रायपुर। छत्तीसगढ़ में “पंच का पति” वाली परंपरा खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। दरअसल कवर्धा जिले के ग्राम पंचायत परसवारा में पत्नियों की जगह पतियों ने पंच पद की शपथ ली है। 7 वार्डों से चुनकर आई महिला पंचों की जगह ग्राम पंचायत सचिव ने उनके पतियों को शपथ दिला दी। जिसका वीडियो भी सामने आया है। बड़ी बात यह है कि जिस जगह का यह मामला वह पंचायत मंत्री विजय शर्मा का गृह जिला है, इतना ही नहीं पंडरिया विधानसभा से महिला विधायक भावना बोहरा का यह विधानसभा क्षेत्र है।
जिन्हें शपथ लेना था वहीं गायब
देश में इन दिनों महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है। यहां तक कि महिलाओं को सशक्त करने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं। लेकिन छत्तीसगढ़ में महिला सशक्तिकरण को परसवारा ग्राम पंचायत के सचिव ने चुनौती दे दी है। नवनिर्वाचित सरपंच और पंच के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में सचिव ने 7 महिला पंचों के बजाय उनके पतियों को शपथ दिलाई। यह महिला सशक्तिकरण के विचार के विरुद्ध है और एक बड़ी लापरवाही को दर्शाता है। चुनाव में निर्वाचित होने के बाद भी 7 महिला पंच पद की शपथ नहीं ले सकीं।
वेब सीरीज में भी महिला सशक्तिकरण को दिया गया जोर
चर्चित वेब सीरीज पंचायत में भी महिला सशक्तिकरण को समर्पित एक एपिसोड प्रसारित किया गया था। जिसमें प्रधान पति 26 जनवरी के मौके पर झंडा फहराने जाते हैं, उसी वक्त कलेक्टर वहां पहुंचती है, कलेक्टर प्रधानपति को जमकर फटकार लगाकर यह संदेश देती हैं कि यदि महिला सरपंच है तो झंडा रोहण उन्हीं को करना होगा। जिसके बाद वेब सीरीज में सरपंच पद पर चुनी गई मंजू देवी झंडा रोहण करती हैं। खैर यह तो वेब सीरीज की बात है, लेकिन यहां भी महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया गया है।
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