले के बाद 2,897 बीएड सहायक शिक्षकों की नियुक्ति रद्द कर दी गई। कोर्ट ने सरकार को 15 दिनों के भीतर भर्ती प्रक्रिया पूरी करने का आदेश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि सरकार चाहे तो इसका समाधान निकाल सकती है।