[
The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Latest News
287 ड्रोन मार गिराने का रूस का दावा, यूक्रेन कहा- हमने रक्षात्मक कार्रवाई की
छत्तीसगढ़ सरकार को हाई कोर्ट के नोटिस के बाद NEET PG मेडिकल काउंसलिंग स्थगित
विवेकानंद विद्यापीठ में मां सारदा देवी जयंती समारोह कल से
मुखर्जी संग जिन्ना की तस्‍वीर पोस्‍ट कर आजाद का BJP-RSS पर हमला
धान खरीदी में अव्यवस्था के खिलाफ बस्तर के आदिवासी किसान सड़क पर
विश्व असमानता रिपोर्ट 2026: भारत की राष्ट्रीय आय का 58% हिस्सा सबसे अमीर 10% लोगों के पास
लोकसभा में जोरदार हंगामा, विपक्ष का वॉकआउट, राहुल गांधी ने अमित शाह को दे दी चुनौती
जबलपुर पुलिस ने ‘मुस्कान’ अभियान के तहत 73 लापता बच्चों को बचाया, 53 नाबालिग लड़कियां शामिल
महाराष्ट्र के गढ़चिरोली में ₹82 लाख के इनाम वाले 11 नक्सलियों ने किया सरेंडर
HPZ Token Crypto Investment Scam:  दो चीनी नागरिकों सहित 30 के खिलाफ आरोप-पत्र दाखिल
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • छत्तीसगढ़
  • बिहार
  • आंदोलन की खबर
  • सरोकार
  • लेंस संपादकीय
    • Hindi
    • English
  • वीडियो
  • More
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • धर्म
    • अर्थ
    • Podcast
Follow US
© 2025 Rushvi Media LLP. All Rights Reserved.
अन्‍य राज्‍य

गुलबर्ग सोसाइटी केस : 23 साल बाद भी अधूरे न्याय की कहानी

पूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन
Byपूनम ऋतु सेन
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की...
Follow:
Published: February 27, 2025 7:45 PM
Last updated: April 18, 2025 9:35 AM
Share
SHARE

द लेंस डेस्क। दिन 28 फरवरी, साल 2002, स्थान – अहमदाबाद, गुजरात। ये तारीख और जगह भारत के उस काले अध्याय को उजागर करती है जिसको गुजरे 23 साल हो चुके हैं। गुलबर्ग सोसाइटी, गुजरात के अहमदाबाद में स्थित है जो कभी एक शांत मुस्लिम बहुल आवासीय कॉलोनी हुआ करती थी, लेकिन 23 साल बाद आज ये जगह वैसी नहीं रही है। यहां के बंद कमरे, सूने मकान, दर्द बयां करती सड़कें आज भी भारत के इतिहास में एक दर्दनाक और विवादास्पद घटना के रूप में जानी जाती है।

आख़िर क्या हुआ था उस दिन ?

गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाने की घटना हुई, जिसमें 59 लोग मारे गए। इस घटना ने गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़का दी। अगले ही दिन, 28 फरवरी को सुबह 9 बजे के आसपास चमनपुरा इलाके में गुलबर्ग सोसाइटी के बाहर हजारों की भीड़ जमा हो गई। दोपहर तक यह भीड़ हिंसक हो चली। उग्र भीड़ ने सोसाइटी की दीवारें तोड़ दी, घरों में आग लगा दी और वहां के निवासियों पर बेरहमी से हमला किया। छह घंटे तक चले इस हमले में कम से कम 69 लोग मारे गए, जिनमें कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे। 35 से ज्यादा लोगों को जिंदा जला दिया गया या काटकर मार डाला गया, जबकि 31 लोग लापता हो गए, जिन्हें बाद में मृत मान लिया गया।

जाफरी की आखिरी लड़ाई, जकिया का निधन

एहसान जाफरी उस दिन न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि सोसाइटी के कई निवासियों के लिए ढाल बन गए। उन्होंने अपने घर में लोगों को शरण दी और पुलिस से लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी तक को फोन कर मदद की गुहार लगाई। लेकिन समय पर सहायता न मिलने के कारण उन्हें भीड़ ने बेरहमी से मार डाला और जला दिया। उनकी पत्नी जाकिया जाफरी ने इसके बाद न्याय के लिए दो दशक से ज्यादा की लड़ाई लड़ी। 2006 में दायर उनकी याचिका में बड़े अधिकारियों पर साजिश के आरोप लगाए गए, लेकिन एसआईटी और कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। जकिया का निधन भी इसी साल 1 फरवरी को 87 साल की उम्र में हो गया, लेकिन जीते जी उन्हें न्याय नहीं मिल पाया।

गुलबर्ग नरसंहार की कानूनी जंग

इस मामले में पहली एफआईआर मेघानी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई, जिसमें 66 लोग आरोपी बनाए गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर साल 2008 में एसआईटी ने जांच शुरू की। पूर्व सीबीआई प्रमुख आर.के. राघवन इस विशेष जांच दल के अध्यक्ष बनाए गए। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 2 जून 2016 को अहमदाबाद की विशेष अदालत ने 24 लोगों को दोषी ठहराया। 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, 36 को बरी कर दिया गया। बरी होने वालों में बीजेपी के स्थानीय नेता बिपिन पटेल भी थे। इस बीच पीड़ितों और कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर लापरवाही और सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया जो देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। इंस्पेक्टर के.जी. इरडा पर भी सवाल उठे, लेकिन उन्हें बरी कर दिया गया। जून 2022 में एसआईटी जांच रिपोर्ट को सही मानते हुए 60 से अधिक लोगों को गुजरात दंगों के मामले में क्लीनचिट दे दी गई।

गुलबर्ग सोसाइटी: एक छोटी सी दुनिया का अंत

29 बंगलों और 10 फ्लैटों वाली यह सोसाइटी मुस्लिम धर्म को मानने वाले उच्च-मध्यम वर्ग के परिवारों का बसेरा हुआ करती थी। एक पारसी परिवार को छोड़कर, यहां रहने वाले सभी लोग मुस्लिम थे। उस दिन की हिंसा ने इस छोटी सी दुनिया को तबाह कर दिया। आज यह जगह खंडहरों और यादों के बीच खामोश खड़ी है।

आज भी क्यों है चर्चा में?

23 साल बाद भी गुलबर्ग सोसाइटी का जिक्र पुलिस की भूमिका, धार्मिक ध्रुवीकरण और न्यायिक प्रणाली की खामियों को उजागर करता है। जकिया जाफरी की मृत्यु के बाद यह सवाल फिर उठ रहा है कि क्या पीड़ितों को कभी पूरा न्याय मिलेगा? क्या उस दिन की सच्चाई कभी पूरी तरह सामने आएगी?

TAGGED:ehsaan jafrigodharagujrat riotsgulberg societyjakiya jafri
Byपूनम ऋतु सेन
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर लगातार खबर कर रहीं हैं और सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article सामूहिक चेतना पर दाग
Next Article मध्यप्रदेश में 30.77 लाख करोड़ निवेश का दावा
Lens poster

Popular Posts

गुटबाजी पर खड़गे ने ली प्रदेश कांग्रेस की क्लास, पांच एजेंडों पर हुई चर्चा, नेताओं को एक रहने की नसीहत

रायपुर। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सोमवार को छत्तीसगढ़ के दौरे पर रहे। उन्होंने…

By नितिन मिश्रा

बीजापुर में IED विस्फोट, एक जवान शहीद, तीन घायल

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बार फिर कायराना हरकत की है।…

By बप्पी राय

आज कर्नाटक बंद, क्या खुलेगा, क्या बंद रहेगा?

बेंगलुरु| कर्नाटक में आज, 22 मार्च 2025 को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे…

By पूनम ऋतु सेन

You Might Also Like

jk court
अन्‍य राज्‍य

ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मृत शिक्षक को पाकिस्तान आतंकी बताने पर जी न्यूज और न्यूज 18 के खिलाफ एफआईआर

By Lens News Network
Lathi Charge
अन्‍य राज्‍य

हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय में स्कॉलरशिप मांगने पर छात्रों पर आधी रात लाठीचार्ज, 3 गंभीर, 20 घायल

By Lens News Network
अन्‍य राज्‍य

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता को युवक ने मारे थप्पड़, गिरफ्तार

By आवेश तिवारी
अन्‍य राज्‍य

VIT विश्वविद्यालय के प्रोफेसर का शव कमरे में मिला, प्रबंधन के खिलाफ पहले ही गुस्से में थे छात्र

By Lens News Network

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?