[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
मणिपुर में खुलेगा राष्ट्रीय राजमार्ग, पीएम कर सकते हैं सशस्त्र ऑपरेशन निलंबन समझौते का विस्तार
मेडिकल कॉलेज घूस कांड : रावतपुरा सरकार के साथ 50 लाख की डील कराने वाले एक और स्वामी का भी नाम चार्जशीट में
7 महीने में नक्सलवाद खत्म करने फाइनल ऑपरेशन के लिए LWE विंग की रायपुर में बैठक शुरू
Breaking news: कर्नाटक में बैलेट पेपर से चुनाव, नष्ट की जाएंगी 15 साल पुरानी EVM
GST में सुधार से उपभोक्ताओं को राहत, छोटे व्यापारियों को मिलेगी ताकत : कैट
छत्तीसगढ़ के उपभोक्ताओं पर ‘बिजली’ गिरनी शुरू
किसने खरीदा देश के पहले पीएम जवाहर लाल का बंगला? 1100 करोड़ रुपये में हुई डील
स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियां GST मुक्‍त, जानिए इसके लिए AIIEA ने कैसे लड़ी लड़ाई?
वृंदा करात ने महिला आयोग को लिखा पत्र, दुर्ग नन केस की पीड़ित युवतियों ने द लेंस को बताई थी आपबीती
GST पर पीएम मोदी ने क्या कहा ?
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
देश

पहले से संपन्‍न लोगों की भर रही तिजोरी, नहीं बन रहे हैं नए अमीर

अरुण पांडेय
Last updated: March 6, 2025 3:32 pm
अरुण पांडेय
Share
SHARE

  • ब्लूम वेंचर्स की रिपोर्ट के मुताबिक देश की 10 फीसदी आबादी ही सशक्‍त उपभोक्‍ता और आर्थिक विकास का सहारा

नई दिल्‍ली। अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने लिखा है कि गरीब होने का मतलब किसी काल्पनिक गरीबी रेखा से नीचे रहना नहीं है, जैसे कि दो डॉलर प्रतिदिन या उससे कम की आय। इसका मतलब आय का वह स्‍तर है जो किसी व्यक्ति को उसकी जरूरतों को पूरा करने की अनुमति नहीं देता है।

हाल ही में आई वेंचर कैपिटल फर्म ब्लूम वेंचर्स की “इंडस वैली एनुअल रिपोर्ट-2025” भारत में इसी तरह की तस्‍वीर पेश रही है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत की एक अरब 40 करोड़ की आबादी में से एक अरब लोगों के पास बुनियादी जरूरतों पर खर्च करने को पैसे नहीं हैं। जिसका मतलब यह है कि सिर्फ 10 फीसदी आबादी ही सशक्‍त उपभोक्‍ता और आर्थिक विकास का सहारा है।

ब्लूम वेंचर्स की रिपोर्ट बताती है कि एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में शामिल भारत में नए अमीरों की संख्‍या नहीं बढ़ रही है, जो पहले से ही संपन्न हैं वो और अमीर हो रहे हैं। इससे खरीदी की क्षमता तो बढ़ रही है, लेकिन खरीदारों की संख्‍या में इजाफा नहीं हो रहा है।

केंद्र सरकार के आंकड़े भी बताते हैं कि मौजूदा समय में 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन देने की जरूरत पड़ रही है। यह योजना अब 2028 तक चलेगी। मुफ्त राशन भी अप्रतक्ष्‍य रूप से एक तरह की आर्थिक मदद ही है, क्‍योंकि इसका लाभ लेने वालों को इस पर खर्च नहीं करना पड़ रहा है।

क्‍यों घटी खर्च करने की क्षमता
ब्लूम वेंचर्स रिपोर्ट तैयार करने वालों में से एक सजित पाई ने मीडिया को बताया कि हाल के दिनों में उपभोग में आई मंदी केवल खरीदी क्षमता घटने की वजह से नहीं आई है। आमजन की आर्थिक बचत में कमी और कर्ज में बढ़ोत्‍तरी भी इसका कारण है। पाई ने बताया कि बैंकों ने भी आसान और असुरक्षित कर्ज पर नकेल कसी है। भारत के इमर्जिंग या आकांक्षी वर्ग का अधिकांश उपभोग खर्च इसी तरह के कर्ज से हो रहा था, इसे बंद करने का कुछ असर निश्चित रूप से उपभोग पर पड़ेगा।

बढ़ रहा है प्रीमियमाइजेशन का ट्रेंड
रिपोर्ट के अनुसार, भारत के उपभोक्ता बाजार को “प्रीमियमाइजेशन” ने नई दिशा दी है। जहां ब्रांड्स अब बड़े पैमाने पर उत्पादों के बजाय प्रीमियमाइजेशन पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। रियल स्‍टेट सेक्‍टर में देश में सस्‍ती दरों पर मिलने वाले घरों की हिस्सेदारी घटकर सिर्फ 18 फीसदी रह गई है, जबकि पांच साल पहले यह 40 फीसदी थी। इसके अलावा, “एक्सपीरियंस इकॉनमी” में उल्लेखनीय वृद्धि देखी जा रही है, जिसका प्रमाण कोल्डप्ले और एड शीरन के हाउसफुल कॉन्सर्ट्स के रूप में दिया गया है।

TAGGED:indian middle classIndus Valley Annual Report 2025macro-economic
Previous Article No more a routine correction
Next Article टीवी में डिबेट के लिए गए थे आईआईटियन बाबा, बात हाथापाई तक पहुंच गई

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

चंद्रचूड़, आरिफ, हरिवंश, मनोज या फिर नीतीश कौन बनेगा अगला उपराष्ट्रपति

आवेश तिवारी नई दिल्ली। क्या 2017 में मुख्यमंत्री बनते बनते रह गए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल…

By आवेश तिवारी

जंगल बचाने के लिए लड़ रहा तमनार, कोल ब्लॉक के निशाने पर 56 गांव

तमनार से अंक पांडेय की रिपोर्ट रायगढ़ के तमनार के मुड़ागांव में अब तक 75…

By Lens News Network

सेवा की मिसाल, 115 साल पुराना DHAMTARI CHRISTIAN HOSPITAL अब निशाने पर क्यों ?

आज मैं निकल चली हूं अपनी कर्मभूमि से अपनी जन्मभूमि की ओर, इसलिए नहीं की…

By पूनम ऋतु सेन

You Might Also Like

parliament monsoon session
देश

मानसून सत्र से ठीक पहले ‘आप’ इंडिया गठबंधन से अलग, ऑपरेशन सिंदूर और मतदाता सूची संशोधन पर सरकार को घेरने की तैयारी

By आवेश तिवारी
PM Modi virtual program
देश

चीन से लौटकर बिहार में वर्चुअल कार्यक्रम के संबोधन में पीएम मोदी ने 56 बार कहा- मां, माताएं, माताओं…

By Lens News Network
देश

तरबतर मुंबई: चार दिन में 800 मिमी से ज्यादा बारिश, इस चेतावनी को कैसे देख रहे मौसम विज्ञानी?

By Lens News Network
MAUSAM ALERT
देश

13 से 18 जून तक इन राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, बिजली और आंधी की चेतावनी भी, देखें लिस्ट

By पूनम ऋतु सेन
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?