The Lens
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Latest News
बीजापुर नेशनल पार्क में दूसरे दिन भी मुठभेड़ जारी, अब तेलंगाना का बड़ा नक्सली भास्कर ढेर
छत्तीसगढ़ उच्च शिक्षा विभाग ने जारी की प्रवेश मार्गदर्शिका, इन नियमों का करना होगा पालन
छत्तीसगढ़ में थाना प्रभारियों का प्रमोशन, 46 TI बने DSP, डीपीसी के बाद राज्य सरकार ने जारी किया आदेश
अरविंद नेताम ने संघ प्रमुख से कहा : अपनी छतरी में बौद्ध, जैन और सिख समुदाय जैसी जगह दे दें आदिवासियों को 
अमिताभ जैन का उत्तराधिकारी खोजने में छूटा पसीना, रेणु पिल्ले के नाम की चर्चा क्‍यों नहीं ?
पहलगाम हमला मानवता और कश्मीरियत पर हमला : पीएम मोदी
रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती, झूम उठा शेयर बाजार,  सेंसेक्‍स 82 हजार के पार
भारतीय मूल का दवा कारोबारी अमेरिका में गिरफ्तार, 149 मिलियन डॉलर की धोखाधड़ी
रायपुर के 4 स्कूलों का होगा युक्तियुक्तकरण, कलेक्टर बोले– दावा आपत्ति के लिए खुले हैं दरवाजे
पुतिन ट्रम्प की बातचीत में उठा ऑपरेशन सिंदूर का मामला, क्रेमलिन ने कहा – ट्रंप ने युद्ध रुकवा दिया
Font ResizerAa
The LensThe Lens
  • देश
  • दुनिया
  • लेंस रिपोर्ट
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
Search
  • होम
  • लेंस रिपोर्ट
  • देश
  • दुनिया
  • Podcast
  • सरोकार
  • छत्तीसगढ़
  • वीडियो
  • More
    • English
    • स्क्रीन
    • खेल
    • अन्‍य राज्‍य
    • आंकड़ा कहता है
    • टेक्नोलॉजी-ऑटोमोबाइल्‍स
    • धर्म
    • नौकरी
    • लेंस अभिमत
    • साहित्य-कला-संस्कृति
    • सेहत-लाइफस्‍टाइल
    • अर्थ
Follow US
© 2025 Foxiz News Network. Ruby Design Company. All Rights Reserved.
The Lens > अन्‍य राज्‍य > गुलबर्ग सोसाइटी केस : 23 साल बाद भी अधूरे न्याय की कहानी
अन्‍य राज्‍य

गुलबर्ग सोसाइटी केस : 23 साल बाद भी अधूरे न्याय की कहानी

Poonam Ritu Sen
Last updated: April 18, 2025 9:35 am
Poonam Ritu Sen
Share
SHARE

द लेंस डेस्क। दिन 28 फरवरी, साल 2002, स्थान – अहमदाबाद, गुजरात। ये तारीख और जगह भारत के उस काले अध्याय को उजागर करती है जिसको गुजरे 23 साल हो चुके हैं। गुलबर्ग सोसाइटी, गुजरात के अहमदाबाद में स्थित है जो कभी एक शांत मुस्लिम बहुल आवासीय कॉलोनी हुआ करती थी, लेकिन 23 साल बाद आज ये जगह वैसी नहीं रही है। यहां के बंद कमरे, सूने मकान, दर्द बयां करती सड़कें आज भी भारत के इतिहास में एक दर्दनाक और विवादास्पद घटना के रूप में जानी जाती है।

आख़िर क्या हुआ था उस दिन ?

गोधरा में 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में आग लगाने की घटना हुई, जिसमें 59 लोग मारे गए। इस घटना ने गुजरात में सांप्रदायिक हिंसा की आग भड़का दी। अगले ही दिन, 28 फरवरी को सुबह 9 बजे के आसपास चमनपुरा इलाके में गुलबर्ग सोसाइटी के बाहर हजारों की भीड़ जमा हो गई। दोपहर तक यह भीड़ हिंसक हो चली। उग्र भीड़ ने सोसाइटी की दीवारें तोड़ दी, घरों में आग लगा दी और वहां के निवासियों पर बेरहमी से हमला किया। छह घंटे तक चले इस हमले में कम से कम 69 लोग मारे गए, जिनमें कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे। 35 से ज्यादा लोगों को जिंदा जला दिया गया या काटकर मार डाला गया, जबकि 31 लोग लापता हो गए, जिन्हें बाद में मृत मान लिया गया।

जाफरी की आखिरी लड़ाई, जकिया का निधन

एहसान जाफरी उस दिन न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि सोसाइटी के कई निवासियों के लिए ढाल बन गए। उन्होंने अपने घर में लोगों को शरण दी और पुलिस से लेकर तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी तक को फोन कर मदद की गुहार लगाई। लेकिन समय पर सहायता न मिलने के कारण उन्हें भीड़ ने बेरहमी से मार डाला और जला दिया। उनकी पत्नी जाकिया जाफरी ने इसके बाद न्याय के लिए दो दशक से ज्यादा की लड़ाई लड़ी। 2006 में दायर उनकी याचिका में बड़े अधिकारियों पर साजिश के आरोप लगाए गए, लेकिन एसआईटी और कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया। जकिया का निधन भी इसी साल 1 फरवरी को 87 साल की उम्र में हो गया, लेकिन जीते जी उन्हें न्याय नहीं मिल पाया।

गुलबर्ग नरसंहार की कानूनी जंग

इस मामले में पहली एफआईआर मेघानी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुई, जिसमें 66 लोग आरोपी बनाए गए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर साल 2008 में एसआईटी ने जांच शुरू की। पूर्व सीबीआई प्रमुख आर.के. राघवन इस विशेष जांच दल के अध्यक्ष बनाए गए। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर 2 जून 2016 को अहमदाबाद की विशेष अदालत ने 24 लोगों को दोषी ठहराया। 11 दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई, 36 को बरी कर दिया गया। बरी होने वालों में बीजेपी के स्थानीय नेता बिपिन पटेल भी थे। इस बीच पीड़ितों और कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर लापरवाही और सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप भी लगाया जो देशभर में चर्चा का विषय बन गया था। इंस्पेक्टर के.जी. इरडा पर भी सवाल उठे, लेकिन उन्हें बरी कर दिया गया। जून 2022 में एसआईटी जांच रिपोर्ट को सही मानते हुए 60 से अधिक लोगों को गुजरात दंगों के मामले में क्लीनचिट दे दी गई।

गुलबर्ग सोसाइटी: एक छोटी सी दुनिया का अंत

29 बंगलों और 10 फ्लैटों वाली यह सोसाइटी मुस्लिम धर्म को मानने वाले उच्च-मध्यम वर्ग के परिवारों का बसेरा हुआ करती थी। एक पारसी परिवार को छोड़कर, यहां रहने वाले सभी लोग मुस्लिम थे। उस दिन की हिंसा ने इस छोटी सी दुनिया को तबाह कर दिया। आज यह जगह खंडहरों और यादों के बीच खामोश खड़ी है।

आज भी क्यों है चर्चा में?

23 साल बाद भी गुलबर्ग सोसाइटी का जिक्र पुलिस की भूमिका, धार्मिक ध्रुवीकरण और न्यायिक प्रणाली की खामियों को उजागर करता है। जकिया जाफरी की मृत्यु के बाद यह सवाल फिर उठ रहा है कि क्या पीड़ितों को कभी पूरा न्याय मिलेगा? क्या उस दिन की सच्चाई कभी पूरी तरह सामने आएगी?

TAGGED:ehsaan jafrigodharagujrat riotsgulberg societyjakiya jafri
Share This Article
Email Copy Link Print
ByPoonam Ritu Sen
Follow:
पूनम ऋतु सेन युवा पत्रकार हैं, इलेक्ट्रिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में बीटेक करने के बाद लिखने,पढ़ने और समाज के अनछुए पहलुओं के बारे में जानने की उत्सुकता पत्रकारिता की ओर खींच लाई। विगत 5 वर्षों से वीमेन, एजुकेशन, पॉलिटिकल, लाइफस्टाइल से जुड़े मुद्दों पर सेन्ट्रल इण्डिया के कई प्रतिष्ठित मीडिया संस्थानों में अलग-अलग पदों पर काम किया है। द लेंस में बतौर जर्नलिस्ट कुछ नया सीखने के उद्देश्य से फरवरी 2025 से सच की तलाश का सफर शुरू किया है।
Previous Article सामूहिक चेतना पर दाग
Next Article मध्यप्रदेश में 30.77 लाख करोड़ निवेश का दावा

Your Trusted Source for Accurate and Timely Updates!

Our commitment to accuracy, impartiality, and delivering breaking news as it happens has earned us the trust of a vast audience. Stay ahead with real-time updates on the latest events, trends.
FacebookLike
XFollow
InstagramFollow
LinkedInFollow
MediumFollow
QuoraFollow

Popular Posts

बदहाल बिहार

कभी कथित तौर पर "जंगलराज" से नवाजे जा चुके बिहार की बिगड़ती कानून व्यवस्था की…

By The Lens Desk

पहलगाम आतंकी हमले पर संयुक्त राष्ट्र ने तोड़ी चुप्पी, जानिए क्या कहा?

नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam Terror Attack) के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच…

By The Lens Desk

केंद्र छत्तीसगढ़ की खदानें लौटाए- बृजमोहन

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की खदानों में खनिज संपदाओं की माइनिंग करने के बाद खदानों के…

By Nitin Mishra

You Might Also Like

Explosion in firecracker factory
अन्‍य राज्‍य

आंध्र प्रदेश : पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, 8 लोगों की मौत

By Arun Pandey
IAS Fouzia Tarannum
अन्‍य राज्‍य

राष्ट्रपति से सम्‍मानित महिला आईएएस को बीजेपी नेता ने कहा पाकिस्‍तानी, जवाब मिला-मेरा काम बोलता है…

By Arun Pandey
अन्‍य राज्‍य

संजय राउत के दावे से सियासी हलचल : संघ मुख्यालय रिटायरमेंट का आवेदन लिखने गए थे मोदी

By Arun Pandey
Nitish Kumar viral video
अन्‍य राज्‍य

सीएम नीतीश कुमार ने फिर की अजीब हरकत, किसके सिर रख दिया गमला

By Lens News Network

© 2025 Rushvi Media LLP. 

Facebook X-twitter Youtube Instagram
  • The Lens.in के बारे में
  • The Lens.in से संपर्क करें
  • Support Us
Lens White Logo
Welcome Back!

Sign in to your account

Username or Email Address
Password

Lost your password?