[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
ईद मिलादुन्नबी के जुलूस में तेज आवाज साउंड बॉक्स पर कार्रवाई, झांकी से पहले डीजे संचालकों को अल्टीमेटम
टाटा की गाड़ियों के दाम में 65 हजार से 1.55 लाख तक की भारी कटौती का फैसला
राजभवन में शिक्षकों का ये कैसा सम्मान?
रायपुर: गणपति की AI छवि वाली मूर्ति को लेकर बवाल, पंडाल पर पर्दा, दर्शन बंद
संघ के वरिष्ठ प्रचारक शांताराम सर्राफ का निधन
श्रीनगर: भीड़ ने तोड़ा अशोक स्तंभ, हजरतबल दरगाह में बवाल
डोनाल्ड ट्रंप बोले – हमने भारत और रूस को चीन के हाथों खो दिया
‘…मैं डिप्टी सीएम बोल रहा हूं, कार्रवाई रोको’, अजित पवार की IPS अंजना को चेतावनी, देखिए वीडियो
नेपाल में फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स समेत दर्जन भर सोशल मीडिया प्लेटफार्म बैन
फार्मा सेक्टर टैरिफ मुक्त होने के बावजूद अमेरिका के बाहर बाजार तलाश रहा भारत
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
लेंस संपादकीय

नीतीश बाबू की सियासत

The Lens Desk
Last updated: March 6, 2025 3:32 pm
The Lens Desk
Share
SHARE

प्रधानमंत्री मोदी ने हाल ही में नीतीश कुमार को “लाड़ला मुख्यमंत्री” जरूर बताया है, लेकिन भाजपा नेताओं की ओर से आ रहे बयानों से संकेत मिल रहे हैं कि कुछ महीने बाद होने वाले बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए में उनके नाम पर एक राय नहीं है। बिहार को लेकर कयास कुछ महीने पहले महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों में भाजपा को मिली भारी सफलता के बाद से लगाए जाने लगे थे। महाराष्ट्र का चुनाव महायुति ने बेशक एकनाथ शिंदे के चेहरे पर लड़ा था, लेकिन वहां भाजपा देवेंद्र फड़नवीस को मुख्यमंत्री बनवाने में सफल रही है। दरअसल बिहार के सियासी समीकरण भी पहले से काफी बदल चुके हैं, जहां अभी तक भाजपा जद (यू) को कम सीटें मिलने के बावजूद नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार करती आई है। बेशक इसके पीछे नीतीश का बार-बार पलट जाना भी एक कारण रहा है। एक तरह से यह भाजपा और जद (यू) के बीच सुविधा की शादी है, ताकि नीतीश को राजद के साथ गठजोड़ करने से रोका जा सके। 2005 से अब तक चार बार मुख्यमंत्री बन चुके नीतीश अपनी साख गंवा चुके हैं और एनडीए में चिराग पासवान और जीतन मांझी जैसे नेताओं की मौजूदगी ने जातीय समीकरण साधने में मदद की है। हाल ही में 74 वां जन्मदिन मनाने वाले नीतीश कुमार क्या एक बार और पलटी मारेंगे और क्या बिहार की जनता उन्हें “सुशासन बाबू” के रूप में अब भी स्वीकार करती है, यह देखना दिलचस्प होगा।

TAGGED:EditorialNarendra ModiNitish Kumar
Previous Article स्टालिन का बड़ा हमला : तमिल विरोधी है भाजपा, 1971 की जनगणना के आधार पर परिसीमन की मांग
Next Article Don’t reignite doused fire

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

उत्तर भारत में मानसून की मार, हिमाचल प्रदेश में बादल फटने और बाढ़ से भारी तबाही, 51 लोगों की गयी जान

द लेंस डेस्क | MONSOON ALERT: मानसून ने उत्तर भारत में भारी तबाही मचाई है,…

By पूनम ऋतु सेन

दुर्ग में हैवानियत!

छत्तीसगढ़ के दुर्ग में नवरात्र के मौके पर कन्याभोज के लिए गई एक छह वर्षीय…

By The Lens Desk

चिंताजनक : महाकुंभ के दौरान प्रदूषित मिला संगम जल

प्रयागराज। महाकुंभ के दौरान संगम के पानी की गुणवत्‍ता को लेकर चिंताजनक रिपोर्ट सामने आई…

By The Lens Desk

You Might Also Like

लेंस संपादकीय

कांशीराम की विरासत

By सुदीप ठाकुर
Modi’s foreign policy
लेंस संपादकीय

विपक्ष सवाल पूछता रहा, मोदी कांग्रेस और नेहरू को कोसते रहे

By Editorial Board
लेंस संपादकीय

सीएए की अगली कड़ी

By The Lens Desk
लेंस संपादकीय

ग़ाज़ा पर ट्रंप का प्रस्ताव मनमाना और अस्वीकार्य

By The Lens Desk
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?